कर्क में शुक्र के तीन अहम परिवर्तन- 360 डिग्री बदलने वाले हैं सभी बारह राशियों का जीवन- जानें अपनी राशि पर प्रभाव!

हर बार की तरह एक अन्य महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की जानकारी और अपने रीडर्स को समय से पहले उससे अवगत और उसके बारे में सभी महत्वपूर्ण बातें बताने के लिहाज से एस्ट्रोसेज एक बार फिर आपके सामने हाजिर है। हमारे इस ब्लॉग मे कर्क राशि में शुक्र के गोचर के साथ ही होने वाले तीन महत्वपूर्ण गतिविधियों की जानकारी हम अपने रीडर्स को देने जा रहे हैं। 

दरअसल शुक्र का कर्क राशि में गोचर 7 अगस्त 2023 को हुआ है। अब कर्क राशि में ही शुक्र वक्री और अस्त भी होगा और 18 अगस्त को 19:17 पर उदय भी होगा जो कि काफी दुर्लभ माना जा रहा है। आइए तो अपने इस ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं शुक्र के कर्क राशि में इन तीन महत्वपूर्ण गतिविधियों का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

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ज्योतिष में शुक्र ग्रह

ज्योतिष में शुक्र को एक महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा दिया गया है क्योंकि यह हमारे विलासिता, प्रेम, रोमांस, कला, आदि पर शासन करता है। इसके अलावा शुक्र को असुरों का स्वामी या गुरु भी कहा जाता है। इसके अलावा शुक्र को शुक्राचार्य या दैत्य गुरु के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा भोर का तारा भी इसका एक नाम है। अब 7 अगस्त 2023 को कर्क राशि में शुक्र का गोचर होने वाला है और इसी राशि में जल्द ही शुक्र अस्त और वक्री भी हो जाएगा। 

शुक्र या किसी अन्य ग्रह का एक ही समय में वक्री और अस्त होना वैदिक ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और यह एक ऐसी घटना है जिस पर देश भर की ज्योतिषी ध्यान लगाकर इसकी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। साथ ही आम लोगों के लिए भी यह ज्योतिषीय घटना उतनी ही महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह हमारे जीवन को स्वाभाविक रूप से प्रभावित करने वाला है। 

बात करें एक ही राशि में शुक्र के गोचर, अस्त अवस्था और वक्री होने की तो क्योंकि वक्री और अस्त दोनों के कारण शुक्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है ऐसे में शुक्र का महत्व अवश्य इससे प्रभावित होने वाला है। जिससे कुछ प्रतिकूल स्थितियों जैसे कि विवाह या वैवाहिक जीवन और रोमांटिक रिश्तों में परेशानियां या धन से संबंधित परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। हालांकि शुक्र का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में शुक्र की स्थिति और दशा और साथ ही अन्य ग्रहों के प्रभाव को देखने के बाद ही निर्धारित किया जा सकता है। 

विभिन्न राशियों पर इस महत्वपूर्ण घटना के प्रभाव को जानने से पहले जान लेते हैं कि अस्त और वक्री की घटना क्या होती है और यह किसी ग्रह को किस तरह से प्रभावित करती है।

कर्क राशि में शुक्र की 3 बड़े परिवर्तन- ग्रहों का वक्री होना 

शुक्र के एक ही राशि में 3 महत्वपूर्ण परिवर्तनों में से एक तो होगा शुक्र का वक्री होना। वैदिक ज्योतिष में किसी गोचर ग्रह की उल्टी गति को वक्री गति के रूप में जाना जाता है। किसी भी ग्रह की उल्टी गति पृथ्वी की स्थिति के सापेक्ष ही होती है। असल में कोई भी ग्रह कभी भी पीछे की ओर या उल्टी गति में चलते नहीं है यह केवल पृथ्वी से देखने पर प्रतीत होता है। एक बिंदु पर ग्रह वास्तव में पृथ्वी के करीब आता है और अपने वास्तविक आकार से बड़ा होने लगता है। यह अपनी कक्षा के चारों ओर घूमने के दौरान एक बिंदु पर पहुंचता है जिसे पृथ्वी से देखने पर ग्रह पीछे की ओर जाता हुआ प्रतीत होता है। यह जानने और समझने वाली बात है कि यह केवल प्रतीत होता है कि ग्रह पीछे की ओर बढ़ रहा है असल में यह कोई वास्तविक घटना नहीं है और ग्रह कभी भी पीछे की ओर नहीं जाते हैं।

