‘अंजनी पुत्र पवनसुत नामा’ इस पंक्ति का अर्थ तो स्पष्ट है कि यहां पर बात हनुमान भगवान की हो रही है और अंजनी यानी कि उनकी माता का नाम है। पवन पुत्र बजरंगबली को कहा जाता है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि हनुमान भगवान के पिता कौन हैं? क्या आप यह जानते हैं कि अंजनी पुत्र भगवान हनुमान का जन्म कैसे हुआ था? अगर नहीं तो आज अपने इस विशेष आर्टिकल में हम इन सभी सवालों का जवाब जानने के साथ जानने की कोशिश करेंगे भगवान हनुमान के जन्म से जुड़ी कुछ बेहद ही रोचक बातें।
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बजरंगबली की मां को मिला था वानर रूप का श्राप
कहा जाता है भगवान हनुमान की माता मां अंजनी एक अप्सरा थी। हालांकि उन्हें एक श्राप की वजह से पृथ्वी पर वानर रूप में जन्म मिला था। इस श्राप के तहत जब भी मां अंजनी एक पुत्र को जन्म दे देती तब उन्हें अपने इस श्राप से मुक्ति मिल जाती। ऐसे में भगवान हनुमान माँ अंजनी के पुत्र के रूप में पैदा हुए और यह जन्म से ही वानर रूप में थे।
कहा जाता है भगवान हनुमान के पिता का नाम केसरी था, जो बृहस्पति पुत्र थे। केसरी भी भगवान राम के साथ मिलकर रावण की सेना के खिलाफ लड़ रहे थे। कहा जाता है केसरी और मां अंजना ने पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान शिव के कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इन्हें पुत्र रत्न का वरदान दिया था।
बजरंगबली के जन्म से संबंधित कुछ अन्य रोचक बातें
एक कहानी के अनुसार बताया जाता है कि, जब राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए एक यज्ञ करवाया था तब इस यज्ञ से प्राप्त हुई हवि उन्होंने अपने तीनों रानियों में बांट दी। हालांकि इसी दौरान गरुण ने इसका एक टुकड़ा उठा लिया था और यह टुकड़ा गरुड़ के मुख से उसी जगह पर जा गिरा था जहां पर अंजनी पुत्र प्राप्ति के लिए पहले से तपस्या कर रही थी। ऐसे में जब अनजाने में अंजनी ने यह हवि खाई थी तब वह गर्भवती हुई और इस तरह से भगवान हनुमान का जन्म हुआ था।
अधिक जानकारी: कहा जाता है कि, बजरंगबली हनुमान उन आठ अमर देवताओं में से हैं जिन्हें चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है। भगवान हनुमान के अलावा अन्य सात अमर देवता हैं अश्वत्थामा, बली, व्यास, विभीषण, नारद, परशुराम और मार्कण्डेय जी।
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