देश के प्रमुख चार धामों में से एक है गंगोत्री धाम। इस जगह को ही गंगा नदी का उद्गम स्थल माना जाता है। माता गंगा का उद्गम गोमुख से हुआ है और यह भागीरथी बहते हुए देवप्रयाग में जाकर अलकनंदा से मिल जाती है। माँ गंगा का उद्गम धरती पर समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए हुआ था। ऐसे में सनातन धर्म के अनुयायी गंगा नदी को माता का दर्जा देते हैं। यही वजह है कि गंगोत्री धाम का सनातन में विशेष महत्व है।
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वहीं यमुनोत्री भी चार धामों में से एक है। पुराणों में यमुनोत्री का बड़ा महत्व बताया गया है। पुराणों के अनुसार जहां से यमुना नदी का उद्गम हुआ है, वहाँ का जल पीने और उसमें स्नान करने से मनुष्य पाप मुक्त हो जाता है और उसके सात कुल तक पवित्र हो जाते हैं। यही वजह है कि यमुनोत्री धाम का भी सनातन के अनुयायियों के बीच बड़ा महत्व है।
हर साल गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट हिन्दू पंचांग के अनुसार तय कर के खोले जाते हैं। लेकिन इस साल स्थिति थोड़ी अलग है। इस साल गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अलग-अलग दिन खोले जा रहे हैं। इस लेख में हम आपको इसकी सारी जानकारी देंगे लेकिन उससे पहले गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि जान लेते हैं।
गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि
हर साल की तरह इस साल भी गंगोत्री धाम के कपाट खोलने की तिथि तय हो गयी है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष यानी कि साल 2021 में अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर 15 मई की सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर गंगोत्री धाम मंदिर के कपाट खोले जाएंगे।
उक्त जानकारी मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित सुरेश सोमवाल जी ने मीडिया से बात करते हुए दी है। आपको बता दें कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन यानी कि 13 मई को श्री पंच मंदिर समिति गंगोत्री के पदाधिकारियों और मंदिर के पंडित-पुरोहितों ने गंगोत्री धाम के कपाट खोलने की तिथि तय करने हेतु बैठक की थी जिसके बाद यह फैसला सामने आया है।
अब ऐसे में 14 मई की सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर माँ गंगा की भोग मूर्ति मुखबा से डोली यात्रा करते हुए निकलेगी। शाम को यह डोली यात्रा भैरों घाटी पहुंचेगी जहां माँ गंगा अति प्राचीन आनंद भैरव मंदिर में रात्रि को विश्राम करेंगी। फिर इसके बाद अगले दिन सुबह माँ गंगा की डोली गंगोत्री धाम मंदिर पहुंचेगी जहां मृग श्री नक्षत्र और मिथुन लग्न की पावन बेला में गंगोत्री धाम मंदिर का कपाट खोल दिया जाएगा।
यमुनोत्री धाम के खुलने की तिथि
इस साल यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर आर्द्र नक्षत्र और कर्क-मिथुन लग्न के पावन बेला पर खोला जाएगा।
इस स्थिति में यमुना जयंती के दिन माँ यमुना की डोली यात्रा उनके शीतकालीन आवास खरसाली से निकल कर यमुनोत्री धाम को जाएगी। इस अवसर पर उनके भाई शनि देव भी उनके साथ होंगे। जैसे ही यह डोली यात्रा यमुनोत्री धाम पहुंचेगी। यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिये जाएँगे।
अलग-अलग दिनों को खोले जाएंगे दो धामों के कपाट
आपको बता दें कि सनातन धर्म के चार धामों की यात्रा गंगोत्री और यमुना धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो जाते हैं। हर साल ये दोनों कपाट अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर खुल जाया करते थे लेकिन इतिहास में पहले बार ऐसा हो रहा है कि दोनों मंदिरों के कपाट अलग-अलग दिनों पर खुल रहे हैं। गंगोत्री धाम मंदिर के कपाट खुलने की तारीख जहां 15 मई की तय है वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई को खुलेंगे।
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दरअसल इसकी एक खास वजह है। असल में इस साल अक्षय तृतीया 14 और 15 मई यानी दो दिन पड़ रही है। इस वजह से उदय काल 15 मई के दिन पड़ रहा है जिस वजह से इस दिन गंगोत्री धाम के कपाट खोले जा रहे हैं। जब कि ग्रीष्मकाल 14 मई को पड़ने की वजह से यमुनोत्री धाम के कपाट इस दिन खोला जा रहा है।
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