कर्क राशि में शुक्र के तीन अहम परिवर्तन- ग्रहों का अस्त होना 

जब भी कोई ग्रह सूर्य के बहुत करीब आ जाता है तो वो अपनी चमक खत्म होने लगती है। उस अवस्था को ग्रहों की दहन या अस्त अवस्था कहा जाता है। अस्त होने की स्थिति में ग्रहों में उनके द्वारा शासित राशियों, भावों, की रक्षा और प्रचार करने की शक्ति कम होने लगती है। सूर्य को ज्योतिष में सभी ग्रहों का राजा माना गया है और इसका प्रभाव बहुत ही गहरा होता है। ऐसे में जो भी ग्रह सूर्य के बहुत नजदीक आता है वह अपनी ऊर्जा और प्राकृतिक कारकों को धीरे-धीरे कम या खोने लगता है और इसी को ज्योतिष में ग्रहों का अस्त होना कहा जाता है। इसके अलावा, अस्त ग्रह का प्रभाव उच्च स्थिति, या मूलत्रिकोण राशि आदि में मौजूद होने के बावजूद कम हो जाता है। दरअसल ग्रह कुछ अंश के भीतर सूर्य के निकट होते हैं और उसके प्रकाश से ढक जाते हैं जिससे वो क्षितिज पर ठीक तरीके से दिखाई नहीं देते हैं और उसका मुख्य उद्देश्य विफल होने लगता है और इसे ही ग्रहों का दहन या अस्त होना कहा जाता है।

कर्क राशि में शुक्र के तीन अहम परिवर्तन- ग्रहों का उदित होना 

जब कोई ग्रह सूर्य से दोबारा दूर जाने लगता है और वापिस अपनी शक्तियाँ प्राप्त करने लगता है तो इसे ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का उदित होना कहा जाता है। सूर्य से दोबारा दूर जाते ही ग्रह अपनी खोयी हुई शक्तियाँ हासिल करने लगता है और इसे ग्रह का उदय कहा जाता है। इस ब्लॉग में हम शुक्र के उदय होने के बारे में भी जानेंगे। शुक्र के उदय होने को अंग्रेज़ी में ‘वीनस राईज़’ या हिन्दी में ‘शुक्र उदय’ के नाम से जाना जाता है। कहते हैं अपनी उदित अवस्था में शुक्र जातकों को वापिस से शुभ और सकारात्मक परिणाम देने लगते हैं और उन क्षेत्रों से परेशानियाँ दूर होने लगती हैं जहां शुक्र अस्त का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था। 

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कर्क राशि में सूर्य शुक्र के तीन अहम परिवर्तन-क्या पड़ेगा राशियों पर प्रभाव? 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके दूसरे घर और सातवें घर का शासन करता है और अपने इस गोचर के दौरान यह आपके चतुर्थ भाव में वक्री होकर अस्त होने वाला है। चौथा घर माता और जीवन की सुख सुविधाओं और विलासिता का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में यह अवधि मेष राशि के जातकों के लिए ज्यादा उपयुक्त नहीं रहने वाली है। 

यदि व्यक्तिगत कुंडली में चंद्रमा अशुभ प्रभाव में है तो आपको दूसरे घर और सातवें घर से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे इस दौरान आपको धन संरक्षित करने में परेशानी हो सकती है, वाणी विकार, या मानसिक चिंताएं आपके जीवन में आ सकती हैं। इसके अलावा आपकी माँ का स्वास्थ आपके लिए चिंता का विषय बन सकता है। आप परिवार के करीबी सदस्यों, जीवनसाथी, या फिर अपने व्यवसायिक साझेदारों के साथ किसी परेशानी या विवाद में भी पड़ सकते हैं क्योंकि इस समय अवधि के दौरान आपके संचार कौशल में कमी देखने को मिलेगी। 

