बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर: देवताओं के गुरु बृहस्पति 1 मई 2024 को मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। बृहस्पति मेष राशि में 14 मई 2025 तक बने रहेंगे। इसी बीच में बृहस्पति 03 मई 2024 से 03 जून 2024 तक अस्त रहेंगे। इसके अलावा, 9 अक्टूबर 2024 से 3 फरवरी 2025 तक बृहस्पति वक्री रहेंगे। अब हम बात करेंगे कि 01 मई 2024 से लेकर 14 मई 2025 के बीच वृषभ राशि में रहते हुए बृहस्पति सभी राशियों को कैसे परिणाम देंगे।
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ज्योतिष में गुरु ग्रह का महत्व
बृहस्पति ग्रह को देवगुरु कहा जाता है और यह ग्रहों के मंत्रिमंडल में भी मंत्री या मार्गदर्शक के रूप में जाने जाते हैं। बृहस्पति शिक्षा, धन, विवाह, दांपत्य और संतान आदि से संबंधित मामलों के कारक माने जाते हैं। इन्हें ज्ञान, धर्म और दर्शन का भी कारक माना जाता है। बृहस्पति को नैसर्गिक रूप से शुभ ग्रह माना जाता है। हालांकि, तात्कालिक रूप से कुछ लोगों को बृहस्पति अशुभ परिणाम भी दे सकते हैं, लेकिन नैसर्गिक रूप से इन्हें शुभ और पवित्र माना जाता है। यदि गुरु आप पर सकारात्मक रूप से प्रभाव डालते हैं तो आपका मन धर्म, समाज और परोपकार आदि में अधिक लगता है। साथ ही, आपके कार्यक्षेत्र में उन्नति तुलनात्मक रूप से ज्यादा होती है।
गुरु ग्रह संतान के अलावा अन्य तरीकों से भी परिवार को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। चाहे वह विवाह के माध्यम से हो या अन्य किसी प्रकार से आपका कुटुंब बढ़े। इस मामले में भी बृहस्पति का अहम योगदान होता है। मान-सम्मान और उच्च पद-प्रतिष्ठा दिलाने में भी बृहस्पति की भूमिका रहती है। यदि आप नौकरीपेशा जातक है, तो बृहस्पति की कृपा से आप किसी बड़ी कंपनी में बड़े पद पर भी पहुंच सकते हैं। आप अपना व्यापार-व्यवसाय करते हैं तो बृहस्पति की कृपा होने की स्थिति में आप बहुत बड़े बिजनेस टाइकून के रूप में भी जाने जा सकते हैं। जीवन को बेहतर तरीके से चलाने में बृहस्पति ग्रह का बड़ा योगदान रहता है।
जैसा कि हमने आपको अभी बताया कि बृहस्पति ग्रह 1 मई 2024 से लेकर 14 मई 2025 तक वृषभ राशि में रहेंगे। यह राशि बृहस्पति के लिए शत्रु राशि मानी जाती है अर्थात बृहस्पति जिनके लिए अनुकूल है उनको बहुत कुछ देना चाहेंगे। शत्रु राशि में रहने के प्रभाव या दबाव के चलते शत-प्रतिशत परिणामों में मामूली सी कमी भी देखने को मिल सकती है। वहीं, जिनको बृहस्पति का यह गोचर नकारात्मक परिणाम देता है, उनके नकारात्मक परिणामों में भी कभी देखने को मिल सकती है। बृहस्पति कुछ लोगों के लिए अच्छे तो कुछ लोगों को कमज़ोर परिणाम भी दे सकते हैं।
बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर: भारतवर्ष पर प्रभाव
बृहस्पति का वृषभ राशि में जाना देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल नहीं कहा जाएगा। दैनिक उपयोग की वस्तुओं में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिल सकती है। अनुशासन और कानून को कमज़ोर करने वाले घटनाक्रम हो सकते हैं। भारतवर्ष में बेरोजगारी का ग्राफ बढ़ सकता है और विदेशों के साथ संबंधों में कमज़ोरी रह सकती है। सरकार के निर्णय नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। शीर्ष पदों पर बैठे लोगों के बयान या निर्णय देश की छवि को कमज़ोर करने वाले रह सकते हैं।
इसके बाद, जून-जुलाई में दैनिक उपयोग वाली वस्तुओं के मूल्य में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है। इसके फलस्वरूप आम जनता नाराज रह सकती है। भय और क्रोध की भावनाओं में भी वृद्धि देखने को मिल सकती है। कहीं कहीं पर उपद्रकारी घटनाएं, लूटमार व हिंसक घटनाएं भी हो सकती हैं। बृहस्पति की स्थिति कुछ राज्यों में सरकारों को अस्थिर करने का काम भी कर सकती है। यहां तक कि कुछ राज्यों की सरकारें भी बदल सकती हैं अथवा सत्ता में बैठे हुए प्रमुख पदों में बदलाव किया जा सकता है। 9 अक्टूबर 2024 से 3 फरवरी 2025 के बीच गुरु ग्रह वक्री रहेंगे। इस अवधि में शासन-प्रशासन की योजनाओं में कमियां या भ्रष्टाचार भी देखने को मिल सकता है। योजनाएं समय से पूरी न होने के कारण आम जनता में आक्रोश देखने को मिल सकता है।
आइए अब जानते हैं कि सभी राशियों को बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर कैसे प्रभावित करेगा?
