ग्रहण 2025 से जानें, नए साल में कब-कब लगेगा सूर्य और चंद्र ग्रहण?

ग्रहण 2025 से जानें, नए साल में कब-कब लगेगा सूर्य और चंद्र ग्रहण?

वैदिक ज्योतिष में ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है और इस दौरान सभी तरह के शुभ कार्यों को करना वर्जित होता है। हालांकि, ग्रहण दो प्रकार के होते हैं, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण। जब-जब सूर्य या चंद्र ग्रहण लगता है, तब नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है। साथ ही, प्रकृति में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। जैसे कि अब हम नए वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं और हर साल की तरह ही इस बार भी कई ग्रहण लगेंगे। एस्ट्रोसेज एआई का यह ब्लॉग विशेष रूप से आपको वर्ष 2025 में लगने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहण के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही जानेंगे, ग्रहण काल के दौरान किन सावधानियों का पालन करना चाहिए? कौन से काम करने चाहिए और किन कामों को करने से बचें? तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस लेख की। 

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हम सब इस बात को भली-भांति जानते हैं कि सूर्य और चंद्र ग्रहण समय-समय पर लगते रहते हैं जिसका अशुभ प्रभाव देश-दुनिया समेत विश्व पर भी नज़र आता है। ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सावधानी बरतनी होती है, इस बारे में हम विस्तार से बात करेंगे। लेकिन आइए सबसे पहले जानते हैं साल 2025 में लगने वाले ग्रहण के ज्योतिषीय महत्व के बारे में।

ज्योतिष की दृष्टि से ग्रहण

वैदिक ज्योतिष में सूर्य और चंद्रमा को प्रमुख ग्रह माना जाता है। सूर्य देव आत्मा के कारक हैं जबकि चंद्रमा मन के कारक कहे गए हैं।  यह दोनों ग्रह राहु-केतु के शत्रु माने जाते हैं इसलिए इन दोनों से बदला लेने के लिए समय-समय पर राहु-केतु ग्रहण लगाते हैं। ग्रहण काल सूर्य और चंद्रमा के लिए कष्टकारी अवधि होती है और इस समय बुरी शक्तियां हावी हो जाती हैं। इसी प्रकार, जिन बच्चों का जन्म ग्रहण काल में होता है, उन पर ग्रहण दोष लग जाता है। हालांकि, ग्रहण लगने से पहले और इसके समाप्त होने के बाद भी विश्व पर अशुभ प्रभाव नज़र आते हैं। यह मनुष्यों के साथ-साथ जीव-जंतुओं को भी प्रभावित करता है। 

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नए साल में कितने ग्रहण लगेंगे?

सनातन धर्म में राहु और केतु को ग्रहण के लिए जिम्मेदार माना जाता है जो कि समय-समय पर सूर्य और चंद्रमा पर ग्रहण लगाते हैं। अगर बात करें वर्ष 2025 की, तो ग्रहण 2025 के अनुसार, इस साल में कुल 4 ग्रहण लगेंगे जिसमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण होंगे। ग्रहण की तिथियों को जानने से पहले जान लेते हैं कि क्या होता है सूर्य ग्रहण और नए साल में कब-कब लगेगा सूर्य ग्रहण?

क्या होता है सूर्य ग्रहण?

सूर्य ग्रहण के बारे में आपने अवश्य सुना होगा, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि    सूर्य ग्रहण क्या होता है। खगोलीय रूप से पृथ्वी और चंद्रमा के अपने परिक्रमा मार्ग पर आगे बढ़ते  हैं और जब परिक्रमा करते समय सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है, तब पृथ्वी पर पड़ने वाले सूर्य की किरणों को चंद्रमा कुछ देर के लिए रोक देता है। इस पूरी घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं। 

साल 2025 में कितने सूर्य ग्रहण लगेंगे?

सूर्य ग्रहण की बात करें तो, साल 2025 में कुल दो सूर्य ग्रहण लगने जा रहे हैं। पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025, शनिवार के दिन लगेगा जो कि खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। 

वहीं, इस वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025, रविवार के दिन पड़ेगा और यह खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा।

वर्ष 2025 में सूर्य ग्रहण किस समय लगेगा और क्या भारत में भी दिखाई देगा सूर्य ग्रहण, जानने के लिए पढ़ें: सूर्य ग्रहण 2025 

सूर्य ग्रहण के बाद अब आपको अवगत करवाते हैं चंद्र ग्रहण 2025 और इससे जुड़े तथ्यों से।  

क्या होता है चंद्र ग्रहण?