साथ ही मुमकिन है कि आप अपनी भावना दूसरों के सामने व्यक्त करने में भी कामयाब ना हो पाएँ जिसके परिणाम स्वरूप आपके पारिवारिक जीवन में अशांति देखने को मिलेगी। साथ ही इसका असर आपके पेशेवर जीवन पर भी पड़ेगा। हालाँकि, जब 18 अगस्त 2023 को शुक्र उदय होगा, तो ये सभी समस्याएं आपके जीवन से दूर हो जाएंगी और आपको शुभ परिणाम मिलने लगेंगे और आपके घर का माहौल फिर से स्थिर और खुशहाल हो जाएगा।

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके प्रथम भाव और षष्ठ भाव का स्वामी है और शुक्र का यह अहम परिवर्तन आपके तीसरे भाव में होने वाला है जिसके परिणाम स्वरूप आपको फेफड़ों या स्वास तंत्र से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस अवधि में आपको छोटे भाई बहनों के स्वास्थ्य की चिंता परेशान कर सकती है। साथ ही आपका उनके साथ कोई मतभेद या विवाद होने की भी प्रबल आशंका है। 

हालांकि सकारात्मक पक्ष की बात करें तो षष्ठेश के अस्त होने से आपके शत्रु पराजित होंगे और इस अवधि में वह आपको चाह कर भी नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे। आपका अपने पिता या गुरुओं से वाद विवाद होने की भी आशंका है क्योंकि शुक्र आपके नवम भाव पर दृष्टि डाल रहा है। लेकिन 18 अगस्त को शुक्र के कर्क राशि में उदय होते ही आपकी सभी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी और आप एक खुशहाल, परेशानी मुक्त और स्वस्थ जीवन जी पाएंगे।

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवें घर और बारहवें घर का स्वामी है और अब आपके दूसरे घर में वक्री और अस्त अवस्था में गोचर करने जा रहा है। ऐसे में मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर और वक्री और अस्त होना मिश्र परिणाम प्रदान करेगा। यह आपके लिए अनुकूल समय तो नहीं रहने वाला है क्योंकि इस अवधि के दौरान आपके मन में तमाम उलझनें रहने वाली है जिसकी वजह से आपका ध्यान भ्रमित हो सकता है। 

इस राशि के कुछ जातकों को अपने रिश्तो में समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है क्योंकि शुक्र आपके पंचम भाव का स्वामी है। मिथुन राशि के माता-पिता को अपनी संतान के स्वास्थ्य को लेकर कुछ अप्रिय स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं सकारात्मक पक्ष की बात करें तो क्योंकि आपका द्वादशेश अस्त होने जा रहा है ऐसे में आपके खर्चे नियंत्रित होंगे। हालांकि क्योंकि शुक्र वक्री भी हो रहा है ऐसे में कभी-कभी आपके खर्चों में अचानक से बहुत ज्यादा वृद्धि भी देखने को मिल सकती है। 

इसके अलावा शुक्र के इन परिवर्तनों से आपके जीवन में कुछ अनिश्चिततायें और आर्थिक परेशानियां होने की आशंका है। साथ ही आपको इस अवधि में अपनी बातें दूसरों को समझाने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में भी कुछ कठिनाई उठानी पड़ सकती है।  शुक्र का उदय होना आपके लिए अपने रोमांटिक रिश्तों को सुधारने और अपने खर्चों पर अंकुश लगाने के लिहाज से एक अच्छा समय साबित होगा। आपके लिए चीज़ें व्यवस्थित होने लगेंगी और आपके बच्चों के साथ आपके रिश्ते एक बार फिर बेहतर हो जाएंगे। छात्र अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम होंगे और अच्छे अंक लाएंगे।

