कामिका एकादशी 2023 के हमारे इस विशेष ब्लॉग में हम आपको कामिका एकादशी व्रत की पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, हम आपको बताएंगे इस एकादशी पर किए जाने वाले सरल व ज्योतिष उपायों के बारे में जिसे अपनाने से आपको मिल सकती है हर प्रकार के आर्थिक संकट से मुक्ति। यदि आप भी इस एकादशी व्रत के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।
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सनातन धर्म में प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी का विशेष महत्व है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। एक महीने में दो बार पड़ने वाली प्रत्येक एकादशी तिथि अलग-अलग नाम और अलग-अलग कामनाओं के लिए जानी जाती है। जैसे श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। सावन माह में पड़ने वाली इस एकादशी की कई विशेषताएं हैं। माना जाता है कि इस एकादशी के दिन जो भक्त भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
कामिका एकादशी व्रत: तिथि व शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष सावन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन कामिका एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस साल कामिका एकादशी 13 जुलाई 2023 को पड़ रही है। इस तिथि का प्रारंभ 12 जुलाई 2023 की शाम 06 बजकर 01 मिनट से होगी और समापन 13 जुलाई 2023 की शाम 06 बजकर 26 मिनट पर होगा।
व्रत पारण मुहूर्त
कामिका एकादशी पारण मुहूर्त : 14 जुलाई 2023 की सुबह 05 बजकर 32 मिनट से सुबह 08 बजकर 18 मिनट तक।
अवधि : 2 घंटे 45 मिनट
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कामिका एकादशी का महत्व
कामिका एकादशी व्रत को लेकर मान्यता है कि जो भी भक्त इस दिन विधि-विधान से व्रत कर भगवान विष्णु की पूजा करता है उसके जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं। यही नहीं कामिका एकादशी का पूजन करने से पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो भक्त कामिका एकादशी का यह व्रत करते हैं उनके जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर होते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कामिका एकादशी की व्रत कथा खुद भगवान श्री कृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को और वशिष्ठ मुनि ने राजा दिलीप को सुनाई थी।
कामिका एकादशी 2023: पूजा विधि
- इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान से निवृत्त हो जाएं और फिर भगवान विष्णु के सामने दीप प्रज्वलित कर व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद एक चौकी लगाएं और इस चौकी को गंगाजल से साफ कर इसमें पीला कपड़ा बिछाकर इस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- फिर भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें।
- भगवान को फल में केला व आम, पीले फूल, पंचामृत चढ़ाएं और भोग में तुलसी की पत्ती जरूर रखें क्योंकि श्री हरि विष्णु को तुलसी की पत्ती अति प्रिय हैं।
- इसके बाद कामिका एकादशी की व्रत कथा पढ़ें और अंत में भगवान विष्णु की आरती करें।
- व्रत वाले दिन रात भर भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करें।
- एकादशी के अगले दिन ब्राह्मण को भोजन कराकर, दक्षिणा देकर विदा करें और फिर पारण मुहूर्त में खुद भोजन ग्रहण करें।
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कामिका एकादशी: व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक गांव में एक ठाकुर रहता था और वह बड़ा ही नेक दिल का था लेकिन उसका स्वभाव काफ़ी क्रोधित था। वह छोटी-छोटी बातों पर क्रोधित हो जाता है जिसके चलते हर रोज़ उसकी किसी न किसी से लड़ाई झगड़ा व मारपीट होती रहती थी। अपनी इसी स्वभाव के कारण एक दिन ठाकुर की लड़ाई एक ब्राह्मण से हो गई। ठाकुर अपने क्रोध पर नियंत्रण नहीं कर सका और उसने हाथापाई के दौरान एक ब्राह्मण की हत्या कर दी। इस कारण ठाकुर पर ब्रह्महत्या का दोष लग गया।
ठाकुर को अपनी गलती का अहसास हुआ और इसका प्रायश्चित करने के लिए उसने ब्राह्मण के दाह संस्कार में शामिल होना चाहा लेकिन पंडितों ने उसे ब्राह्मण की क्रिया में शामिल होने से मना कर दिया। ब्राह्मणों ने ठाकुर से कहा कि तुम ब्राह्मण की हत्या के दोषी हो। इस कारण उसे धार्मिक और सामाजिक कार्यों से भी बहिष्कार कर दिया गया।
इन सभी कारणों से परेशान होकर ठाकुर ने ब्राह्मणों से पूछा कि कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे वे इस दोष से मुक्ति पा लें। तब ब्राह्मणों ने ठाकुर को कामिका एकादशी व्रत के बारे में बताया। ठाकुर ने सावन माह की कामिका एकादशी का व्रत रखा और पूरे विधि-विधान से इसका पालन किया। एक दिन ठाकुर को नींद में भगवान श्री हरि विष्णु के दर्शन हुए। भगवान विष्णु ने ठाकुर से कहा कि उसे इस पाप से मुक्ति मिल गई है। इस घटना के बाद से ही कामिका एकादशी का व्रत रखा जाने लगा।
कामिका एकादशी व्रत कथा का महत्व
कामिका एकादशी की पूजा में कामिका एकादशी की व्रत कथा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि कथा पढ़े बिना पूजा अधूरी मानी जाती है और व्यक्ति को फल की प्राप्ति नहीं होती है। कहा जाता है कि कामिका एकादशी व्रत कथा का पाठ करने से वाजपेय यज्ञ के बराबर फल की प्राप्ति होती है।
कामिका एकादशी के दिन करें ये कल्याणकारी ज्योतिष उपाय
पारिवारिक समस्याओं को दूर करने के लिए
परिवार के सदस्यों के साथ अगर कोई अनबन चल रही है तो कामिका एकादशी के दिन पूजा करते समय दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान विष्णु को अर्पित करें और पूजा के बाद उस जल को पूरे परिवार के सदस्यों को प्रसाद के रूप में बांटे।
आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए
आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए इस दिन तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जरूर जलाएं और ‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’ मंत्र का 11 बार जाप करें।
कर्ज से मुक्ति पाने के लिए
शाम को पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं। माना जाता है कि पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है। मान्यता है इस दिन जल चढ़ाने और दीपक जलाने से व्यक्ति हर प्रकार के कर्ज व लोन से मुक्ति पा लेता है।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा जरूर करें। इस दिन एक पीले कपड़े में दो हल्दी की गांठ, चांदी का सिक्का, अगर संभव न हो तो एक रुपए का सिक्का और पीले रंग की कौड़ी रखें। इस कपड़े की पोटली बना लें। इस पोटली को भगवान का आशीर्वाद लेकर तिजोरी में रखें।
मनोकामना पूर्ति के लिए
अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए कामिका एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु का दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करें और साथ ही, तुलसी की माला से 108 बार ‘ॐ नमो वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जप करें। ऐसा करने से भगवान शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना पूरी करते हैं।
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