लक्ष्मी पूजन के साथ ही पितरों की विदाई का पर्व है कार्तिक अमावस्या; इस विशेष योग में करें उपाय!

लक्ष्मी पूजन के साथ ही पितरों की विदाई का पर्व है कार्तिक अमावस्या; इस विशेष योग में करें उपाय!

शास्त्रों में कार्तिक माह में पड़ने अमावस्या तिथि का बहुत अधिक महत्व है। माना जाता है कि कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि पर मां लक्ष्मी धरती लोक पर आती हैं। वैसे तो साल की सभी अमावस्या पर स्नान-दान करने से पुण्य मिलता है लेकिन कार्तिक माह की अमावस्या अन्य अमावस्या के मुकाबले बेहद खास मानी जाती है। इस दिन पितरों का तर्पण करने का भी विशेष महत्व है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का विनाश किया था।

ख़ास बात यह है कि इस बार कार्तिक अमावस्या का पर्व बेहद शुभ योग में मनाया जाएगा। तो बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कार्तिक अमावस्या की तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व और प्रचलित पौराणिक कथा के बारे में। साथ ही, शुभ योग में किए जाने वाले आसान उपायों के बारे में भी।

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कार्तिक अमावस्या 2023: तिथि व मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या माह की और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि है और यह तिथि इस बार 13 नवंबर 2023 दिन सोमवार को पड़ रही है।

अमावस्या आरम्भ: 12 नवंबर 2023 की दोपहर 02 बजकर 46 मिनट से 

अमावस्या समाप्त: 13 नवंबर 2023 की दोपहर 02 बजकर 58 मिनट तक।

ज्योतिषियों के अनुसार, धन की देवी मां लक्ष्मी की प्रदोष काल में पूजा की जाती है। इस काल में पूजा करने से सुख और वैभव में वृद्धि होती है।

कार्तिक अमावस्या पर शुभ योग

कार्तिक अमावस्या के दिन बेहद शुभ योग सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। यह एक मंगलकारी योग भी है। इस दिन बनने वाला सौभाग्य योग आपके भाग्य में वृद्धि करने वाला होगा। इस योग में किए गए कार्य का परिणाम भी शुभ होता है। माना जाता है कि इस योग के दौरान माता लक्ष्मी व भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने और मंत्रों का जाप करने से सुख-समृद्धि व धन की प्राप्ति होती है व हर बिगड़े कार्य बनने लगते हैं।

सौभाग्य योग आरंभ : 12 नवंबर 2023 की शाम 04 बजकर 23 मिनट से

सौभाग्य योग समाप्त : 13 नवंबर 2023 की दोपहर 03 बजकर 21 मिनट तक।

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कार्तिक अमावस्या का महत्व

पौराणिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक अमावस्या का महत्व महाभारत के शांतिपर्व में भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं बताते हुए कहा है कि ‘यह मेरा प्रिय दिन है और इस दिन मेरी वंदना से मनुष्य के समस्त ग्रह दोष दूर हो जाएंगे’। इस दिन विधि-विधान से पूजा-पाठ व दान पुण्य करना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और भक्तों पर अपना विशेष आशीर्वाद बनाए रखती हैं। इसके अलावा, इस दिन मां लक्ष्मी के स्वागत में भक्त भजन-कीर्तन, जप, हवन, पाठ करते हुए रात्रि में जागरण करते हैं। इस दिन पूर्वज अपने वंशजों से मिलने आते हैं। इस प्रकार, विशेष पूजा और तर्पण अनुष्ठान करने से उन्हें शांत करने में मदद मिल सकती है।

आइए आगे जानते हैं कार्तिक अमावस्या पर पूजा अनुष्ठान कैसे करना चाहिए।

कार्तिक अमावस्या पर इस विधि से करें पूजा

  • इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कार्यों से निवृत्त हो जाना चाहिए। इसके बाद पूजा करने के लिए साफ कपड़े पहनें।
  • इसके बाद आप माता लक्ष्मी व भगवान गणेश की मूर्ति के सामने दीपक या दीया जलाएं। उन्हें फूल, फल, मिठाई और अन्य प्रसाद चढ़ाएं। इसके अलावा, आप दूध, शहद और अन्य वस्तुएं भी चढ़ा सकते हैं।
  • फिर देवी-देवताओं के मंत्रों का विधि-विधान से जाप करें।
  • पूजा के दौरान धूप और अगरबत्ती जलाएं और आरती करें। साथ ही, भजन व कीर्तन करें।
  • इसके बाद भगवान का आशीर्वाद लें और परिवार व प्रियजनों की भलाई के लिए प्रार्थना कर के पूजा समाप्त करें।
  • इस दिन आप जरूरतमंदों को दान भी कर सकते है। ऐसा करना आपके लिए शुभ रहेगा।

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कार्तिक अमावस्या: पौराणिक कथा