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र एक शुभ ग्रह है जिसको दो बेहद ही सकारात्मक घर चतुर्थ घर और ग्यारहवें घर का स्वामित्व प्राप्त है। हालांकि यहां पर यह बात गौर करने वाली है कि शुक्र अपनी वक्री और अस्त अवस्था में प्रथम भाव में गोचर करेगा इसलिए यह अवधि आपके लिए ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाली है। साथ ही यह आपके जीवन में ढेरों चुनौतियों की वजह भी बनेगी। शुक्र के इन अहम परिवर्तनों की अवधि आपके आकर्षक व्यक्तित्व पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। आपके जीवन में आर्थिक मुद्दे खड़े हो सकते हैं और यह समय निवेश के लिए भी अनुकूल नहीं माना जा रहा है। आपको अपनी माता के स्वास्थ्य की चिंता भी सताएगी या माताजी के साथ आपके रिश्ते खराब हो सकते हैं। 

इस दौरान आपका घरेलू सुख अर्थात पारिवारिक सुख भी खराब रहने वाला है। इस गोचर के चलते आपके विवाह के सातवें घर पर शुक्र की वक्री स्थिति और वक्री दृष्टि एक बार फिर कारको भाव नाशाय (काभाना) को जन्म देगी इसलिए आप अपने वैवाहिक जीवन में ढेरों समस्याओं का सामना करते नजर आ सकते हैं। साथ ही आपका भी जीवन साथी के साथ भी वाद-विवाद और लड़ाई झगड़े होने की आशंका है। आपकी व्यक्तिगत कुंडली में जन्म कालीन शुक्र की स्थिति के आधार पर स्थिति और भी खराब हो सकती है। 18 अगस्त को जब शुक्र कर्क राशि में उदय होगा तो आपका वैवाहिक जीवन और व्यवसाय बेहतर हो जाएगा। आपके घरेलू जीवन में ख़ुशियाँ आने लगेंगी और आप एकबार फिर व्यक्तिगत और व्यावसायिक तौर पर चीज़ों को पटरी पर लाने में सक्षम होंगे।

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सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें घर का स्वामी है और अब आपके बारहवें घर में वक्री और अस्त अवस्था में गोचर कर रहा है। ऐसे में यह आपके पेशेवर जीवन में किसी बड़ी उठापटक की वजह बनेगा। साथ ही काम के सिलसिले में आपको ढेरों यात्राएं भी करनी पड़ेगी। इस अवधि में आपके खर्चे बढ़ सकते हैं। हालांकि सलाह दी जाती है कि किसी को भी उधार देने के लिए यह समय उचित नहीं रहने वाला है। आपके छोटे भाई बहनों को भी इस दौरान कुछ स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं और निजी जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

आपके प्रतियोगिता के छठे घर पर अस्त और वक्री शुक्र की दृष्टि के चलते किसी भी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को अपनी तैयारियों में कुछ समस्याओं और विघ्न का सामना करना पड़ सकता है। हालाँकि, 18 अगस्त को शुक्र के उदय होने के बाद, आपके जीवन में शुक्र के वक्री होने और अस्त के कारण जो भी समस्याएं आ रही हैं, वे धीरे-धीरे ठीक होने लगेंगी। इस राशि के छात्र बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब होंगे और आपके साथी और अधिकारी एक बार फिर धीरे-धीरे आपका सम्मान और आपके काम पर उचित ध्यान देना शुरू कर देंगे।

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र तुला राशि के तहत धन के दूसरे घर और नवम भाव को नियंत्रित करता है। नवम स्वामी गोचर के परिणाम स्वरूप वित्तीय लाभ और इच्छा के ग्यारहवें घर में वक्री और अस्त होने जा रहे हैं। जैसा कि ग्यारहवाँ भाव बड़े भाई बहनों को दर्शाता है ऐसे में इस अवधि के दौरान आप दोनों के बीच कोई समस्या या विवाद उत्पन्न होने की प्रबल आशंका बनती नजर आ रही है। क्योंकि शुक्र अब वित्त और कमाई दोनों को घर को प्रभावित करने वाला है ऐसे में यह अवधि आर्थिक रूप से आपके लिए अनुकूल नहीं होगी और आपको इस संदर्भ में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा आपको अपने वित्त की योजना बनाने और बचत करने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। 

