वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का आम जनजीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है फिर किसी ग्रह का गोचर हो, उसकी वक्री चाल हो, मार्गी अवस्था हो, उदय होना हो, या अस्त होना हो, इन सभी घटनाक्रमों का आम जनजीवन देश-दुनिया पर प्रभाव अवश्य पड़ता है।
हाल ही में यानी 29 अप्रैल को गुरु ग्रह मेष राशि में उदय हुए हैं। गुरु के उदय होने से हंस राजयोग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इस राजयोग को बेहद ही शुभ माना गया है। अपने इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे हंस राजयोग का वैदिक ज्योतिष में क्या महत्व होता है और साथ ही 29 अप्रैल से बने इस राजयोग का किन राशियों पर शुभ प्रभाव देखने को मिलेगा।
दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी
हंस राजयोग
जब किसी कुंडली में बृहस्पति यानी गुरु लग्न अथवा चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें, या दसवें भाव में कर्क धनु या मीन राशि में होते हैं तो हंस राजयोग का निर्माण होता है। हंस राजयोग को बेहद ही शुभ माना गया है और इस योग के प्रभाव से जातक को सुख, समृद्धि, संपत्ति, और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान होती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
हंसराज योग से लाभ कमाएँगी ये राशियां
- कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों को हंस राजयोग का विशेष लाभ प्राप्त होगा। इस राशि के करियर से जुड़े जातक और व्यापारी जातकों को बड़ी सफलता मिलने के योग बन रहे हैं। नौकरी पेशा जातकों को कोई ऐसा ऑफर मिल सकता है जिसका आप लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। साथ ही आपको हर काम में सफलता मिलेगी, भाग्य का साथ मिलेगा, और विदेश जाने के भी योग बनेंगे।
- धनु राशि: धनु राशि के जातकों के लिए भी हंस राजयोग बेहद ही शुभ रहने वाला है। इस दौरान आपको अचानक से धन लाभ मिलेगा। अगर आपने किसी को उधार दिया था और वह आपको वापस नहीं कर रहे थे तो आपको जल्द ही अपना यह पैसा भी वापस मिल जाएगा, आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी, साथ ही इस दौरान आप नई गाड़ी या फिर प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं।
- मीन राशि: इसके अलावा गुरु से बनने वाला यह बेहद ही शुभ योग मीन राशि के जातकों के लिए भी शुभ फलदाई रहेगा। मीन राशि के जातकों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, हर क्षेत्र में तरक्की मिलेगी, जीवन साथी का अपार सहयोग मिलेगा, आय के नए स्रोत खुलेंगे, व्यापार में बड़ा लाभ होगा, हालांकि अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।
पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर: जब गुरु अपनी राशि धनु या मीन में या कर्क में होकर पहले, चौथे, सातवें, या दशम भाव में स्थित हो तो इससे हंस महापुरुष योग बनता है।
उत्तर: पंच महापुरुष राजयोग का निर्माण शनि ग्रह, मंगल ग्रह, बुध ग्रह, गुरु ग्रह, और शुक्र ग्रह से होता है। इनमें से कोई भी ग्रह यदि व्यक्ति की कुंडली के मूल्य केंद्र स्थान पर हो तो इससे महापुरुष योग बनता है।
उत्तर: हंस योग एक बेहद ही शुभ योग है। इससे व्यक्ति को भौतिकवादी प्रगति, आध्यात्मिक विकास आदि प्राप्त होता है।
उत्तर: गुरु के मेष में होने से जातकों के जीवन में नाटकीय परिवर्तन देखने को मिलते हैं, आत्म विश्वास में वृद्धि और ढेरों सकारात्मक परिवर्तन भी होते हैं।
उत्तर: मेष राशि के इष्ट देव भगवान सूर्य और विष्णु भगवान हैं।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!