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और मेष राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में भाग्य भाव तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। वृषभ राशि में गोचर करते हुए ये आपके दूसरे भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर यहां पर बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। इसके फलस्वरूप बृहस्पति आपके भाग्य को मज़बूत बनाएंगे। कर्म के फल तो मिलेंगे, लेकिन सभी मामलों में भाग्य भी साथ देता रहेगा। दूर की यात्राओं के अवसर भी मिल सकते हैं। आर्थिक मामले में बृहस्पति का यह गोचर आपको काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकता है। अच्छा धन लाभ करवाने का संकेत बृहस्पति के द्वारा मिल रहा है। कार्यक्षेत्र से संबंधित मामला हो या फिर अन्य कोई मामला; लगभग हर एक मामले में अच्छी उन्नति के अवसर मिलने के योग हैं। हालांकि, कुछ खर्चे भी हो सकते हैं लेकिन ये खर्च अच्छे कामों में होने के कारण आपको प्रसन्नता भी रहेगी और आप उन खर्चों को करके समाज में प्रतिष्ठा भी प्राप्त कर सकेंगे।
बृहस्पति के इस गोचर के कारण उच्च और प्रतिष्ठित लोगों के साथ आपके संपर्क बढ़ेंगे। यदि आप समाज सेवा या राजनीतिक इत्यादि से जुड़े हुए व्यक्ति हैं तो उन मामलों में आपको काफ़ी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। परिजनों के साथ आपके संबंधों को बेहतर करवाने तथा आपकी प्रगति करवाने में भी बृहस्पति का यह गोचर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ऐसे रिश्तेदार जिनसे कई वर्षों से या लंबे समय से मिलना नहीं हो पाया था, उनके साथ न केवल मेल-मिलाप हो सकेगा बल्कि संबंधों की खोई हुई चमक फिर से वापस लौट सकती है। सारांश यह है कि बृहस्पति का गोचर मेष लग्न या मेष राशि वाले लोगों के लिए काफ़ी अच्छे परिणाम लेकर आ सकता है।
उपाय: घर के आसपास की सड़क के गड्ढे बंद करवाएं और अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करें।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और वृषभ राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में यह वृषभ राशि में गोचर करते हुए आपके पहले भाव में जाएंगे। यहां से बृहस्पति आपको मिले-जुले परिणाम दे सकते हैं। सामान्य तौर पर प्रथम भाव के बृहस्पति को पूज्य माना गया है अर्थात ऐसा बृहस्पति समाज में आपकी छवि को बेहतर करवाने का काम कर सकता है। आपके ज्ञान में वृद्धि होगी और एक विद्वान के नाते, एक समझदार व्यक्ति के नाते लोग आपका सम्मान करना चाहेंगे। लेकिन, अन्य मामलों के लिए बृहस्पति का यह गोचर कमज़ोर रह सकता है। यद्यपि, लाभ भाव का स्वामी पहले भाव में पहुंच रहा है, ऐसे में लाभ अच्छा हो सकता है।
लेकिन, फिर भी गोचरशास्त्र पहले भाव में बैठे बृहस्पति को आमदनी में कमी देने वाला कहते हैं अर्थात आमदनी के रास्ते में कुछ अड़चने आ सकती हैं। हालांकि, फिर भी आवश्यकता के अनुसार आमदनी होती रहेगी, परन्तु खर्च बढ़ सकते हैं। यदि आप धर्म-कर्म में रुचि रखते हैं और स्वयं को शांत रखते हुए पुण्य के कामों से जुड़े रहेंगे तो बृहस्पति का यह गोचर आपके लाभ की संभावनाओं को मजबूत करेगा। बीच-बीच में अप्रत्याशित रूप से भी कुछ धन लाभ हो सकेगा। योग-साधना और मेडिटेशन में आपका लगाव बढ़ेगा। इसके फलस्वरूप अन्य मामलों से उपजे हुए तनाव को आप शांत कर सकेंगे। बृहस्पति का यह गोचर आपको कुछ मामलों में अच्छे परिणाम दे सकता है, तो वहीं अधिकांश मामलों में सावधानी बरतनी होगी।