शुक्र आपका द्वितीय भाव के स्वामी भी हैं इसलिए आपको दूसरे घर से संबंधित मुद्दों जैसे की बचत में कठिनाई, वाणी के चलते समस्या, या मनोवैज्ञानिक समस्याएं का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा आपको परिवार के नजदीकी सदस्यों से भी कुछ परेशानी उठानी पड़ सकती है। वक्री और अस्त शुक्र की दृष्टि के चलते छात्रों को अपनी पढ़ाई में ढेरों समस्याओं का सामना करने की आशंका है। इसके अलावा आपके रोमांटिक रिश्ते में भी परेशानियां खड़ी होने वाली है और इस राशि के माता-पिता भी अपनी संतान के चलते चिंतित नजर आ सकते हैं। कर्क राशि में शुक्र का उदय आपके लिए राहत भरा साबित होगा और आपके सामने आ रही सभी समस्याओं को खत्म कर देगा। यह अवधि आर्थिक रूप से भी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी और आपकी बचत स्थिर हो जाएगी। पारिवारिक सदस्यों के साथ चल रही परेशानियां या मनमुटाव भी समाप्त होंगे और विद्यार्थी पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन करने में एक बार फिर से कामयाब होंगे।

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके पहले और आठवें भाव का स्वामी है और गोचर के साथ आप के दसवें घर में वक्री और अस्त होने वाला है। तुला राशि के जातकों के लग्न स्वामी शुक्र वक्री और अस्त हो रहे हैं ऐसे में आपको अपने स्वास्थ और सेहत के प्रति ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता पड़ेगी। क्योंकि इस अवधि में आप बीमार पड़ सकते हैं और आपके जीवन में ढेर और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। तुला राशि के दशम भाव इस गोचर के चलते आपके व्यवसायिक जीवन में भारी उथल-पुथल मचाने की आशंका है। साथ ही आपकी सार्वजनिक छवि भी इस अवधि में खराब हो सकती है। 

हालांकि सकारात्मक पक्ष पर बात करें तो अष्टमेश का अस्त होना आपके जीवन में अनिश्चितताओं और अचानक आने वाली समस्याओं को नियंत्रित करेगा। आपके चतुर्थ भाव पर वक्री और अस्त शुक्र की दृष्टि के चलते आपकी माता और आपके बीच कुछ विवाद विवाद हो सकते हैं या आपकी माता जी बीमार पड़ सकती हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो आपकी पारिवारिक शांति इस अवधि में भंग रहने वाली है। कर्क राशि में शुक्र के उदय से आपके जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का अंत हो जाएगा। यह अवधि आपके घर के लिए नया वाहन या कोई विलासितापूर्ण वस्तु खरीदने या अपने घर का नवीनीकरण करने का भी अनुकूल साबित होने वाली है।

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके सातवें और बारहवें घर का स्वामी है और अब वक्री और अस्त अवस्था में आपके नवम घर में गोचर कर रहा है। नवम भाव में शुक्र का वक्री होना इस बात के संकेत दे रहा है कि इस राशि के जो जातक विवाह करने की योजना बना रहे थे उन्हें इन योजनाओं को पूरा करने में कुछ बाधाओं या रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। मुमकिन है कि इस अवधि में आपको भाग्य का भरपूर साथ ना मिले और आपको अपना काम पूरा करने में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि इस दौरान परिस्थितियां आपके प्रतिकूल नजर आ रही हैं। 

इसके अलावा इस राशि के जो जातक विदेश यात्रा पर जाने के लिए तैयार थे उन्हें कुछ बाधाओं के चलते अपनी यात्रा स्थगित करनी पड़ सकती है। जिससे आपको थोड़ी निराशा अवश्य होगी। आपके संचार के तीसरे घर को शुक्र दृष्टि दे रहा होगा इसलिए यहां भी आप थोड़े कष्ट उठाने पड़ेंगे। लोग आपके इरादों को गलत समझेंगे और खराब संचार के चलते आपको किसी ना किसी तरह से जीवन में नुकसान लगा रहेगा। हालाँकि, शुक्र के कर्क राशि में उदय के दौरान आपके जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी और आप सकारात्मक कदम उठाने में खुद को सक्षम महसूस करेंगे। शादीशुदा जातक अपने साथी के साथ लंबी दूरी या विदेश यात्रा की योजना बना सकते हैं। जो छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहते हैं उनके लिए भी यह समय अनुकूल रहेगा। आपको अपने पिता, गुरु या गुरुओं का सहयोग मिलेगा। किसी धार्मिक यात्रा के लिए भी यह समय बेहद ही अनुकूल रहने वाला है।

