हिन्दू धर्म में गणेश जी को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है, किसी भी नए या शुभ काम की शुरुआत करने से पहले उनका आशीर्वाद लेना बेहद अहम माना जाता है। गणेश उत्सव के त्यौहार को गणेश भक्तों के लिए विशेष लाभदायक माना जाता है। दस दिनों तक चलने वाले गणपति उत्सव के दौरान गणपति को मोदक का भोग लगाना ख़ास माना जाता है। लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए गणेश जी को हज़ार-हज़ार किलो की संख्या में मोदक चढ़ाते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि बप्पा को मोदक का भोग क्यों लगाया जाता है और क्या है इसका महत्व।
क्यों भाते हैं गणपति को मोदक ?
जैसा की आप सभी जानते हैं कि गणेश जी को एकदंत भी कहा जाता है क्योंकि उनके पास सिर्फ एक ही दांत है। लिहाजा उन्हें खाने में केवल वहीं चीज़ें पसंद हैं जिसे वो आसानी से चबा कर खा सकें। चूँकि मोदक को विशेष रूप से स्टीम करके बनाया जाता है इसलिए वो खाने में बेहद मुलायम होते हैं। यही वजह है कि जब उन्हें हाथी का सिर लगाया गया तो माता पार्वती ने सबसे पहले उन्हें खाने के लिए मोदक दिए। मान्यता है कि उस वक़्त से ही मोदक गणेश जी का ख़ास और पसंदीदा बन गया। एक अन्य कथा के अनुसार पार्वती माता को देवताओं से अमृत का मोदक मिला था जिसे देख गणेश जी का मन काफी विचलित हो उठा था। लिहाजा उन्होनें किसी प्रकार से अपनी बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल पार्वती माता से उस मोदक को प्राप्त कर उसका स्वाद चखा और तब से मोदक उनका पसंदीदा हो गया।
मोदक का महत्व
आपको बता कि मोदक के महत्व का जिक्र वेद पुराणों में भी मिलता है। यजुर्वेद के अनुसार मोदक को खासतौर से ब्रह्माण्ड का स्वरुप माना जाता है जिसे गणेश जी ने खुद के भीतर समाहित किया हुआ है। माना जाता है कि प्रलय के समय गणेश जी इस संसार रुपी मोदक को ग्रहण कर संसार का अंत करते हैं और पुनः सृष्टि के निर्माण के बाद ब्रह्माण्ड की रचना करते हैं। दूसरी तरफ गणेश पुराण के अनुसार गणपति को परब्रह्मा का स्वरुप माना जाता है। कहते हैं कि उनकी उपासना के प्रताप से ही पार्वती माँ को गणेश जी पुत्र स्वरुप प्राप्त हुए थे।
मोदक के अर्थ में छुपा है उसका स्वरुप
बता दें कि शास्त्रों में मोदक का अर्थ आनंददायी कहा गया है। गणेश जी की गणना भी एक आनंददायी भगवान् के रूप में की जाती है। बहरहाल मोदक गणेश गणेश जी के आनंदकारी और शुभ फलदायी स्वरुप को दर्शाता है। इसके साथ ही साथ मोदक को स्वास्थ्यवर्धक भी माना गया है। चूँकि मोदक आटा, मेवा, दूध, नारियल और घी के मिश्रण से बनाया जाता है इसलिए इसे सेहत के लिहाज से भी काफी अनमोल माना जाता है।