हरतालिका तीज 2022: जानें इस पर्व का महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं राशि अनुसार उपाय

हिन्दू धर्म में हरतालिका तीज 2022 का बहुत महत्व है क्योंकि महिलाओं द्वारा इस त्योहार को बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। भारत में कुल 3 प्रकार के तीज त्योहार मनाए जाते हैं- हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज। हरतालिका तीज मुख्य रूप से भारत और नेपाल के उत्तरी राज्यों में मनाई जाती है। 

धार्मिक कथाओं में इसे भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक माना गया है, इसलिए इस दिन अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत सबसे पहले देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था। तभी से ही इस व्रत की परंपरा चली आ रही है। यह व्रत करवा चौथ के व्रत की तरह ही किया जाता है। जो कि पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है।

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धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, हरतालिका तीज को सालभर में आने वाले तीनों तीज त्योहारों में सबसे श्रेष्ठ माना गया है और यह पर्व हरियाली तीज और कजरी तीज के बाद मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान शंकर और माता पार्वती को समर्पित होता है और इस दिन इनकी पूजा विधिविधान से करना कल्याणकारी माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला और निराहार व्रत करती हैं।

भगवान शिव की कृपा और किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए हरतालिका तीज का व्रत करना बेहद शुभ माना गया है। अगर आप सोच रहे हैं कि हरतालिका तीज का व्रत सिर्फ विवाहित स्त्रियों द्वारा ही किया जाता है तो आपको बता दें कि इस व्रत को कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं। आइए जानते हैं कि हरतालिका तीज कब है, इसे कैसे मनाया जाता है, इसकी पूजन विधि क्या है और भी काफ़ी कुछ।

हरतालिका तीज 2022: तिथि एवं शुभ मुहूर्त  

तिथि: 30 अगस्त 2022

दिन: मंगलवार

प्रातःकाल मुहूर्त: 05:57:47 से 08:31:19 तक

अवधि: 2 घंटे 33 मिनट

नोट: ऊपर दिया गया मुहूर्त नई दिल्ली के लिए मान्य है। अपने शहर के अनुसार इस दिन का मुहूर्त जानने के लिए यहाँ क्लिक करें। 

कैसे मनाई जाती है हरतालिका तीज?

जैसा कि हम जानते हैं कि सुहागिन और कुंवारी कन्याओं के लिए हरतालिका तीज का व्रत श्रेयस्कर (मंगलकारी, कलयंकारी) होता है। जहाँ इस व्रत को विवाहित स्त्रियाँ सुखी वैवाहिक जीवन के लिए करती हैं, वहीं कुंवारी कन्याएं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए हरतालिका तीज का व्रत करती हैं। शादीशुदा महिलाओं के लिए हरियाली तीज और कजरी तीज बहुत ख़ास होती है क्योंकि इस दिन किये जाने वाले रीति-रिवाज़ों को करने के लिए महिलाएं अपने ससुराल जाती हैं।

इस अवसर पर स्त्रियाँ सुबह-सवेरे जल्दी उठकर स्नान करने के पश्चात नए वस्त्र और गहनें पहनती हैं। साथ ही, अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं, जिसे बेहद शुभ माना जाता है। ससुराल पक्ष के लोग अपनी बहू को सिंजारा यानी कि कीमती उपहार देते हैं, जो हरतालिका तीज की सबसे प्रमुख परंपरा है। सुहागिनों को दिये जाने वाले सिंजारे में चूड़ियां, कपड़े, मेहंदी, सिंदूर और मिठाई विशेष रूप से घेवर आदि चीज़ें शामिल होती हैं। 

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हरतालिका तीज 2022: अनुष्ठान विधि 

हरतालिका तीज पर शुभ फलों की प्राप्ति के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधिविधान से करनी चाहिए। आइये जानते हैं हरतालिका तीज की सही पूजा विधि के बारे में:

  • इस दिन महिलाओं को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद नए वस्त्र धारण करने चाहिए।
  • फिर अपने घर के पास किसी मंदिर में जाकर भगवान शंकर और माँ पार्वती की भक्तिभाव से पूजा करें। अगर संभव हो, तो इस दिन निर्जला व्रत करें। 
  • हिंदू धर्म में पति को परमेश्वर के समान माना जाता है इसलिए अपने पति के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मंदिर से आने के बाद अपने पति के पैर छुएं।
  • शाम के समय, सुहागिन स्त्रियों को दोबारा स्नान करना चाहिए और एक नवविवाहित वधू की तरह अपना श्रृंगार करना चाहिए।
  • हरतालिका तीज की पूजा के लिए, भगवान शिव और माँ पार्वती की मूर्ति का निर्माण रेत व मिट्टी से करें।     
  • इसके बाद, मूर्ति के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं। फिर बेल पत्र व फूल अर्पित करें।   
  • अंत में, माँ पार्वती को समस्त पूजा सामग्री अर्पित करते हुए देवी से सुखी वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करें और हरतालिका व्रत कथा का पाठ करें।   

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हरतालिका तीज 2022: पूजा विधि

  • हरतालिका तीज के शुभ अवसर पर श्रीगणेश, माँ पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें।   
  • पूजा शुरू करने के लिए सबसे पहले इन तीनों देवी-देवताओं की मूर्ति/प्रतिमा बनाएं और सर्वप्रथम भगवान गणेश को तिलक करें और दूर्वा (दूब घास) अर्पित करें।
  • इसके बाद, भगवान शिव को धतूरा, फूल, बेलपत्र, शमी पत्र चढ़ाएं और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।  
  • तीनों देवी-देवताओं को वस्त्र चढ़ाने के बाद हरतालिका तीज व्रत कथा का पाठ करें या फिर सुनें। 
  • कथा पाठ करने के बाद, गणेश जी, शिव जी एवं माँ पार्वती की आरती करें और अंत में प्रसाद का भोग लगाएं।