उपाय: उपाय के रूप में मांस, मदिरा और अंडे का त्याग करें तथा गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।
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बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और मिथुन राशि पर प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में सप्तम भाव के साथ-साथ कर्म स्थान के भी स्वामी हैं। यह अब आपके द्वादश भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर यहां बृहस्पति के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है इसलिए आपके कार्य-व्यवसाय में बृहस्पति का यह गोचर कोई विशेष सहयोग नहीं दे सकेगा। हालांकि, यदि आपके कार्य-व्यापार का संबंध किसी दूर के स्थान से है, तो कभी-कभार कुछ अच्छे प्रपोजल्स और कुछ लाभप्रद सौदे भी आपके हिस्से में आ सकते हैं। लेकिन, सामान्य तौर पर बृहस्पति के इस गोचर से अनुकूलता की बहुत अधिक उम्मीद रखना उचित नहीं होगा।
सप्तम भाव के स्वामी का द्वादश भाव में जाना दैनिक रोजगार में कुछ समस्याएं देने का संकेत कर रहा है। इसके अलावा, दांपत्य जीवन में कुछ विसंगतियां देखने को मिल सकती हैं। विशेषकर ऐसे लोग जो घर-परिवार से दूर कहीं कोई जॉब कर रहे हैं, उन्हें इस गोचर के दौरान मिलने के मौके कम मिल सकेंगे। आमदनी की तुलना में खर्च अधिक रह सकते हैं। बनते-बनते कामों में कुछ रुकावट आ सकती है। व्यापार-व्यवसाय से संबंधित उलझने बीच-बीच में मन को निराश कर सकती हैं। इस गोचर की अवधि में बड़े बुजुर्गों की सेवा करना और उनकी सलाह से काम करना तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम देने में सहायक बन सकता है।
उपाय: साधु-संत और गुरुजनों की सेवा करें तथा पीपल की जड़ों में जल चढ़ाएं।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और कर्क राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपके भाग्य भाव के भी स्वामी हैं। यह अब गोचर करके आपके लाभ भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर यहां पर बृहस्पति के गोचर को काफ़ी अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। इसके फलस्वरूप बृहस्पति का यह गोचर आपके कार्य-व्यापार विशेषकर नौकरी में काफ़ी अच्छे परिणाम देना चाहेगा। यह गोचर प्रमोशन करवाने में अच्छी मदद करेगा क्योंकि वरिष्ठ आपके बारे में सकारात्मक राय रखेंगे और भविष्य में इसका लाभ आपको मिल सकेगा। दूर की यात्राएं फायदेमंद रह सकती हैं, विशेषकर धार्मिक यात्राओं से अच्छा सुकून और शांति मिलने की संभावनाएं हैं।
प्रतिस्पर्धियों से बेहतर स्थिति में रहने में बृहस्पति का यह गोचर आपके लिए फायदेमंद रह सकता है। विभिन्न मामलों से अच्छा लाभ दिलाने में भी यह गोचर सहायक बन सकता है। लाभ प्राप्ति के अनेक अवसर इस दौरान आपके सामने आ सकते हैं। धन के साथ-साथ भूमि और भवन से संबंधित लाभ भी बृहस्पति का यह गोचर आपको दिलाना चाहेगा। वाहन आदि खरीदने के लिए भी अथवा वाहन से संबंधित सुख प्राप्ति के लिए भी इस अवधि को अनुकूल कहा जाएगा। बृहस्पति का यह गोचर कामों में सफलता दिलाने वाला कहा गया है। अतः इस अवधि में शुरू किए गए काम ज्यादा सहजता के साथ संपन्न हो सकेंगे अथवा जिन कामों को आप वर्षों से कर रहे हैं उन कामों को भी अब आप बेहतर तरीके से संपन्न कर सकेंगे। सारांश यह है कि बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर कर्क लग्न या कर्क राशि वालों को काफ़ी अच्छे परिणाम देने का काम कर सकता है।
