कब से लग रहा है खरमास? अब 2024 में होगा मांगलिक कार्यों का पुनः आरंभ!

कब से लग रहा है खरमास? अब 2024 में होगा मांगलिक कार्यों का पुनः आरंभ!

खरमास 2023: हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी से चातुर्मास का अंत होता है और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। इस साल 23 नवंबर से शादी-विवाह जैसे मांगलिक एवं शुभ कार्य शुरू हो चुके हैं, लेकिन अब जल्द ही फिर से शुभ कार्यों पर रोक लगने जा रही है क्योंकि खरमास के महीने की शुरुआत होने वाली है। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको खरमास 2023 से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा जैसे तिथि, महत्व आदि। इसके अलावा, इस माह के दौरान क्या करें और क्या न करें, इसके बारे में भी हम बात करेंगे। तो चलिए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं इस माह के बारे में। 

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दिसंबर 2023 में कब से शुरू हो रहा है खरमास?

हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष में दो बार खरमास आता है। यह उस समय लगता है जब-जब सूर्य देव बृहस्पति महाराज के स्वामित्व वाली राशि धनु और मीन में गोचर करते हैं, उस अवधि को खरमास कहा जाता है। इसकी अवधि एक माह यानी कि 30 दिन होती है। इस प्रकार, साल 2023 का अंतिम खरमास 16 दिसंबर 2023 से लगने जा रहा है और इसका अंत नए साल में अर्थात 15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति के दिन होगा। 

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ज्योतिष शास्त्र में खरमास

ज्योतिष के अनुसार, सूर्य देव हर महीने अपनी राशि परिवर्तन करते हैं जिसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इसी क्रम में, सूर्य वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे और धनु राशि में सूर्य के गोचर के साथ ही खरमास का आरंभ हो जाएगा तथा शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी। आपको बता दें कि जिस समय सूर्य देव गुरु बृहस्पति की राशि में विराजमान होते हैं, उस अवधि को गुर्वादित्य कहा जाता है और इस काल में शुभ कार्य करना वर्जित होता है। 

धनु राशि में सूर्य के गोचर को धनु संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार, जब तक सूर्य धनु में रहेंगे, तब तक खरमास का महीना चलेगा। वर्ष 2024 में सूर्य के मकर राशि में गोचर करने के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा और एक बार फिर से मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। 

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धर्म ग्रंथों और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास के दौरान किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, जनेऊ, मुंडन संस्कार आदि संपन्न नहीं किये जाते हैं। इसकी वजह यह है कि खरमास को अशुभ माना जाता है। आइए अब जानते हैं कि खरमास 2023 के दौरान क्यों शुभ कार्य करना निषेध होता है। 

खरमास में क्यों नहीं किये जाते हैं शुभ एवं मांगलिक कार्य?

हम सभी जानते हैं कि खरमास में शुभ काम करना वर्जित होता है, लेकिन क्या है इसके पीछे की वजह चलिए जानते हैं। मान्यताओं के अनुसार, बृहस्पति देव की राशि है धनु और जब सूर्य देव गुरु ग्रह की राशि में गोचर करते हैं, तो उस समय को किसी भी व्यक्ति के लिए शुभ नहीं माना जाता है। वैदिक ज्योतिष की मानें, तो जब तक सूर्य महाराज बृहस्पति की राशि में उपस्थित होते हैं तब तक गुरु ग्रह का बल कमज़ोर रहता है। 

इसके अलावा, इस समय भगवान सूर्य अपना तेज कम कर लेते हैं और इनकी चाल भी काफ़ी धीमी हो जाती है। वहीं, मांगलिक कार्य को संपन्न करने के लिए सूर्य और गुरु दोनों ही ग्रहों का मजबूत होना बेहद आवश्यक होता है। इन्हीं कारणों से खरमास में शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं, अन्यथा जातक को अशुभ फलों की प्राप्ति होती है। 

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खरमास 2023 के शुरू होने से पहले निपटा लें ये काम 

  • खरमास 1 माह तक चलता है और इस समय मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए, इसलिए 16 दिसंबर 2023 से पहले सगाई, विवाह जैसे कार्य शुभ मुहूर्त देखकर कर लें, वरना आपको एक महीने का इंतजार करना पड़ेगा। 
  • यदि आप किसी नए व्यापार या नए काम की शुरुआत करना चाहते हैं, तो खरमास लगने से पहले इस संपन्न कर लें क्योंकि खरमास में किये गए कामों में सफलता नहीं मिलती है। 
  • अगर आप कोई ज़मीन खरीदना चाहते हैं या घर बनवाने का काम शुरू करना चाहते हैं, तो खरमास के शुरू होने से पहले कर लें, अन्यथा आपको 15 जनवरी 2024 तक का इंतज़ार करना पड़ेगा। 

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खरमास में इन उपायों से मिलेगा सूर्य देव और श्रीविष्णु का आशीर्वाद

  • खरमास के दौरान नियमित रूप से शिव चालीसा का पाठ करें। ऐसा कहा जाता है कि इससे घर-परिवार में खुशहाली और धन-समृद्धि आती है।
  • इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा भी शुभ मानी जाती है और इनकी उपासना करने से भक्त को आरोग्यता का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही, सुख-सौभाग्य में भी बढ़ोतरी होती है।
  • खरमास और पौष माह के अंतर्गत शुभ कार्यों को करने की पाबंदी होती है, परंतु इस दौरान सूर्य देव की पूजा-अर्चना करना फलदायी माना जाता है। ऐसे में, खरमास में प्रतिदिन सूर्य देव को जल से अर्घ्य देना चाहिए।
  • खरमास में सूर्य देव के लिए रविवार का व्रत करें। साथ ही, दान-पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
  • धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस माह में सत्यनारायण भगवान की कथा सुनें और संभव हो, तो दान-पुण्य आदि करें। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

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खरमास में भूल से भी न करें ये काम 

  1. खरमास में कभी विवाह और सगाई जैसे मांगलिक कार्य न करें। इसके पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से जातक व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में कई तरह की समस्याओं और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही, जातक को वैवाहिक सुख भी प्राप्त नहीं होता है।
  2. इस माह में नए घर में प्रवेश करने से बचें क्योंकि कहा जाता है कि खरमास में नए घर में प्रवेश करने से दोष लग जाता है और पारिवारिक जीवन अशांति से भर जाता है।
  3. मुंडन, जनेऊ और कर्णवेध जैसे संस्कारों को खरमास में नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। 
  4. खरमास के दौरान नए व्यापार की शुरुआत बिल्कुल न करें क्योंकि इससे व्यक्ति को जीवन में काफ़ी संघर्ष करना पड़ता है और सफलता मिलने की संभवाना भी बेहद कम होती है। 

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