हरतालिका तीज व्रत करने के नियम 

  • हरतालिका तीज का व्रत जो महिलाएं पहली बार कर रही हैं, उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस व्रत को अधूरा छोड़ना और बीच में तोड़ना वर्जित होता है।
  • इस दिन यदि किसी महिला को मासिकधर्म हो रहे हैं तो उसे भगवान की मूर्तियों को नहीं छूना चाहिए और कथा भी दूर से ही सुननी चाहिए।    
  • इस प्रकार, माँ पार्वती एवं भगवान शिव की पूजा के बाद रात्रि जागरण करना चाहिए। मान्यता है कि जो लोग हरतालिका तीज व्रत की रात्रि को जागरण करने के बजाय सो जाते हैं, उनका अगला जन्म अजगर के रूप में होता है। 

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क्यों लगाई जाती है हरतालिका तीज पर मेहंदी?

सुहागिन स्त्री का श्रृंगार मेहंदी के बिना अधूरा माना जाता है क्योंकि मेहंदी का गहरा लाल रंग पति के प्रेम को दर्शाता है। हरतालिका तीज पर मेहंदी लगाने के पीछे मान्यता है कि माँ पार्वती ने अपने मन में भगवान शंकर को अपना पति मान लिया था, इसलिए शिव जी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन उन्होंने व्रत रखा और हाथों में मेहंदी लगाई। जब शिव जी ने माता पार्वती के हाथों में लगी मेहंदी का लाल रंग देखा तो उन्होंने प्रसन्न होकर देवी पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया था।        

हरतालिका तीज 2022 पर ज़रूर करें इन मंत्रों का जाप

शांति मंत्र

ॐ द्यौः शान्तिरन्तरिक्षं शान्तिः पृथिवी शान्तिरापः शान्तिरोषधयः शान्तिः। वनस्पतयः शान्तिर्विश्वेदेवाः शान्तिर्ब्रह्म शान्तिः सर्वं शान्तिः शान्तिरेव शान्तिः सा मा शान्तिरेधि॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥

क्षमा मंत्र

जगन्मातर्मातस्तव चरणसेवा न रचिता न वा दत्तं देवि द्रविणमपि भूयस्तव मया। तथापि त्वं स्नेहं मयि निरुपमं यत्प्रकुरुषे कुपुत्रो जायेत क्व चिदपि कुमाता न भवति॥

देवी पार्वती का मंत्र

ओम् उमयेए पर्वतयेए जग्दयेए जगत्प्रथिस्थयेए स्हन्तिरुपयेए स्हिवयेए ब्रह्म रुप्नियेए”

शिव मंत्र 

ओम् ह्रयेए महेस्ह्अरयेए स्हम्भवे स्हुल् पद्येए पिनक्ध्रस्हे स्हिवये पस्हुपतये महदेवयअ नमह्”“

हरतालिका तीज पर राशि अनुसार करें ये उपाय  

मेष: मेष राशि की महिलाएं पूजा करते समय लाल रंग का कपड़ा पूजास्थल पर रखें और गाय को मीठी रोटी खिलाएं। संभव हो, तो अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद की सहायता करें। 

वृषभ: इस राशि की महिलाओं को हरतालिका तीज के दिन तुलसी या बांस का पौधा लगाने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी। इस दिन आप बगीचों में पेड़-पौधों को पानी भी दें। 

मिथुन: इस दिन मिथुन राशि की महिला जातकों को अपने परिवार के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना चाहिए और जरूरतमंदों को दवाइयां दान करनी चाहिए।    

कर्क: कर्क राशि की महिलाएं अपने परिवार के बुजुर्गों की इच्छाओं या कामनाओं को पूरा करने की कोशिश करें। इसके अलावा, परिवार के किसी बड़े सदस्य से चावल या चांदी की कोई वस्तु लेकर हमेशा उसे अपने पास रखें। 

सिंह: हरतालिका तीज के दिन, इस राशि की महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वह अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें। साथ ही, इस दिन संध्या के समय गरीब लोगों को अखरोट और नारियल का दान करें।   

कन्या: कन्या राशि की महिलाएं इस दिन किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने और कठोर शब्द कहने से बचें। इस दिन काले रंग के रुमाल या काले वस्त्रों का दान करना आपके लिए शुभ साबित होगा।

तुला: इस राशि की महिला जातकों के लिए गाय को रोटी खिलाना फलदायी साबित होगा, साथ ही आपको अपने माता-पिता के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा।

वृश्चिक: वृश्चिक राशि की महिलाएं हरतालिका तीज पर निर्धन लोगों को मीठी रोटी खिलाएं और छल-कपट के कार्यों से दूरी बनाए रखें।

धनु: धनु राशि की महिलाओं को अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीबों की मदद करनी चाहिए और अगर आप चाहें तो आप किसी असमर्थ व्यक्ति को तीर्थयात्रा पर भी ले जा सकते हैं।

मकर: इस राशि की महिलाओं को हरतालिका तीज के दिन जीव-जंतु एवं जानवरों की सेवा करनी चाहिए। साथ ही किसी भी तरह की बहस या गलत कार्य में शामिल होने से बचें।

कुंभ: कुंभ राशि की महिलाएं दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके अनाज का दान करें। साथ ही इस दिन भैरव मंदिर में दूध चढ़ाना आपके लिए शुभ साबित होगा।

मीन: अगर आपकी राशि मीन है, तो आप किसी भी इंसान से धन उधार लेने से बचें। साथ ही, परिवार के बड़े बुजुर्गों की भावनाओं का सम्मान करें।

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