उपाय: तांबे का कड़ा पहनना शुभ रहेगा।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और सिंह राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में पंचम तथा अष्टम भाव के स्वामी हैं। यह गोचर करते हुए आपके दशम भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर बृहस्पति के गोचर को यहां पर कमज़ोर माना गया है, लेकिन कुछ मामलों में बृहस्पति मददगार भी बन सकते हैं। बृहस्पति का दशम भाव में गोचर कार्यक्षेत्र में व्यवधान देने का काम कर सकता है, लेकिन समस्याओं के बाद भी आपके काम पूरे हो सकेंगे। बेहतर होगा कि इस गोचर की अवधि में वरिष्ठों के साथ अपने तालमेल को बेहतर करें। वरिष्ठों का सम्मान करते रहें और बीच-बीच में उनका मार्गदर्शन भी प्राप्त करते रहें। ऐसा करने की स्थिति में उनके साथ आपके संबंध अच्छे रहेंगे। जो आपके कामों को कंप्लीट करवाने के साथ-साथ आपके प्रमोशन इत्यादि में भी मददगार बन सकेंगे।
यहीं स्थिति आर्थिक मामले में भी देखने को मिल सकती है अर्थात कुछ परेशानियों के बाद धन प्राप्ति की संभावना बनी रहेगी क्योंकि बृहस्पति पंचम दृष्टि से आपके धन भाव को देख रहा है। अतः न केवल प्राप्ति करवाने में बल्कि धन संचय करवाने में भी वह आपकी मदद करना चाहेगा। यद्यपि खर्च भी खूब रह सकते हैं। इस गोचर के दौरान काम का प्रेशर अधिक नहीं लेना है। साथ ही,हर क्षेत्र में वरिष्ठों के साथ संबंधों को बेहतर बनाए रखने की कोशिश करनी होगी, अन्यथा आप किसी न किसी मामले को लेकर तनावग्रस्त रह सकते हैं जिसका दुष्प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। ऐसे में आप प्रसन्न रहें और स्वस्थ बने रहें।
उपाय: प्रत्येक शनिवार को किसी मंदिर में आठ बादाम चढ़ाना शुभ रहेगा।
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बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और कन्या राशि पर उसका प्रभाव
बृहस्पति आपकी कुंडली में चतुर्थ भाव के स्वामी होने के साथ-साथ सप्तम भाव के स्वामी हैं। यह गोचर करके आपके भाग्य भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर यहां पर बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। फलस्वरूप बृहस्पति का यह गोचर आपके भाग्य में वृद्धि करेगा। दैनिक रोजगार और व्यापार-व्यवसाय में आप अच्छा लाभ कमा सकेंगे। यदि उम्र विवाह की है और विवाह करने के लिए आप प्रयासरत भी हैं, तो बृहस्पति का यह गोचर विवाह आदि से संबंधित मामलों में अच्छे परिणाम दे सकता है। वहीं, दांपत्य जीवन सुखमय रहने की संभावनाएं मजबूत होंगी।
घर-गृहस्थी से संबंधित मामलों में भी बृहस्पति का यह गोचर आपको अच्छी अनुकूलता दे सकता है। इस दौरान आपको कामों में अच्छी सफलता मिलनी चाहिए। नई योजनाओं के बनाने और उन पर काम करने में बृहस्पति का यह गोचर सहयोगी बन सकता है। विभिन्न माध्यमों से, विभिन्न कर्मों से लाभ करवाने में भी अवधि सहायक बनेगा। उन्नति के अवसर बीच-बीच में आपको मिलते रहेंगे। आपका मन धार्मिक क्रियाकलापों में लगा रहेगा। दूर की यात्राएं फायदेमंद रहेगी और धार्मिक यात्राओं पर जाने की मौके भी मिल सकते हैं। वरिष्ठों और पिता के साथ आपके संबंध बेहतर रहेंगे। उनके मार्गदर्शन से आपका कल्याण होगा।