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धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें घर का स्वामी है और आपके लिए बेहद अनुकूल और लाभकारी ग्रह नहीं माना गया है इसीलिए आठवें घर में इसका स्थान बिल्कुल भी अनुकूल नहीं होती है वह भी वक्री और अस्त अवस्था में। इससे आपके जीवन में कई समस्याएं खड़ी होने वाले हैं जैसे महिलाओं को परेशानी या स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतें। आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें और अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें क्योंकि प्रबल आशंका है कि आपको इस अवधि में एलर्जी या फिर वायरस संक्रमण हो सकता है। 

इस अवधि में आपके ससुराल वाले भी आपके लिए कुछ परेशानी खड़ी करने वाले हैं या फिर आपकी चिंता का वजह बनने वाले हैं। आपके और आपके ससुराल वालों के बीच झगड़े और वाद-विवाद होने की प्रबल आशंका है। आपके ग्यारहवें भाव के स्वामी आठवें घर में वक्री और अस्त होने जा रहे हैं इससे आपको कोई भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है इसीलिए कोई भी वित्तीय जोखिम या निर्णय लेते समय सावधान रहें। छठे भाव का स्वामी आठवें घर में वक्री होने से आपका नाम भी खराब हो सकता है या कोई गुप्त या विवाहेतर संबंध उजागर हो सकता है इसलिए आपको अपनी नैतिकता बनाए रखने और अपना चरित्र साफ रखने की सलाह दी जाती है। कर्क राशि में शुक्र का उदय आपके लिए अच्छा समय नहीं साबित होगा, क्योंकि आठवें घर में शुक्र विशेष रूप से महिलाओं के लिए कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकता है। पुरुषों के लिए, विवाहेतर संबंध आदि के रूप में यह यह महिलाओं के कारण परेशानी का कारण बन सकता है।

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके पांचवें घर और दसवें घर का स्वामी है और अब अस्त और वक्री अवस्था में आपके सातवें घर में गोचर कर रहा है। शुक्र आपके लिए योगकारक ग्रह भी माना गया है लेकिन यह गोचर आपके लिए अनुकूल नहीं रहने वाला है। विशेषकर के मकर राशि के उन जातकों के लिए जो किसी से प्रेम करते हैं और अपने प्रेम संबंध को विवाह में बदलने के इच्छुक हैं। प्रबल आशंका बन रही है कि इस दौरान आपको अपने परिवार के सदस्यों से अपने रिश्ते का विरोध झेलना पड़ सकता है। विवाहित जातकों को अपने साथी के अति भावुक स्वभाव के चलते कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा इस राशि के छात्र जातक भी भावनात्मक समस्याओं के चलते अपनी पढ़ाई से थोड़े दूर या अलग हो सकते हैं। 

इस राशि की गर्भवती माताओं को उनकी व्यक्तिगत कुंडली में शुक्र की स्थिति के आधार पर प्रसव के दौरान या गर्भावस्था के दौरान या पूर्व में कोई परेशानियों का सामना करने की भी संकेत मिल रहे हैं। इस अवधि में आपके कार्यस्थल का माहौल कुछ खराब रहने वाला है जिसका प्रभाव आपके प्रदर्शन पर पड़ेगा। इस राशि के जो जातक पार्टनरशिप में व्यवसाय कर रहे हैं उन्हें खर्चों और लाभ के चलते अपने पार्टनर के साथ विवाद का सामना करना पड़ सकता है। आपकी लग्न राशि पर शुक्र की दृष्टि आपको अपने व्यक्तित्व के बारे में सोचने और उसकी बेहतरी के लिए काम करने पर मजबूर करेगी। जब शुक्र कर्क राशि में उदय होगा, तो यह आपके लिए अपने रोमांटिक रिश्ते को आधिकारिक बनाने का एक अच्छा समय होगा। इसके साथ ही आपके पेशेवर जीवन और सामाजिक स्थिति तथा सार्वजनिक छवि में भी वृद्धि होगी।

