पूरे विश्व के अंदर भारत में हिंदुओं की संख्या सबसे ज्यादा है और यही वजह है कि भारत में मंदिरों की संख्या भी विश्व के किसी भी देश से ज्यादा है। लेकिन भारत में कई ऐसे मंदिर जरूर हैं जिनके चमत्कार दुनिया भर के सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए आस्था का प्रतीक है। ऐसे में आज हम आपको भारत के उन पांच चमत्कारी मंदिरों के बारे में बताने वाले हैं जिन मंदिरों के चमत्कार के किस्से विश्व भर में प्रसिद्ध हैं।
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तिरुपति बालाजी मंदिर
तिरुपति बालाजी का मंदिर भारत के आंध्र प्रदेश में स्थित है। इस मंदिर को तिरुमाला तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में स्थापित भगवान बालाजी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। इस मंदिर के कई चमत्कार हैं जो भक्तों को आश्चर्यचकित करते हैं। जैसे कि मंदिर में स्थापित बालाजी की मूर्ति को कितना भी पोछ दिया जाये लेकिन उसकी पीठ हमेशा गीली ही रहती है। मंदिर में भगवान बालाजी की मूर्ति के केश बहुत ही प्राकृतिक दिखते हैं। इसके साथ ही मंदिर में मौजूद एक दीपक हमेशा जलता रहता है। गुरुवार के दिन भगवान बालाजी को विशेष तौर पर चन्दन किया जाता है लेकिन जब इस चन्दन को हटाया जाता है तब वहाँ माता लक्ष्मी की तस्वीर उभर आती है।
महाकालेश्वर मंदिर
मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर की गिनती भारत के प्रमुख मंदिरों में की जाती है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक नाम महाकालेश्वर मंदिर का भी है। मान्यता है कि महाकालेश्वर मंदिर पृथ्वी की नाभि स्थल पर निर्मित है। यहाँ स्थापित शिवलिंग भी स्वयंभू हैं यानी कि यह शिवलिंग स्वयं अवतरित हुआ है। इस मंदिर में भगवान शिव की भस्म आरती होती है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है। साथ ही यहाँ भगवान का श्रृंगार भी भस्म से ही किया जाता है। महाकालेश्वर मंदिर अपने इन्हीं चमत्कारों की वजह से भक्तों के बीच आस्था का केंद्र है।
अम्मन मंदिर
भारत के अंतिम छोड़ में बसे कन्याकुमारी में स्थित है भारत का एक और चमत्कारी मंदिर, अम्मन मंदिर। अम्मन मंदिर तीन समुद्रों के संगम स्थल पर मौजूद है। इस मंदिर में माँ पार्वती कन्या रूप में पूजी जाती हैं। मंदिर का प्रवेश द्वार को एक खास वजह से बंद रखा जाता है। मान्यता है कि मंदिर में माता को अर्पित किए गए आभूषणों से इतनी चमक निकलती है कि समुद्र के जहाज अक्सर इसे कोई लाइटहाउस समझने की भूल कर देते थे। माता पार्वती के इस मंदिर में पुरुषों के प्रवेश को लेकर कुछ नियम हैं। इस मंदिर में पुरुषों को प्रवेश करते वक़्त अपने कमर से ऊपर के सभी वस्त्र हटाने होते हैं। साथ ही इस मंदिर की एक और विशेषता यह है कि आपको इस मंदिर के आसपास चावल और दाल के आकार के कंकर देखने को मिलेंगे जो कि सामान्यतः कहीं ऐसे नहीं मिलते हैं।
कामाख्या देवी मंदिर
असम के गुवाहाटी में मौजूद माता कामाख्या का मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। इस मंदिर में दुनिया भर के लोग तंत्र सिद्धि के लिए आते हैं। इस मंदिर में माता की कोई मूर्ति नहीं है बल्कि यहाँ एक चट्टान में माता का योनिरूप मौजूद है। मान्यता है कि अम्बूवाची पर्व के दौरान मंदिर में मौजूद इस चट्टान से रक्त प्रवाहित होता है और इस रक्त को साफ करने के लिए जिस कपड़े का इस्तेमाल होता है, उसे भक्तों को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। कामाख्या देवी के इस मंदिर के कपाट अम्बूवाची पर्व के दौरान बंद रहते हैं। आपको बता दें कि माता का यह मंदिर माता भगवती के 51 शक्तिपीठों में से एक है।
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अम्बा माता मंदिर
गुजरात के जूनागढ़ में मौजूद अम्बा माता मंदिर भी माँ भगवती के 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर में भी माता कि कोई मूर्ति नहीं मौजूद है बल्कि यहाँ एक पिंड है जिसे देवी माँ का स्वरूप माना जाता है। अम्बा माता के इस मंदिर में देवी माँ के पैरों के निशान मौजूद हैं। इसके अलावा यहाँ से थोड़ी दूर पर मौजूद गब्बर पर्वत पर माता के पैरों के साथ-साथ रथ के निशान भी मिलते हैं। यही नहीं माता अम्बा के इस अद्भुत और चमत्कारी मंदिर के आसपास प्राचीन पत्थर मौजूद हैं जिस पर 51 श्लोक उकेरे हुए हैं। माता अम्बा का यह मंदिर अपने इन्हीं चमत्कारों की वजह से दुनिया भर के सनातन अनुयायियों के बीच आस्था का केंद्र है।
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