उपाय: मांस-मदिरा और अंडे का त्याग करें तथा नियमित रूप से मंदिर जाएं।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और तुला राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी हैं। यह गोचर करके आपके अष्टम भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर बृहस्पति के गोचर को अष्टम भाव में अच्छा नहीं माना जाता है। बृहस्पति आपकी नौकरी में कुछ कठिनाई देने का काम कर सकता है। आर्थिक मामले में भी इस गोचर को अच्छा नहीं माना गया है। विशेषकर यदि आप किसी बैंक या अन्य जगह से कोई लोन लेने के लिए प्रयासरत हैं, तो उस मामले में कठिनाई देखने को मिल सकती है। यदि आपने बैंक के अलावा कहीं से ब्याज आदि पर पैसा लिया है, तो लेनदेन का पक्का हिसाब और प्रमाण जरूर रखें, अन्यथा लेनदेन के हिसाब में गलतफहमी के चलते विवाद भी हो सकता है। भाई-बंधु और पड़ोसियों के साथ संबंधों को पूरी सावधानी के साथ मेंटेन करना होगा। इस गोचर की अवधि में अपने आत्मविश्वास को संतुलित रखें और खानपान का भी ध्यान रखें।
अगर किसी भी प्रकार के रोग की संभावना नजर आए तो उसका इलाज तुरंत अनुभवी चिकित्सक से करवाएं क्योंकि अष्टम भाव का बृहस्पति रोगों का भय देता है। यहां के बृहस्पति को कम आमदनी और अधिक खर्च करवाने वाला भी कहा गया है। अत: धन का प्रबंधन भी बहुत जरूरी रहेगा। घरेलू उलझने भी देखने को मिल सकती हैं। बेकार की यात्राएं अथवा अधिक श्रम के बाद कम परिणाम देने वाली यात्राएं भी संभावित हैं। ऐसा कुछ करने से बचना होगा जो आगे चलकर तनाव का कारण बने अर्थात इन सभी सावधानियां को अपनाने के बाद नकारात्मकता के स्तर को कम किया जा सकेगा। सारांश यह है कि इस गोचर को बहुत अच्छा नहीं कहा जाएगा। अतः हर क्षेत्र में किसी भी प्रकार का जोखिम उठाने से बचें।
उपाय: प्रत्येक शनिवार को सूखे हुए जटा वाले नारियल चार की संख्या में बहते हुए जल में बहाएं।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और वृश्चिक राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में दूसरे तथा पंचम भाव के स्वामी हैं। यह गोचर करके आपके सप्तम भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर बृहस्पति के सप्तम भाव में गोचर को बहुत अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। अतः इस गोचर की अवधि में आप प्रेम संबंधों का बेहतर आनंद ले सकेंगे। यहां पर प्रेम संबंध से हमारा तात्पर्य हर उस रिश्ते से है जो आपकी भावनाओं और दिल से जुड़ा हुआ है। यदि उम्र विवाह की है, तो बृहस्पति का यह गोचर विवाह करवाने में भी आपके लिए मददगार बन सकता है। दैनिक रोजगार में बेहतरी देखने को मिल सकती है। आप नए कार्य-व्यापार की शुरुआत करने के बारे में भी सोच सकते हैं। कहीं न कहीं से उस व्यापार को शुरू करने के लायक धन भी आपको मिल जाना चाहिए।
घर-परिवार और रिश्तेदारी से जुड़े मामलों में भी बृहस्पति का यह गोचर आपको अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। आपको धन लाभ करवाने के साथ-साथ भूमि और भवन से संबंधित लाभ हो सकता है। इसके अलावा, वाहन की प्राप्ति में भी यह गोचर सहायक बन सकता है। हर तरह के सुखों की प्राप्ति में बृहस्पति आपका फ़ेवर कर सकते हैं। यद्यपि कुछ मामलों में कुछ संघर्ष की स्थितियां भी देखने को मिल सकती हैं, लेकिन संघर्ष के बाद कामों में सफलता और उससे अच्छा लाभ भी आपको मिल सकेगा। सारांश यह है कि यह गोचर वृश्चिक लग्न या वृश्चिक राशि वालों के लिए काफ़ी हद तक अनुकूल प्रतीत हो रहा है।
उपाय: नियमित रूप से शिव आराधना करें और कम से कम महीने में एक बार रुद्राभिषेक करवाएं।
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बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और धनु राशि पर उसका प्रभाव