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे घर और नौवें घर का शासक स्वामी है और अब यह आपके छठे घर में वक्री और अस्त होने जा रहा है। छठा घर शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतिस्पर्धा, मामा, का भाव माना जाता है। इसके अलावा शुक्र आपके लिए एक योग कारक ग्रह भी है और छठे भाव में इसका वक्री होना आपके लिए अनुकूल स्थिति को नहीं दर्शा रहा है क्योंकि आपको अपने माता-पिता के साथ इस दौरान ढेरों मुद्दों पर विरोध, असहमति और वाद विवाद का सामना करना पड़ सकता है। 

इसके अलावा इस राशि के जातकों को स्वास्थ्य समस्याएं भी परेशान करने वाली हैं जैसे कि पेट से संबन्धित, हार्मोनल परेशानियाँ या असंतुलन या फिर छाती में कोई संक्रमण हो सकता है। कुंभ राशि के जातकों को अपने माता-पिता के प्रति ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि प्रबल आशंका है उन्हें स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आपको पहले से ही सलाह दी जाती है कि समय-समय पर उनकी नियमित जांच कराते रहें। इसके अलावा आपको यह भी सलाह दी जाती है कि महिलाओं के प्रति सम्मानजनक रहें क्योंकि उनके साथ किया गया अनुचित व्यवहार यह बहसबाजी समाज में आपकी छवि खराब कर सकता है। 12वें घर पर शुक्र की वक्री दृष्टि आपके खर्चों को बढ़ाएगी। यह खर्चे मुख्य तौर पर मेडिकल संबंधित या यात्रा से जुड़े होने वाले हैं। कर्क राशि में शुक्र के उदय के साथ, आपकी किस्मत में सुधार देखने को मिलेगा और आप अपने माता-पिता से भी समर्थन की उम्मीद कर सकते हैं, हालाँकि आपको अभी भी उनके स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। इसके अलावा यह समय कार, घर या कोई अन्य संपत्ति खरीदने के लिए भी बेहद ही शुभ रहने वाला है। इस संदर्भ में आप योजना बना सकते हैं।

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मीन राशि 

शुक्र आपकी तीसरे और आठवें घर का स्वामी है और अब शिक्षा, प्रेम संबंधों, और बच्चों के पांचवें घर में वक्री और अस्त होने जा रहा है। शुक्र की यह स्थिति आपको अपने बच्चों के साथ गहराई से जुड़ने में मदद करेगी लेकिन शुक्र के कर्क राशि में गोचर के चलते आप उनके साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे उनके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है या फिर उनके व्यवहार में कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती है। 

इस राशि की गर्भवती महिलाओं को अपनी गर्भावस्था में कुछ परेशानियों का सामना करने के लिए संकेत मिल रहे हैं। मीन राशि के जातकों को अपने साथी के सामने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में परेशानी उठानी पड़ेगी और संचार की कमी के चलते गलतफहमी का सामना करना पड़ सकता है। 

मीन राशि के छात्रों को भावनात्मक अशांति के कारण पढ़ाई में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, विशेष रूप से जो छात्र शोध में हैं उन्हें अपने शोध और पेपर लेखन प्रक्रिया में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप विवाहेतर संबंध में हैं तो यह सबके सामने आ सकता है। और पांचवें घर से ग्यारहवें घर पर शुक्र की दृष्टि आपकी संपत्ति या लाभ पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। कर्क राशि में शुक्र का उदय एक ऐसा समय होगा जब आपको अपने साथी के साथ अहंकार की समस्याएं या झड़पें खत्म होती दिखेंगी, और आप रिश्ते को शादी की ओर एक कदम आगे ले जाने का फैसला भी कर सकते हैं। इस राशि के सिंगल लोग भी अपना जीवनसाथी पाने की उम्मीद कर सकते हैं। यदि आप बच्चे के जन्म की योजना बना रहे हैं तो इसके लिए भी समय बेहद अनुकूल है।

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