गोचर अर्थात ग्रहों का परिवर्तन। ज्योतिष में ग्रहों के गोचर को विशेष महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि जब भी कोई ग्रह परिवर्तन करता है फिर वह चाहे राशि परिवर्तन हो या नक्षत्र परिवर्तन हो या गति परिवर्तन हो इससे मानव जीवन पर शुभ अशुभ दोनों ही तरह के प्रभाव देखने को मिलते हैं।
वैदिक ज्योतिष में सभी ग्रहों की गोचर अवधि अलग-अलग बताई गई है। यूं तो सभी ग्रहों का परिवर्तन महत्वपूर्ण होता है लेकिन जब बात गुरु गोचर की आती है तो इसे ज्यादा महत्व दिया जाता है। इसकी वजह कई हैं। दरअसल बृहस्पति को देवगुरु का दर्जा दिया गया है और यह एक शुभ ग्रह होता है। माना जाता है कि जब भी बृहस्पति का गोचर होता है तो जिन भी भावों पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ती है वहां अमृत के समान शुभ फल व्यक्ति के जीवन में प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है।
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इसके अलावा शनि के बाद बृहस्पति ही दूसरे ऐसे ग्रह हैं जो बेहद ही मंद गति से चलते हैं। यह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में तकरीबन 13 महीनों का समय लगाते हैं। पिछले साल वर्ष 2023 में 22 अप्रैल को गुरु का गोचर हुआ था जब वह अपनी स्वराशि अर्थात मीन से निकलकर मेष में प्रवेश कर चुके थे।
वहीं इस वर्ष अब गुरु दैत्य गुरु शुक्र की राशि में अर्थात वृषभ राशि में 1 मई 2024 को गोचर करने वाले हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि गुरु का यह गोचर कई महीनो में खास, महत्वपूर्ण और विशेष रहने वाला है। आज अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम यही जानने का प्रयत्न करेंगे कि गुरु का यह गोचर सभी 12 राशियों पर किस तरह के प्रभाव डालेगा और क्या कुछ उपाय करके आप गोचर से मिलने वाले नकारात्मक परिणामों को शुभ परिणाम में तब्दील कर सकते हैं।
गुरु गोचर 2024: समय और तिथि
गोचर फल जानने से पहले सबसे पहले जान लेते हैं गुरु का यह गोचर कब और किस समय होने वाला है। ऐसे में तिथि की बात करें तो यह गोचर 1 मई 2024 को होगा और समय की बात करें तो यह दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर होगा जब देवगुरु मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
गुरु के यह परिवर्तन भी रहेंगे अहम: सिर्फ इतना ही नहीं इस गोचर के ठीक 2 दिन बाद यानी की 3 मई को देर रात 22 बजकर 08 मिनट पर गुरु अस्त होने वाले हैं। इसके बाद 1 महीने के बाद अर्थात 3 जून को प्रातः 3 बजकर 21 मिनट से गुरु उदित हो जाएंगे।
यहां यह जानना बेहद आवश्यक है कि सनातन धर्म में जब भी गुरु अस्त होते हैं तब इस दौरान किसी भी तरह का कोई शुभ या मांगलिक कार्य जैसे विवाह आदि नहीं किया जाता है। ऐसे में जब 3 जून से गुरु उदित हो जाएंगे तब मांगलिक कार्य फिर दोबारा से शुरू किया जा सकेंगे।
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इसके बाद वर्ष 2024 में 9 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 01 मिनट पर गुरु वक्री हो जाएंगे और उनकी यह वक्री चाल अर्थात उल्टी चाल अगले साल यानी 4 फरवरी 2025 को तक 13 बजकर 46 मिनट तक रहने वाली है।
ऐसे में गुरु का गोचर ही नहीं वर्ष 2024 में गुरु के तमाम परिवर्तन होने वाले हैं जिससे मानव जीवन निश्चित तौर पर प्रभावित होगा। वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति अर्थात गुरु को शुभ और वृद्धि का कारक ग्रह भी माना जाता है। तो आईए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं गुरु गोचर 2024 आपकी राशि के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आने वाला है।
गुरु गोचर 2024: राशिफल और उपाय
मेष राशि
देव गुरु बृहस्पति आपकी राशि के लिए बहुत महत्वपूर्ण ग्रह हैं क्योंकि यह आपके भाग्य भाव के स्वामी हैं और….(विस्तार से पढ़ें और जानें उपाय)
वृषभ राशि
देवगुरु बृहस्पति आपकी राशि के लिए अष्टम भाव और एकादश भाव के स्वामी हैं। अपने इस गोचर काल में….(विस्तार से पढ़ें और जानें उपाय)
मिथुन राशि
बृहस्पति महाराज आपकी मिथुन राशि के लिए सप्तम और दशम भाव के स्वामी होकर एक महत्वपूर्ण ग्रह हैं और अपने….(विस्तार से पढ़ें और जानें उपाय)
कर्क राशि
देव गुरु बृहस्पति का यह वृषभ राशि में होने वाला गोचर आपकी कर्क राशि से एकादश भाव में होने जा रहा है। देव गुरु बृहस्पति….(विस्तार से पढ़ें और जानें उपाय)
सिंह राशि
देव गुरु बृहस्पति सिंह राशि के जातकों के लिए पंचम भाव और अष्टम भाव के स्वामी हैं। त्रिकोण भाव के स्वामी होने के कारण….(विस्तार से पढ़ें और जानें उपाय)
कन्या राशि
देव गुरु बृहस्पति का गोचर कन्या राशि से नवम भाव में होने जा रहा है। आपकी राशि के लिए यह आपके ….(विस्तार से पढ़ें और जानें उपाय)
तुला राशि
देव गुरु बृहस्पति आपकी तुला राशि से अष्टम भाव में वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। आपकी राशि के लिए यह….(विस्तार से पढ़ें और जानें उपाय)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए बृहस्पति का गोचर सप्तम भाव में होने जा रहा है। आपकी राशि के स्वामी मंगल के लिए देव….(विस्तार से पढ़ें और जानें उपाय)
धनु राशि
गुरु बृहस्पति आपकी धनु राशिके स्वामी ग्रह होने के साथ-साथ आपके चतुर्थ भाव के स्वामी भी हैं। बृहस्पति का गोचर 2024….(विस्तार से पढ़ें और जानें उपाय)
मकर राशि
मकर राशि के लिए देव गुरु बृहस्पति तृतीय और द्वादश भाव के स्वामी होकर कारक ग्रह बन जाते हैं। वर्तमान गोचर में वह ….(विस्तार से पढ़ें और जानें उपाय)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति द्वितीय और एकादश भाव के स्वामी होकर धन भावों के स्वामी बनते हैं और आपके ….(विस्तार से पढ़ें और जानें उपाय)
मीन राशि
देव गुरु बृहस्पति मीन राशि के स्वामी हैं इसलिए आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण ग्रह हैं। आपकी राशि के स्वामी होने के साथ-साथ ….(विस्तार से पढ़ें और जानें उपाय)
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हम आशा करते हैं कि वर्ष 2024 आपके लिए शुभ और मंगलमय हो। एस्ट्रोसेज की ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!