बृहस्पति आपकी कुंडली में लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके चतुर्थ भाव के भी स्वामी हैं। यह गोचर करके आपके छठे भाव में रहने वाले हैं। छठे भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। अतः इस गोचर की अवधि में आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना होगा। विशेषकर जिन्हें पहले से कोई गंभीर रोग है, उन्हें इस दौरान अपने स्वास्थ्य के प्रति बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतनी है। वही, जो लोग पूरी तरह से स्वस्थ और फिट हैं उन्हें योग-व्यायाम और मेडिटेशन करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से वह आने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से स्वयं को बचा सकेंगे। यह बृहस्पति घर-गृहस्थी से संबंधित कुछ परेशानियां या कठिनाइयां देने का काम भी कर सकता है। ऐसे में, जमीन-जायदाद से संबंधित मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही उचित नहीं रहेगी।
यदि आप जमीन खरीदना चाह रहे हैं, तो आपको भली-भांति पड़ताल करने के बाद ही उस सौदे में हाथ डालना चाहिए। यदि आपको थोड़ा भी ऐसा लगे कि यह जमीन विवादित है, तो उस सौदे से दूर रहना ही समझदारी का काम होगा। यदि आपका पुराना वाहन अभी काम कर रहा है तो नए सिरे से वाहन इत्यादि खरीदने से बचें। यथासंभव खर्चों को रोकना होगा। रोग और गुप्त शत्रुओं से भी सावधान रहें। किसी भी प्रतिस्पर्धी या शत्रु को हल्के में लेना उचित नहीं रहेगा। अपने संबंधों और रिश्तेदारी को समय के साथ-साथ उन्हें वैल्यू देना भी जरूरी होगा। अपने निकटतम व्यक्तियों और भाई-बंधुओं से किसी भी प्रकार का विवाद न होने पाए, इस बात का ध्यान रखें, अन्यथा यह आपको तनाव भी दे सकते हैं। सारांश यह है कि बृहस्पति का छठे भाव में यह गोचर आपके लिए बहुत अनुकूल नहीं रहेगा। अतः सावधानी पूर्वक निर्वाह करना होगा।
उपाय: प्रत्येक तीसरे महीने किसी बुजुर्ग पुजारी को पीले कपड़े का दान करें।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और मकर राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में तीसरे तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। यह गोचर करके आपके पंचम भाव में रहने वाले हैं। पंचम भाव में बृहस्पति के गोचर को काफ़ी अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। अतः इस गोचर की अवधि में आप अधिकांश मामलों में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। बृहस्पति का यह गोचर विद्यार्थियों को काफ़ी अच्छे परिणाम देने का काम कर सकता है। इसके अलावा, प्रेम संबंधों में भी अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। जिनकी उम्र विवाह की हो चली है और वह विवाह की कोशिश भी कर रहे हैं तो उनके सगाई और विवाह की संभावनाएं मजबूत होंगी। वहीं, ऐसे विवाहित लोग जो संतान प्राप्ति की इच्छा रख रहे हैं, उन्हें संतान प्राप्ति में बृहस्पति का यह गोचर अच्छे परिणाम दे सकता है।
आपका आत्मविश्वास आपको विभिन्न मामलों में सफलता दिलाने का काम कर सकता है। यदि आपका काम किसी भी तरीके से दूर के स्थान से संबंधित है तो उन कार्य-व्यापार में आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। दूर की यात्राएं फायदेमंद रह सकती हैं। विदेश जाकर अध्ययन या कमाई करने वाले लोग भी अपने इस प्रयास में सफल हो सकेंगे। विशेषकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी काफ़ी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। श्रेष्ठ जनों से संपर्क होगा। लाभ के अवसर मिलते रहेंगे और उन्नति के रास्ते प्रशस्त होंगे। यदि आपने उन अवसरों को सही समय पर पहचान लिया तो आप कुछ विशेष उपलब्धि भी प्राप्त कर सकेंगे। सारांश यह है कि यह गोचर मकर लग्न या मकर राशि वालों को काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकता है।
