गृहमंत्री ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ने का रखा प्रस्ताव, विपक्ष ने किया विरोध!

संसद सत्र में शुक्रवार के दिन केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में सुरक्षा के मद्देनजर कम से कम छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन को आगे बढ़ाने की मांग की है। शाह के इस प्रस्ताव का विशेष रूप से विपक्षी दल कांग्रेस के एक सांसद ने कड़े शब्दों में विरोध किया है। अभी हाल में शाह दो दिन के लिए जम्मू कश्मीर दौड़े पर भी थे और वहां उन्होनें विशेष तौर से अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था और साथ ही घाटी की सम्पूर्ण सुरक्षा का मुआयना किया।

कांग्रेस के इस सांसद ने किया अमित शाह के प्रस्ताव का विरोध

आपको बता दें कि आज केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने सांसद में छह महीने के लिए और राष्ट्रपति शासन को बढ़ाने का आदेश प्रस्ताव रखा है। उन्होनें कहा की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर अभी अगले छह महीने तक जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं करवाया जा सकता है। इस वजह से अगले छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन यथावत रखने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन दूसरी तरफ उनके इस प्रस्ताव का कांग्रेस के संसद मनीष तिवारी ने काफी विरोध किया है। इसके साथ ही आरएसपी के एक सांसद एनके प्रेमचंद्र ने भी कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को बढ़ाने के उनके प्रस्ताव का विरोध किया है। उनका कहना है कि जम्मू में आम जनता काफी लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रहे हैं जिसे अब राजनीतिक फायदे के लिए लागू किया जा रहा है। एनके प्रेमचंद्र ने ये भी कहा कि जब देश भर में लोकसभा चुनाव करवाए जा रहे थे उसी दौरान जम्मू कश्मीर में भी चुनाव क्यों नहीं करवाए गए।

राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के लिए गृहमंत्री ने दिया ये बयान

जम्मू कश्मीर में अगले छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के प्रस्ताव के क्रम में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा की छह महीने पहले वहां कोई भी राजनीतिक दल सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं था। इसी कारणवश वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था और अभी भी वहां स्थिति जस की तस है। श्री शाह ने खा की आने वाले दो जुलाई को जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की छह महीने की अवधि ख़त्म हो जायेगी और इसके बाद भी वहां अगले महीने छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। इसका कारण उन्होनें ये दिया की वहां अभी विधानसभा चुनाव करवाने का माहौल नहीं है।

अमित शाह ने कहा कि अभी अमरनाथ यात्रा और इससे पहले रमजान की वजह से जम्मू में चुनाव करवाना आसान नहीं था। हालाँकि छह महीने के बाद वहां शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव करवाने की उम्मीद की जा सकती है।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.