भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन से ये कहा गया है कि, “ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशेऽर्जुन तिष्ठति” अर्थात, हे अर्जुन! ईश्वर हर व्यक्ति के हृदय में वास करता है। ईश्वर का वास हर प्राणी के कण-कण में है। अतः जिस घर में मनुष्य रहते हैं वहां भी भगवान का वास होता है। इसी लिए लोग अपने घर में सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए ध्यानपूर्वक भगवान की पूजा और आराधना करते हैं। लेकिन बावजूद इसके आपको कई घर ऐसे भी मिल जाएंगे जहाँ भगवान की सुबह-शाम पूजा तो होती है परन्तु फिर भी उस घर में सुख-समृद्धि का अभाव बना रहता है। इसके पीछे यूँ तो कई कारण हो सकते हैं, लेकिन बड़े-बुजुर्गों के अनुसार इसका सबसे मुख्य कारण पूजा करने के दौरान सही नियमों का पालन नहीं करना ही देखा जाता रहा है। माना गया है कि कई बार हम जानकार या अनजाने में कई नियमों का उल्लंघन कर देते हैं जिसके परिणामस्वरूप भगवान हमसे रुष्ट हो जाते हैं और अपनी कृपा-दृष्टि हमपर नहीं रखते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमारे लिए ये बेहद जरूरी है कि हम ईश्वर की आराधना करते समय उसकी उचित पूजा पद्धति का अवश्य ध्यान रखें।
व्रत रखते समय इन 10 बातों का अवश्य रखें ध्यान
तो चलिए जानते हैं कि वे कौन-कौन से नियम हैं जिनका पालन हमें पूजा करते समय अवश्य करना चाहिए।
- पूजा में कभी भी बासी फूल और पत्ते न चढ़ाएं। आप प्रतिदिन पूजा से पहले फूल आदि तोड़ लें लेकिन एक और बात का ध्यान अवश्य रखें, कभी भी पूजा में इस्तेमाल होने वाले फूल को शाम के समय न तोड़ें।
- हमेशा साफ़ और ताज़े जल का उपयोग पूजा में करें। भगवान को जल तांबे के बर्तन में अर्पित करें। गंगाजल कभी भी प्लास्टिक या लोहे-एल्यूमीनियम के बर्तन में न रखें, इससे गंगा जल की पवित्रता प्रभावित हो जाती है। जल लेने से पूर्व आप बर्तन को अच्छी तरह साफ़ कर लें।
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- पूजा के दौरान हमेशा स्वच्छ वस्तुओं का ही इस्तेमाल करें। हाँ, तुलसी पत्ता कभी बासी या पुराना नहीं होता है इसलिए उन्हें जल से धो कर आप दोबारा भगवान की पूजा में इस्तेमाल कर सकते हैं।
- मंदिर में कभी भी चमड़े के जूते या चप्पल पहन कर न जाएँ। मंदिर एक पवित्र स्थान है और चमड़े से बनी कोई भी वस्तु में मृत जीवों का अंग होता है इसीलिए शास्त्रों के अनुसार चमड़े से बनी चीजों को मंदिर से दूर रखना चाहिए।
- पूजा घर में कभी भी किसी मृतक या पूर्वज की फोटो न लगाएँ।
- पीपल के पेड़ में बुधवार और रविवार को जल अर्पित न करें।
- पूजा करते वक़्त घंटी अवश्य बजाएं क्योंकि इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- विष्णु को चावल, गणेश जी को तुलसी, देवी को दूर्वा, सूर्य को विल्व पत्र कभी नहीं चढ़ाना चाहिए, शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से भगवान नाराज हो जाते हैं।
पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के मन को शांति मिलती है। अभी के समय में हर कोई अपने धर्म के अनुसार पूजा करता है। पूजा करते समय हम ऊपर दी गयी छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखकर इसका प्रभाव बढ़ा सकते हैं। आशा करते हैं हमारा यह लेख आपको पसंद आया होगा।
धन्यवाद। …