उपाय: मुफ्त में कोई भी उपहार या दान स्वीकार न करें तथा साधु संत और गुरुजनों की सेवा करें।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और कुंभ राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी हैं। यह गोचर करके आपके चौथे भाव में रहने वाले हैं। यहां पर बृहस्पति के गोचर को अधिकांश मामलों में कमज़ोर लेकिन कुछ मामलों में अच्छे परिणाम देने वाला भी कहा जाता है। ऐसे बृहस्पति के बारे में कहा जाता है कि चतुर्थ में बृहस्पति का गोचर सुख-संपत्ति के साधनों में वृद्धि करवाता है, लेकिन उन संसाधनों से सुख प्राप्त होने में बाधा देता है। उदाहरण के लिए यदि आप लंबे समय से जमीन-जायदाद खरीदने के इच्छुक रहे हैं और इस अवधि में आप किसी तरह से जमीन-जायदाद खरीद भी लेते हैं, तो उस पर घर बनाने में कोई न कोई अड़चन आ सकती है।
कोशिश करके आप उन संसाधनों को प्राप्त भी कर सकेंगे, लेकिन उससे सुख मिले यह जरूरी नहीं है। अन्य मामलों में भी कुछ न कुछ ऐसे कारण हो सकते हैं जो आपको तनाव दे सकते हैं। आप घर-गृहस्थी को लेकर कुछ हद तक तनाव ग्रस्त रह सकते हैं। आर्थिक और पारिवारिक जीवन को लेकर चिंतित रह सकते हैं। मेहनत की अनुरूप उपलब्धियां कमज़ोर होने के कारण भी आप तनावग्रस्त रह सकते हैं। यह गोचर आपको मानसिक अशांति देने का काम कर सकता है। वाहन इत्यादि से संबंधित कुछ परेशानियां रह सकती हैं। साथ ही, वहां सावधानी से चलाना भी जरूरी होगा जिससे चोट-खरोच का भय रह सकता है। आर्थिक जीवन में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करेंगे तो कोई बड़ी समस्या नहीं आएगी, फिर भी बीच-बीच में अनचाहे खर्च देखने को मिल सकते हैं।
उपाय: बड़े बुजुर्गों की सेवा करें तथा सपेरे को दूध देकर निवेदन करें कि वह दूध सांप को पिलाए।
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बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश और मीन राशि पर उसका प्रभाव:
बृहस्पति आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके दशम भाव अर्थात कर्म भाव के भी स्वामी हैं। यह गोचर करके आपके तीसरे भाव में रहेंगे। इस भाव में बृहस्पति के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना जाता है। अतः बृहस्पति का यह गोचर आपसे कुछ बेकार की यात्राएं करवाने का काम कर सकता है। भागदौड़ की तुलना में उपलब्धियां कम रह सकती हैं। जिस कारण से मन विचलित या परेशान सा रह सकता है। हालांकि, वह लोग जो इस वर्ष स्थान परिवर्तन की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें इस दौरान स्थान परिवर्तन करने का मौका मिल सकता है। लेकिन, कुछ लोगों का स्थान परिवर्तन उनकी इच्छा के विरुद्ध भी हो सकता है।
बृहस्पति का यह गोचर बेकार के खर्च करवा सकता है। वहीं आमदनी खर्चे की तुलना में कम रह सकती है। इस कारण से आप कुछ हद तक दबाव या परेशानी का अनुभव कर सकते हैं। इष्ट मित्रों से दूर रहने की स्थितियां निर्मित हो सकती हैं। कुछ मित्रों से नाराजगी या विवाद भी देखने को मिल सकते हैं। कामों में बीच-बीच में कुछ व्यवधान देखने को मिल सकते हैं। इस गोचर की अवधि में अपने वरिष्ठों और मालिकों के साथ आपको अपने संबंध अच्छे रखना चाहिए। जिन लोगों का व्यापार-व्यवसाय यात्राओं से जुड़ा हुआ है, उन्हें व्यापारिक यात्रा की अवधि में पर्याप्त सावधानी अपनाने की आवश्यकता रहेगी।
उपाय: संभव हो, तो प्रत्येक तीसरे महीने कन्या पूजन करके उनका आशीर्वाद लें।
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