गायत्री जयंती 2021 : जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस पर्व का महत्व

माता गायत्री का सनातन धर्म में विशेष स्थान है। माता गायत्री को सभी वेदों की जननी माना गया है। मान्यता है कि माता गायत्री के पाँच मुख हैं जो कि पृथ्वी के पाँच तत्वों के सूचक हैं यानी कि जल, वायु, पृथ्वी, अग्नि और आकाश। इन्हीं पाँच तत्वों से मनुष्य का निर्माण हुआ है। यही वजह है कि माँ गायत्री को विश्वमाता भी कहा जाता है। वेदमाता गायत्री विश्वमाता के साथ-साथ देवमाता का भी दर्जा रखती हैं। ऐसे में गायत्री जयंती का महत्व सनातन धर्म में बहुत ही बढ़ जाता है। मान्यता है कि गायत्री जयंती के दिन ही माता गायत्री का जन्म हुआ था।

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ऐसे में आज हम आपको इस लेख में गायत्री जयंती की तिथि, शुभ मुहूर्त और इस दिन के महत्व की जानकारी देने वाले हैं।

गायत्री जयंती तिथि

प्रत्येक साल हिन्दू पंचांग के अनुसार गायत्री जयंती ज्येस्थ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। साल 2021 में यह तिथि 21 जून को पड़ रही है। खास बात ये है कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत भी रखा जाता है। सनातन धर्म में निर्जला एकादशी का काफी महत्व है। मान्यता है कि इस एक एकादशी का व्रत रखने से साल के सभी एकादशी के फल प्राप्त होते हैं। 

हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 20 जून 2021 को रविवार की शाम 04 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और 21 जून 2021 जो सोमवार के दोपहर में 01 बजकर 31 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। ऐसे में गायत्री जयंती का पर्व 21 जून, 2021 को मनाया जाएगा।

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आइये अब आपको गायत्री जयंती का शुभ मुहूर्त बता देते हैं।

गायत्री जयंती शुभ मुहूर्त

वैसे तो 21 जून 2021 को शाम के 05 बजकर 34 मिनट तक शिव योग रहने वाला है लेकिन एकादशी की तिथि दोपहर के 01 बजकर 31 मिनट तक समाप्त हो जाएगी। ऐसे में 21 जून को आप 01 बजकर 31 मिनट से पहले ही माता गायत्री की पूजा कर लें।

गायत्री जयंती पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ वस्त्र धारण कर सूर्यदेव को तांबे के पात्र से अर्घ्य दें। भगवान सूर्य को जल अर्पित करते हुए गायत्री मंत्र का जाप करें। इसके बाद माता गायत्री का ध्यान करें और उनकी प्रतिमा पर फल, फूल अर्पित करते हुए उन्हें धूप व दीप दिखाएं। व्रत करना संभव हो तो जरूर करें। शुभ फल प्राप्त होगा।

गायत्री जयंती का महत्व

गायत्री मंत्र को गुरु मंत्र भी माना जाता है। स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि यदि किसी को ईश्वर को प्राप्त करना हो तो उसे गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। गायत्री मंत्र के जाप से वेदों के अध्ययन इतना फल प्राप्त होता है। गायत्री जयंती के दिन माता गायत्री की पूजा से जातकों को सुख, समृद्धि, सौभाग्य व यश की प्राप्ति होती है।

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