आज विनायक चतुर्थी तिथि है। हिन्दू मान्यता के अनुसार चतुर्थी तिथि का संबंध गणपति महाराज से है। आज के दिन गणेश जी के भक्त श्रीगणेश का आशीर्वाद पाने के लिए उनकी आराधना करते और उनके नाम का व्रत रखते हैं। आज हम इस ख़बर के माध्यम से जानेंगे कि विनायक चतुर्थी के दिन गणेश का आशीर्वाद कैसे पाया जा सकता है, उन्हें किस प्रकार से प्रसन्न किया जा सकता है। लेकिन इससे पहले जानते हैं कि हिन्दू धर्म में विनायक चतुर्थी का महत्व क्या है।
हिन्दू धर्म में विनायक चतुर्थी का महत्व
हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक चंद्र मास में दो बार चतुर्थी तिथि आती है। इसमें एक कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि होती है और दूसरी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि होती है। शुक्ल पक्ष की तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है जबकि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकाष्टि चतुर्थी कहते हैं। जबकि भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि या गणेश जन्मोत्सव के नाम से जानी जाती है।
ऐसे पाएँ विघ्नहर्ता गणेश जी का आशीर्वाद
गणेश जी बौद्धिक ज्ञान के देवता हैं। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति का बौद्धिक विकास होता है। लेकिन भक्तों को उनका आशीर्वाद तभी प्राप्त होता है जब भक्त उनकी सच्चे मन और पूर्ण श्रद्धा के साथ आराधना करते हैं। विनायक चतुर्थी के अलावा बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा होती है। पूजा में भगवान गणेश जी को मोदक भोग और दूर्वा (एक प्रकार की घास) चढ़ाया जाता है। क्योंकि ये दोनों ही गणेश जी को बेहद प्रिय हैं।
बुधवार के दिन जो व्यक्ति पूरी आस्था से श्री विनायक दामोदर को मोदक का भोग और दूर्वा चढ़ाता है तो उस व्यक्ति को गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा गणेश जी को घी भी प्रिय है। इसलिए उन्हें पूजा में घी भी चढ़ाया जाता है।
गणपति महाराज की पूजा से कुंडली में बुध ग्रह होता है मजबूत
जिस व्यक्ति के ऊपर गणेश जी कृपा हो जाए तो उस व्यक्ति के समस्त प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। लम्बोदर महाराज अपने भक्तों के सभी प्रकार के विघ्नों को हर लेते हैं। इसलिए गणपति जी को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गणेश जी आराधना करने से कुंडली में बुध ग्रह से संबंधित दोष दूर हो जाते हैं और इससे बुध ग्रह भी मजबूत होता है।