दुनिया भर में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव “जन्माष्टमी” 30 अगस्त, 2021 सोमवार को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जायेगा। हर साल भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। कृष्ण के बाल अवस्था की लीलाओं से लेकर महाभारत जैसे युद्ध में गीता के उनके उपदेश से जुड़ी अनेक कथाएं हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं।
श्री कृष्ण के विषय में अनेक ग्रंथों और धार्मिक पुस्तकों में बहुत सारी जानकारियाँ दी गयी हैं, लेकिन कभी-कभी इन कथाओं में कृष्ण के विषय में दी गई बातें पढ़कर हमारे मन में अनेकों सवाल उठते हैं। आज जन्माष्टमी के पावन दिन पर हम आपको कृष्ण से जुड़े ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब देने जा रहे हैं, लेकिन चलिए सबसे पहले जान लेते हैं श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2021 पूजा मुहूर्त-
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जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त और समय :
वैष्णव और स्मार्त सम्प्रदाय के अनुसार तिथि: 30 अगस्त, 2021 सोमवार
निशीथ पूजा मुहूर्त | 23:59:22 से 24:44:14 तक |
अवधि | 0 घंटे 44 मिनट |
जन्माष्टमी पारणा मुहूर्त | 05:57:44 के बाद 31, अगस्त को |
हिंदू धर्म के सबसे नटखट भगवान श्री कृष्ण अलौकिक हैं और जन्माष्टमी यानि इनके जन्मदिन को भी दुनिया भर में बहुत धूम-धाम से मनाते है। चलिए जानते हैं श्री कृष्ण से जुड़े कुछ खास सवालों के जवाब-
- क्यों थी श्री कृष्ण की इतनी गोपियाँ?
अकसर श्री कृष्ण को लेकर एक सवाल जो लोग पूछते हैं कि आखिर उनकी इतनी गोपियां क्यों थी? आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि कई लोक कथाओं में जीवात्मा कहे जाने वाली गोपियां कृष्ण की भक्ति के कारण परमात्मा में लीन होना चाहती थीं अर्थात परमात्मा से मिलना चाहती थीं। ‘हरिवंशपुराण’ और कुछ अन्य पुराणों में भी गोप-गोपियों को देवता बताया गया है।
गोपी “गो” और “पी” दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसकी व्याख्या करें तो –’गो’ यानि इन्द्रियां और ‘पी’ अर्थात पान करना। जो अपनी सभी इन्द्रियों के द्वारा सिर्फ भक्तिरस का ही पान करे, जो श्रीकृष्ण से किसी स्वार्थ या खुद के लिए प्रेम न करे, बल्कि श्रीकृष्ण की सेवा और उनके सुख के लिए श्रीकृष्ण से प्रेम करें वही गोपी है।
- आखिर क्यों कृष्ण ने अर्जुन से निहत्थे कर्ण को मारने को कहा?
महाभारत के युद्ध में श्री कृष्ण ने अर्जुन से निहत्थे कर्ण को मारने को कहा। ऐसा करने के पीछे 2 कारण थे- पहला कि कृष्ण अर्जुन का दुनिया के सबसे बड़े योद्धा होने का अहंकार खत्म करना चाहते थे, इसीलिए कृष्ण ने अर्जुन के हाथ से निहत्थे कर्ण पर बाण चलाने को कहा।
दूसरा, कर्ण जानते थे कि उन्होंने जाने-अनजाने में हमेशा अधर्म का साथ दिया है, लेकिन इसके पश्चात् भी वे अपने जीवन को वैभव के साथ अंत करना चाहते थे और इसके लिए कुरुक्षेत्र की लड़ाई से बेहतर और कोई रास्ता नहीं हो सकता था।
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- क्यों कृष्ण ने नहीं किया राधा से विवाह?
श्री कृष्ण के राधा से विवाह ना करने के कई कारण बताए जाते हैं। जिनमें से सबसे प्रचलित कथा के अनुसार राधा ने एक बार श्री कृष्ण से पूछा कि वह आखिर उनसे विवाह क्यों नहीं करना चाहते? तो श्री कृष्ण ने राधा से कहा कि कोई अपनी ही आत्मा से विवाह कैसे कर सकता है? मतलब वह और राधा एक ही हैं, उनका अस्तित्व अलग-अलग नहीं है। इसीलिए तो आजतक लोग कृष्ण के साथ राधा का ही नाम लेते हैं “राधा-कृष्ण”।
- क्यों चित्र और मूर्तियों में कृष्ण का रंग दिखाते हैं नीला?
भगवान श्री कृष्ण के नीले रंग को अलग-अलग जगहों पर लोग अपने-अपने हिसाब से वर्णित करते हैं। एक मान्यता के अनुसार जब पूतना नामक राक्षसी ने बाल्यावस्था में कृष्ण को मारने के लिए उन्हें जहर वाला दूध पिला दिया था, तभी से उनका रंग नीला हो गया।
इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण का रंग नीला होने के पीछे यह भी मान्यता है, कि श्री कृष्ण प्रकृति का एक प्रतीक हैं और हम सभी जानते हैं कि प्रकृति का अधिकांश हिस्सा नीला है, जैसे- आकाश, सागर, झरने आदि सभी का रंग नीला ही होता हैं, इसीलिए कृष्ण का भी रंग नीला ही है।
क्या आपकी कुंडली में भी मौजूद है राज योग?
आशा करते हैं जन्माष्टमी के बारे में इस लेख में दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी। एस्ट्रोसेज से जुड़े रहने के लिए आप सभी का धन्यवाद।