कार्तिक अमावस्या से जुड़ी वैसे तो कई पौराणिक कथाएं हैं लेकिन एक कथा सबसे मुख्य मानी जाती है। कथा के अनुसार, एक बार माता लक्ष्मी ने कार्तिक माह की अमावस्या के दिन पृथ्वी पर आने का फैसला किया लेकिन कार्तिक माह की अमावस्या पर अधिक अंधेरे की वजह से उन्हें सी रास्ता ढूंढने में कठिनाई होने लगी और अंततः, वह अपना रास्ता भूल गई और उन्हें सही दिशा नहीं मिल पाई। कुछ देर बाद अचानक उनकी नजर रास्ते में चलते चलते उन्हें एक स्थान पर कुछ दीपक की रोशनी दिखाई देती है। देवी उस रोशनी के नजदीक जाती हैं तो देखती हैं कि वह एक झोपड़ी होती है। माता लक्ष्मी देखती हैं कि वहां एक वृद्ध स्त्री अपने घर के बाहर दीपक जलाए हुए थी और दरवाजा खुला हुआ था और महिला आंगन में बैठ कर अपना काम कर रही होती है। देवी लक्ष्मी उस वृद्ध महिला से रात भर वहां रुकने के लिए स्थान मांगती हैं। 

वह वृद्ध महिला देवी लक्ष्मी को विश्राम करने के लिए स्थान और बिस्तर आदि की व्यवस्था करती है। देवी लक्ष्मी वहां विश्राम करने के लिए रुक जाती हैं। माता लक्ष्मी वृद्ध महिला के सेवाभाव और समर्पण के भाव को देखकर काफी प्रसन्न होती हैं। इस दौरान वह वृद्ध महिला अपने काम करते करते सो जाती है। अगले दिन, जब महिला उठी, तो उसे बहुत आश्चर्य हुआ, उसकी छोटी सी झोपड़ी एक शाही महल के समान एक बड़े घर में बदल गई थी। घर सोना, धन और अन्न से लबालब भर गया था। उन्हें कभी किसी चीज़ की कमी नहीं हुई। 

बुजुर्ग महिला को पता ही नहीं चला कि कब माता लक्ष्मी उसके घर से चली गईं। फिर महिला ने मन ही मन मां लक्ष्मी को याद किया और उनके दिव्य आशीर्वाद के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। इसके बाद, देवी लक्ष्मी स्वयं उनके सामने प्रकट हुईं और कहा कि जो भक्त कार्तिक अमावस्या के दिन दीपक जलाएंगे, अपने घर को दीपक की रोशनी से रौशन कर देंगे, उन्हें हमेशा मेरा आशीर्वाद प्राप्त होगा और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। तभी से कार्तिक अमावस्या के दिन लोग माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और तेल का दीपक जलाते हैं। 

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कार्तिक अमावस्या पर राशिनुसार उपाय

कार्तिक अमावस्या के दिन बन रहे शुभ योग पर राशिनुसार उपाय करने से भक्तों की हर मनोकामनाओं की पूर्ति होगी। साथ ही, माता लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। नीचे दिए गए इन उपायों को अन्य राशि के जातक भी अपना सकते हैं। तो आइए एक नज़र डालते हैं इन उपायों पर। 

मेष राशि

मेष राशि के जातकों को कार्तिक अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं और घर-परिवार में समृद्धि आती है।

वृषभ राशि

इस राशि के जातकों को इस विशेष दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए। यह एक पुण्य कार्य है और यह कार्तिक अमावस्या के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद कर सकता है।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों को कार्तिक अमावस्या के दिन तिल के तेल से दीया जलाना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों को कार्तिक अमावस्या पर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से शांति, सद्भाव और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, पुराने रोगों से छुटकारा मिलता है।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों को इस विशेष दिन महा मृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के भीतर भय, नकारात्मकता और शारीरिक और मानसिक बीमारियों को दूर होती है।

कन्या राशि

संभव हो तो कन्या राशि के जातकों को कार्तिक अमावस्या के दिन लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में आ रही सभी समस्याओं से जातक को मुक्ति मिलती है। 

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तुला राशि

तुला राशि के जातकों को इस विशेष दिन शिवलिंग पर दूध और शहद चढ़ाना चाहिए और साथ ही भगवान शिव के मंत्र- ऊँ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से बाधाओं को दूर करने और जीवन में सफलता लाने में मदद मिल सकती है।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों को इस अमावस्या के दिन रुद्राभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने और समृद्धि, शांति और खुशी लाने में मदद मिल सकती है।

धनु राशि 

इस राशि के जातकों को कार्तिक अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी या किसी पवित्र जलाशय में डुबकी लगाना चाहिए। यदि ऐसा संभव न हो तो इस दिन नहाने के पानी में कुछ बूंद गंगाजल का डालना चाहिए, उसके बाद स्नान करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से जातक को व्यापार व नौकरी में खूब तरक्की प्राप्त होती है।

मकर राशि

इस दिन आपको माता तुलसी व भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए और साथ ही भगवान विष्णु को भोग लगाते समय तुलसी जरूर चढ़ानी चाहिए। ऐसा करने से जातक को कभी भी धन संबंधी समस्या से दो-चार नहीं होना पड़ता है। 

कुंभ राशि

कार्तिक अमावस्या के दिन कुंभ राशि के जातकों को किसी भी मंदिर में जाकर झाड़ू दान करने चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी का आप पर सदैव आशीर्वाद बना रहेगा।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों को इस दिन महालक्ष्मी मंदिर जाकर पांच कमल के फूल जाकर अर्पित करना चाहिए और पांच तेल का दीपक जलाना चाहिए। साथ ही, माता लक्ष्मी के सामने घी का 9 बत्तियों वाला दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से जातक सभी प्रकार के कर्ज व लोन से छुटकारा पा सकता है।

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