गणेशोत्सव 2019: इस विधि से करेंगे गणेश जी की पूजा तो होगी हर मनोकामना पूर्ण!

जैसा की आप सभी जानते हैं कि गणेशोत्सव की शुरुआत बीते 2 सितंबर से हो चुकी है। इस दौरान लंबोदर गजबदन विनायक श्री गणेश जी की विशेष पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद पाया जा सकता है। हिन्दू धर्म में विशेष रूप से गणेश जी को विघ्नहर्ता माना जाता है, जो अपने भक्तों के सभी दुखों को क्षण में दूर कर देता हो। गणेश उत्सव के दस दिनों के त्यौहार के अंतर्गत लोग अपने -अपने घरों में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा अर्चना करते हैं। इस बीच आज हम आपको विशेष रूप से इस दौरान गणेश जी के एक ख़ास पूजा विधि के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे करने पर आपके सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हो सकती है। 

ऐसी मान्यता है कि यदि गणेश जी की पूजा गणेश चतुर्थी से लेकर उनके विसर्जन तक शास्त्रोक्त विधि से की जाए तो आपको लाभ मिल सकता है। माना जाता है कि गणेश जी कि इस विधि से पूजा करने से आपकी सभी मनोकमनाओं की पूर्ति जल्द हो सकती है। आइये जानते हैं इस दौरान किस विधि से करें गणेश जी की पूजा। 

पूजन सामग्री 

गणेश जी की शास्त्रोक्त विधि से पूजा करने के लिए आपको पूजा सामग्री में मुख्य रूप से निम्नलिखित सामग्रियों की आवश्यकता होगी। 

  • दूध 
  • दही 
  • घी 
  • शहद 
  • जल 
  • पंचामृत
  • चीनी
  • जेनऊ
  • वस्त्र
  • चन्दन
  • रोली
  • सिंदूर
  • सुगंध
  • अक्षत
  • मधुपर्क
  • फूल
  • माला
  • बेलपत्र
  • दूर्वा
  • गुलाल
  • आभूषण
  • फल
  • सुपारी
  • दीया
  • गंगाजल
  • पान
  • कर्पूर
  • रूई

इस विधि से करें गणेश जी की पूजा 

गणेश जी की शास्त्रोक्त विधि से पूजा करने के लिए सबसे पहले गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करें। अब सबसे पहले फूल अर्पित करें और श्रद्धापूर्वक गणेश पूजन का आहवान करें। इसके बाद निम्न विधि से उनकी पूजा करें। 

  • सबसे पहले गणेश जी का जलाभिषेक करें। 
  • अब उन्हें दूध अर्पित करें। 
  • इसके बाद दही अर्पित करें। 
  • घी से उनका अभिषेक करें। 
  • अब शहद से उनका अभिषेक करें। 
  • इसके बाद गणेश जी को चीनी अर्पित करें। 
  • अब उनके पैर धुलें। 
  • इसके बाद गणेश जी को वस्त्र पहनाएं। 
  • अब उन्हें जेनऊ पहनाएं। 
  • अब गंध, पुष्प, चंदन, रोली, सिंदूर, अक्षत आदि अर्पित करें। 
  • इसके बाद गणेश जी को फूलों की माला पहनाएं और बेलपत्र एवं दूर्वा अर्पित करें। 
  • अब धूप, दीप और अगरबत्ती दिखाएं। 
  • प्रसाद के रूप में गणेश जी को फल, मोतीचूर के लड्डू और मोदक नैवेध के रूप में अर्पित करें। 
  • पूजन प्रक्रिया संपन्न होने के बाद उनकी आरती करें। 

बता दें कि उपरोक्त विधि से गणेश जी की पूजा अर्चना करने के बाद हाथ जोड़कर उन्हें अपनी मनोकामना कहें और निम्न मंत्रों का जाप करें। 

रक्ष रक्ष गणाध्यक्ष रक्ष त्रैलोक्य रक्षकः।।

भक्तनामभयं कर्ता त्राता भव भवार्णवात।।

हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार इस विधि से गणेश जी की पूजा अर्चना करने से आपके सभी मनोकामनाओं की पूर्ति तत्काल रूप से हो सकती है। तो देर किस बात की गणेशोत्सव के दौरान आप भी उपरोक्त पूजा विधि से गणेश जी की आराधना जरूर करें और मनचाहा फल पाएं।