मौसम के बदलते मिज़ाज ने खासतौर से गुजरात के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए मुसीबत पैदा कर दी है। मौसम विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में इस बात का अंदेशा जताया जा रहा है कि आने वाले बारह घंटों में “वायु” नाम का चक्रवात कोहराम मचा सकता है। फिलहाल ये चक्रवात गुजरात के समुद्री तटों से करीबन 650 किलोमीटर दूर है लेकिन कल 13 तारीख़ तक ये गुजरात में भी प्रवेश कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का फरमान जारी किया
बता दें कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने बीते मंगलवार को आने वाले चक्रवात तूफ़ान “वायु” से लोगों को बचाने के लिए विशेष फरमान जारी किये हैं। उन्होनें दक्षिणी गुजरात के सभी तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का पुख्ता इंतजाम करने की अनुमति दी है। इस स्थिति से बचाव के लिए गुजरात सरकार लगातार ओडिशा सरकार से संपर्क में है क्योंकि इससे पहले ओडिशा ने भी “फैनी” नाम के चक्रवात तूफ़ान का सामना किया हुआ है। सुरक्षा के मद्देनजर गुजरात के सभी बंदरगाहों पर “वायु” से सुरक्षा के लिए आपदा प्रबंधन योजना लागू कर दी गयी है।
ऐसा हो सकता है “वायु” का कहर
इस चक्रवात तूफ़ान से गुजरात के सूरत, अमरेली, पोरबंदर, सोमनाथ, भावनगर, भुज आदि शहर में तेज़ हवा के साथ बारिश हो सकती है। इसके साथ साथ ये चक्रवात महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र खासतौर से मुंबई में भी तांडव मचा सकता है। ये तूफ़ान करीबन 135 किलोमीटर की तेज़ रफ़्तार से चलेगा जिस वजह से तटीय इलाकों में भारी तबाही हो सकती है।
उत्तर भारत पर भी पड़ सकता है इसका प्रभाव
आपको बता दें कि मौसम विभाग ने पहले ही इस बार उत्तर भारत में मानसून की देरी से आने की आशंका जताई है। लेकिन दूसरी तरफ यदि “वायु” नाम का ये तूफ़ान तटीय इलाकों में कहर ढाता है तो इससे उत्तर भारत में आने वाले मानसून के बादल उड़ सकते हैं। बारिश के अभाव में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। एक जून को केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है और इसके साथ ही ये धीमी गति से उत्तर भारत की तरफ भी बढ़ रहा है। हालाँकि अब आने वाले 12 घंटों में ही पता चल पायेगा की वायु की रफ़्तार कितनी तेज़ होगी और इसका प्रभाव उत्तर भारत के विभिन्न इलाकों पर कैसा पड़ेगा।