सूर्य ग्रहण की तरह ही चंद्र ग्रहण को भी अशुभ कहा गया है और यह उस समय लगता है जब अपने-अपने परिक्रमा मार्ग पर आगे बढ़ते हुए पृथ्वी और चंद्रमा ऐसी स्थिति में आ जाते हैं जहां चंद्रमा पर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी थोड़ी देर के लिए रोक देती है, इसे ही चंद्र ग्रहण कहा जाता है। 

साल 2025 में कब-कब पड़ेगा चंद्र ग्रहण?

बात करें चंद्र ग्रहण 2025 की, तो नए साल अर्थात वर्ष 2025 में कुल 2 चंद्र ग्रहण पड़ेंगे। इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025, शुक्रवार के दिन लगेगा जो कि खग्रास चंद्र ग्रहण होगा। वहीं साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण भी खग्रास चंद्र ग्रहण होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि यानी कि 7-8 सितंबर 2025, रविवार/सोमवार के दिन लगेगा। 

वर्ष 2025 में चंद्र ग्रहण किस समय लगेगा और क्या भारत में भी दिखाई देगा चंद्र ग्रहण, जानने के लिए पढ़ें: चंद्र ग्रहण 2025 

क्या होता है सूतक काल?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल एक ऐसी अवधि होती है जो ग्रहण से कुछ समय पूर्व शुरू होती है और ग्रहण के समाप्त होने के साथ ही खत्म हो जाती है। बता दें कि सूर्य ग्रहण का सूतक लगभग 12 घंटे पहले लग जाता है जबकि चंद्र ग्रहण के सूतक का आरंभ ग्रहण से 9 घंटे पूर्व होता है। इस समय सभी तरह के शुभ कार्य वर्जित होते हैं। 

सूतक काल के बारे में विस्तारपूर्वक जानने के लिए क्लिक करें: ग्रहण 2025 

ग्रहण के दौरान जरूर करें ये काम?

  • ग्रहण के समाप्त होने के बाद व्यक्ति को स्नान अवश्य करना चाहिए। 
  • ग्रहण के शुरू होने से पहले आपको दही, दूध, अचार, घी, मुरब्बा, चटनी जैसी खाद्य पदार्थों में तुलसी की पत्तियां रखनी चाहिए।
  • ग्रहण काल के दौरान आप किसी धार्मिक ग्रंथ का पाठ करें या फिर शुभ मंत्रों का जाप कर सकते हैं। 
  • गर्भवती स्त्रियों को अपने उदर पर गाय का गोबर पतले लेप के रूप में लगाना चाहिए। साथ ही, सिर को पल्लू से ढक कर उस पर थोड़ा गेरू लगाना चाहिए।
  • ग्रहण काल के समय पितरों का श्राद्ध करना फलदायी होता है।

ग्रहण के दौरान इन सावधानियों को अवश्य बरतें

  • सूतक काल के दौरान किसी भी तरह का शुभ एवं मांगलिक काम करने से बचें। 
  • सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखने से बचें, अन्यथा आपकी आंखों की रोशनी जा सकती है। 
  • घर और मंदिर में भगवान की मूर्तियों को भूल से भी स्पर्श न करें। 
  • ग्रहण काल के दौरान न तो भोजन पकाना चाहिए और न ही खाना चाहिए।
  • ग्रहण की अवधि में तेल मालिश नहीं करनी चाहिए और न ही बाल, दाढ़ी या नाखून आदि काटने चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल और सूतक काल के दौरान कटाई-सिलाई, बुनाई आदि कार्य करने से बचना चाहिए। 

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सूर्य ग्रहण कब लगता है?

ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है, तब सूर्य ग्रहण लगता है। 

साल 2025 में कितने ग्रहण लगेंगे?

नए साल यानी कि वर्ष 2025 में कुल चार ग्रहण लगेंगे। 

चंद्र ग्रहण का सूतक काल कितने घंटे पूर्व लगता है? 

हिंदू धर्म के अनुसार, चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पूर्व शुरू हो जाता है।