गुरु मीन राशि में अस्त; इन 7 राशियों को रहना होगा सावधान अन्यथा हो सकती है परेशानी।

गुरु मीन राशि में अस्त: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, हमारे जीवन पर ग्रहों का प्रभाव काफी अधिक होता है इसलिए हम सभी महत्वपूर्ण एवं छोटी-बड़ी सभी प्रकार की खगोलीय घटनाओं का विशेष ध्यान रखते हैं। हमारे विद्वान ज्योतिषी हर ग्रह और गोचर के कारण मानव जीवन में होने वाले बदलावों का विश्लेषण करते हैं और आपको उसकी सटीक भविष्यवाणी प्रदान करते हैं ताकि आप आने वाले प्रतिकूल समय के दौरान उचित सावधानी बरत सकें और सही समय का लाभ उठा सकें। 28 मार्च 2023 को देव गुरु बृहस्पति मीन राशि में अस्त होंगे, तो आइए जानते हैं कि गुरु की इस अवस्था परिवर्तन का असर सबसे ज़्यादा किन राशियों पर देखने को मिलेगा। 

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सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति, ज्योतिष की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। जिन जातकों को बृहस्पति महाराज का आशीर्वाद प्राप्त होता है, वे जीवन के हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल करने में सक्षम होते हैं। वहीं दूसरी ओर, जिनकी जन्म कुंडली में  बृहस्पति देव कमज़ोर अवस्था में मौजूद होते हैं, उन्हें जीवन में कई कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। 

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इस ब्लॉग में हम बृहस्पति के मीन राशि में अस्त होने की तिथि, समय और उन 7 राशियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जिनके आर्थिक और पेशेवर जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना बन रही है, लेकिन उससे पहले जान लेते हैं कि ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का क्या महत्व है।

ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का महत्व

ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को ‘गुरु’ कहकर संबोधित किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, यदि किसी जातक को देव गुरु बृहस्पति का आशीर्वाद प्राप्त हो, तो वह जीवन में बड़ी से बड़ी कठिनाई क्षण भर में पार कर सकता है। बृहस्पति देव विस्तार, वृद्धि, उपचार, समृद्धि, चमत्कार, धन, धर्म और बिज़नेस का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन्हें धनु और मीन राशि का स्वामित्व प्राप्त है। इसके अलावा यह विशाखा, पुनर्वसु और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्रों पर भी शासन करते हैं। बृहस्पति देव की उच्च राशि कर्क और नीच राशि मकर है। 

बृहस्पति मीन राशि में अस्त

बृहस्पति देव को राशि परिवर्तन करने में कुल 13 महीनों का समय लगता है। 28 मार्च 2023 की सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर गुरु मीन राशि में अस्त होंगे। आइए अब उन 7 राशियों के बारे में जान लेते हैं, जिन पर इसका सबसे ज़्यादा प्रभाव पड़ने वाला है।

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बृहस्पति मीन राशि में अस्त: इन 7 राशियों को रहना होगा सतर्क !

वृषभ

आपकी कुंडली के आठवें और ग्यारहवें भाव पर बृहस्पति देव का शासन है। ग्यारहवें भाव के स्वामी के रूप में बृहस्पति महाराज का ग्यारहवें भाव में अस्त होना आपके लिए अनुकूल न रहने की आशंका है। ग्यारहवां भाव आर्थिक उन्नति और पेशेवर जीवन का प्रतिनिधित्व करता है। इस दौरान आपके खर्चों में वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप आपकी आर्थिक स्थिति डामाडोल हो सकती है। आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी प्रकार का बड़ा निवेश करने से बचें और आर्थिक मामलों में सावधानी बरतें। वहीं, कार्यस्थल पर आप अपने सहकर्मियों या वरिष्ठों से विवाद में पड़ सकते हैं, जिसके कारण आपके प्रमोशन में बाधाएं आने की आशंका है। अगर आपको कहीं से पैसे मिलने की उम्मीद है तो इसमें देरी हो सकती है। इस अवधि में जातकों को अपने प्रोफेशनल संबंधों और आर्थिक मामलों में बहुत समझदारी से आगे बढ़ने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपकी नौकरी और बिज़नेस दोनों पर ही इसके नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।  

मिथुन

आपकी राशि के दोनों त्रिकोण भावों यानी कि सातवें और दसवें पर बृहस्पति महाराज का शासन है और अब यह आपके प्रोफेशन के दसवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। इस दौरान आप कार्यस्थल पर अपने बॉस या वरिष्ठ सहकर्मियों के साथ विवाद में पड़ सकते हैं। आपके शत्रु इसका फायदा उठाकर आपकी छवि ख़राब करने करने की कोशिश करेंगे।  बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए यह समय ज्यादा अनुकूल न रहने की आशंका है। बिज़नेस और पार्टनरशिप, दोनों ही भावों में अस्थिरता आने के योग बन सकते हैं। बृहस्पति देव का नकारात्मक प्रभाव आपकी कमाई और लाभ पर पड़ सकता है। आपकी कुंडली के दूसरे भाव पर बृहस्पति महाराज की दृष्टि पड़ रही है, जिसका प्रभाव आपकी कमाई और आर्थिक स्थिति पर देखने को मिल सकता है। बृहस्पति महाराज के अस्त होने के परिणामस्वरूप मिथुन राशि के जातक पैसे बचाने और कमाने में परेशानी का अनुभव कर सकते हैं इसलिए आपको सचेत और सावधान रहने की आवश्यकता होगी।

