इस साल 14 मार्च से खरमास शुरू हो चुके हैं और इसकी अवधि अगले महीने 14 अप्रैल तक रहेगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब-जब नवग्रह के राजा भगवान सूर्य बृहस्पति की राशि मीन और धनु में गोचर करते हैं तब-तब खरमास लगता है। हिन्दू धर्म में खरमास के दौरान हर तरह के मांगलिक कार्य वर्जित ही होते हैं। लेकिन एक कहानी है जिसकी वजह से खरमास में कुछ कार्यों को करने की छूट दी गयी। चलिए पहले वो कहानी जानते हैं और उसके बाद हम वे पांच काम जानेंगे जिनको खरमास के दौरान भी किया जा सकता है।
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जब भगवान विष्णु को खरमास पर दया आ गयी :
दरअसल हर राशि या नक्षत्र का कोई न कोई स्वामी जरूर होता है जबकि मलमास को कोई स्वामी नहीं होता है। यही वजह है कि मलमास में कोई भी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। ऐसे में मलमास के पुरुषोत्तम मास बनने को लेकर हमारे पुराणों में एक कथा है। हुआ यूँ कि मलमास का कोई स्वामी न होने की वजह से उसकी निंदा होने लगी। इस निंदा से मलमास को बड़ा ही कष्ट पहुंचा। ऐसे में मलमास अपनी व्यथा लेकर भगवान विष्णु के पास पहुंचे। तब भगवान विष्णु मलमास को भगवान कृष्ण के पास लेकर गोलोक लेकर गए। भगवान कृष्ण ने जब मलमास का दुःख जाना तो उन्हें मलमास पर दया आ गयी और उन्होंने मलमास को एक वरदान दिया। भगवान कृष्ण ने मलमास को कहा कि आज के बाद से मैं ही तुम्हारा स्वामी हूँ। जिस तरह से भगवान कृष्ण को पुरुषोत्तम की संज्ञा दी जाती है, ठीक उसी तरह से आज के बाद मलमास को पुरुषोत्तम मास के नाम से जाना जाएगा। भगवान कृष्ण ने तब मलमास को यह आशीर्वाद दिया कि प्रत्येक तीन वर्ष (संवत्सर) में तुम्हारे आने पर जो भी व्यक्ति भक्ति भाव से शुभ कार्य करेगा उसे उस कर्म का तीन गुना फल प्राप्त होगा।
वो काम जो आप मलमास के दौरान कर सकते हैं :
- अगर आप विवाह करना चाह रहे हैं और मलमास की वजह से ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो आप मलमास के दौरान कोर्ट मैरिज कर सकते हैं। मलमास में कोर्ट मैरिज करने पर कोई भी मनाही नहीं है।
- अगर किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति धनु राशि में विराजमान हैं तो ऐसी स्थिति में वो जातक मलमास में भी तमाम तरह के शुभ काम कर सकता है। ऐसे जातकों के लिए मलमास में कोई भी शुभ कार्य करने पर मनाही नहीं है।
- घर में अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो मलमास में श्राद्ध कर्म करने पर कोई भी पाबंदी नहीं है। मलमास में श्राद्ध कर्म किये जा सकते हैं।
- हर रोज किये जाने वाले धार्मिक अनुष्ठान को करने पर मलमास की अवधि के दौरान कोई भी मनाही नहीं है।
- अन्नप्राशन संस्कार, जातकर्म या सीमांत जैसे कार्यक्रम अगर मलमास की अवधि में पहले से ही तय हैं तो ये कार्यक्रम मलमास के दौरान किये जा सकते हैं, इस पर कोई भी मनाही नहीं होती है।
ये वो पांच काम हैं जिनको आप मलमास में कर सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि ये जानकारी आपके बेहद काम की होगी।