कर्क

बृहस्पति आपकी कुंडली के छठे और नौवें भाव पर शासन करते हैं। अब यह आपकी कुंडली के नौवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं और उनकी दृष्टि संवाद के भाव यानी तीसरे पर पड़ रही है। इस दौरान आपको अपनी ख़राब भाषा शैली के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।  आपको अपने पिता और अधिकारियों का समर्थन भी न मिलने की आशंका है। इसके अलावा, अपने गलत शब्दों के कारण आप विवादों में भी पड़ सकते हैं। वहीं अगर आप किसी काम के सिलसिले से यात्रा पर जाने की तैयारी में हैं, तो आपका प्लान आगे के लिए टल सकता है। कर्क राशि के जातक धोखाधड़ी का शिकार भी हो सकते हैं, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी कुंडली में बृहस्पति की दशा कैसी है, इसलिए इस अवधि में आपको अपनी भाषा को लेकर अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। 

कन्या

बृहस्पति आपकी कुंडली के सातवें और दसवें भाव पर शासन करते हैं और अब यह आपकी कुंडली के सातवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। यह वक्त, बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए बहुत अच्छा साबित नहीं हो सकता है। इस अवधि में आप अपने व्यावसायिक साझेदार (बिजनेस पार्टनर) के साथ विवाद में पड़ सकते हैं। आप दोनों के बीच गलतफहमियां हो सकती हैं। इसके अलावा आपका पार्टनर आपको धोखा दे सकता है। इस दौरान आपको अधिक खर्चों का भी सामना करना पड़ सकता है और आपके लिए इसे मैनेज करना थोड़ा मुश्किल होगा।

वृश्चिक

आपकी कुंडली के दूसरे और पांचवें भाव पर बृहस्पति महाराज का आधिपत्य है और अब यह रचनात्मकता के पांचवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। इस वक्त में आपको अपने विचारों को प्रकट करने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। संभव है कि आपके आसपास के लोग आपकी बातों को ज्यादा तर्जी न दें, जिसके परिणामस्वरूप आपकी सोच नकारात्मक हो सकती है। दूसरे भाव के स्वामी का अस्त होना आपके पेशेवर जीवन के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। अगर आपका प्रमोशन रुका हुआ था तो आपको थोड़ा और इंतज़ार करना पड़ सकता है। इसके अलावा बच्चों या परिवार के किसी अन्य सदस्य के बीमार होने के कारण आपको अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप आपकी आर्थिक स्थिति गड़बड़ा सकती है इसलिए आपको सलाह दी जाती है सतर्क रहें और अधिक नकारात्मक न सोचें।

धनु

आपकी कुंडली के लग्न और चौथे भाव पर बृहस्पति देव का शासन है। लग्न भाव के स्वामी का चौथे भाव में अस्त होना आपके लिए अनुकूल नहीं है। इस अवधि में आप अपनी माता जी की सेहत को लेकर चिंतित रह सकते हैं। आपको अपनी माता जी के बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है। इसके अलावा, अस्त स्थिति में बृहस्पति महाराज की दृष्टि आपकी कुंडली के दसवें भाव पर पड़ रही है, जो कि पेशेवर जीवन का प्रतिनिधित्व करता है। इसके प्रभावस्वरूप कार्यस्थल पर आपकी छवि ख़राब होने की आशंका है। दफ्तर में उच्च अधिकारियों की नज़र में आपकी छवि ख़राब होने के कारण आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप किसी काम के सिलसिले से लंबी दूरी की यात्रा जैसे विदेश जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो उसमें विघ्न आ सकते हैं या फिर आपका प्लान आगे के लिए टल सकता है। आपकी कुंडली के बारहवें भाव पर बृहस्पति महाराज की दृष्टि पड़ रही है इसलिए अगर आप बिज़नेस के लिहाज से विदेश में निवेश करने के विचार में हैं, तो आप थोड़ा इंतज़ार करें क्योंकि आपके पैसे अटकने की आशंका है। आर्थिक मामलों को लेकर सतर्कता से आगे बढ़ें।

मीन

बृहस्पति महाराज आपकी कुंडली के लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं और अब यह लग्न भाव में ही अस्त होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आप पर काम का दबाव अधिक होगा, जिसके कारण आपकी सेहत में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। इन दोनों परिस्थितियों के कारण आपकी आर्थिक स्थिति पर भी गहरा असर पड़ सकता है। इस दौरान, कार्यस्थल पर आपके विरोधी आपकी छवि ख़राब करने का प्रयास करेंगे, इसलिए आपको सतर्क रहते हुए आगे बढ़ना होगा और अपनी सेहत का खास ख्याल रखना होगा। 

गुरु मीन राशि में अस्त: उपाय

  • मुमकिन हो तो सोने की कोई वस्तु धारण करें।
  • पीले रंग के वस्त्र ज्यादा से ज्यादा पहनने की कोशिश करें।
  • बृहस्पतिवार का व्रत करें।
  • मंदिर में गुड़ और चने की दाल दान करें।
  • मांस और मदिरा के सेवन से बचें।
  • प्रतिदिन 108 बार बृहस्पति के बीज मंत्र ‘ॐ ग्रां ग्रीं सः गुरुवे नमः’ का जाप करें।

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