आईफ्लू: मौजूदा समय में चाहे न्यूज़ चैनल लगा लीजिएगा या समाचार पत्र खोलिए हर जगह आंखों के संक्रमण या ‘द पिंक आई’ या फिर ‘कंजेक्टिवाइटिस’ का ही जिक्र मिल रहा है। यह एक तरह का इंफेक्शन है जिसके चलते आंखें लाल हो जाती है, उसमें खुजली होने लगती है और आंखों से चिपचिपा पदार्थ निकलता है। आंखों के इस संक्रमण या इंफेक्शन से आंखों में बहुत ज्यादा दर्द भी होता है। आज के समय में यह इन्फेक्शन जंगल की आग की तरह फैल रहा है। आंखों में संक्रमण ज्यादातर एलर्जी प्रतिक्रियाओं या फिर संक्रमण की वजह से हो रही है। ऐसे में जिधर भी देखिए लोग काला चश्मा पहने नजर आते हैं और इसकी वजह आंख का आना या आई फ्लू या कंजेक्टिवाइटिस ही है।
कंजेक्टिवाइटिस विशेष रूप से कंजेक्टिवा की सूजन का कारण बनता है जो आंखों का सफेद भाग या कॉर्निया को कवर करता है। दरअसल बरसात के मौसम में उच्च आद्रता और अधिक बैक्टीरिया और इन्फेक्शन वाले कीटाणुओं की वजह से आई फ्लू मानसून के समय में एक आम इंफेक्शन माना जाता है।
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देशभर में कंजेक्टिवाइटिस के मामले चिंताजनक दर से बढ़ते जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में ही बात करें तो कंजेक्टिवाइटिस के 2300 से ज्यादा मामले सामने आए हैं और दिल्ली में भी पिछले वर्ष की तुलना में 3 से 4 गुना अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं। इसका मुख्य कारण बढ़ी हुई वर्षा, अत्यधिक नमि की स्थिति और जलभराव को माना जा रहा है। इन सबके चलते हाल में ही इस वायरस बैक्टीरिया के प्रसार में वृद्धि देखने को मिली है। जिसकी वजह से कंजेक्टिवाइटिस के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
ऐस्ट्रोज में हम हमेशा प्राचीन ज्योतिष्य ग्रंथों के आधार पर सामान्य घटनाओं को ज्योतिषीय दृष्टिकोण से समझने और आपको समझाने के लिए तत्पर रहते हैं इसीलिए हमने ज्योतिष के अनुसार इस समस्या को समझने और इन मामलों या आई संक्रमण के मामलों में वृद्धि के कारणों का पता लगाने और ग्रहों की चाल का बारीकी से अध्ययन करने का फैसला किया है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे की आंखों में संक्रमण, आँखों से संबन्धित बीमारियां और आंखों से संबंधित समस्याएं किन ग्रहों की वजह से होती हैं और देश भर में फैले इस आईफ्लू से मुख्य तौर पर किन राशि के जातकों को सावधान रहने की आवश्यकता है। साथ ही जानेंगे कुछ सरल और कारगर ज्योतिषीय उपाय जिनकी मदद से आप खुद को और अपने परिवार के लोगों से इस वायरस से बचा सकते हैं।
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नेत्र संबंधित समस्याओं के लिए जिम्मेदार ज्योतिष कारक
- अगर कुंडली के द्वितीय भाव में कोई अशुभ ग्रह मौजूद हो या इसपर किसी अशुभ ग्रह का स्वामित्व हो या इस भाव में रहने वाला कोई ग्रह किसी अन्य प्रतिकूल ग्रह के संपर्क में हो तो व्यक्ति को नेत्र रोग की आशंका बढ़ जाती है। इसी तरह अगर कुंडली के बारहवें घर में किसी अशुभ ग्रह का प्रभाव हो या कुंडली के बारहवें घर में भी अशुभ ग्रह का प्रभाव हो या उसमें कोई अशुभ ग्रह मौजूद हो तो भी व्यक्ति को आंखों की समस्या और एलर्जी होने का खतरा बढ़ जाता है।
- सूर्य और चंद्रमा दोनों ही ग्रह प्रकाश देते हैं और प्रतिबिंबित करते हैं और यही कारण है कि यह दोनों ग्रह आंखों से भी जोड़कर देखे जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य और चंद्रमा कमजोर है तो उस व्यक्ति को आंखों से संबंधित समस्याएं या संक्रमण हो सकता है।
- जब सूर्य और चंद्रमा पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि हो या जब यह दोनों ग्रह बारहवें भाव में युति कर रहे हो तो भी व्यक्ति को नेत्र रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
- दूसरे भाव में मौजूद मंगल और शनि की युति भी नेत्र संबंधित समस्याओं की वजह बनती है। यह निश्चित रूप से नेत्र संबंधित परेशानियों की वजह बनती है।
- यदि कुंडली के दूसरे, बारहवें, पहले घर के स्वामी और शुक्र त्रिक घर में युति में हों या बारहवें घर, सातवें घर के स्वामी और चंद्रमा की युति (छठे, आठवें, या बारहवें) में हो, तो ऐसा किसी व्यक्ति को नेत्र संबंधी परेशानी हो सकती है।
आईफ्लू के लिए ग्रह गोचर जिम्मेदार
कारकों को जानने के बाद आइए आगे बढ़ते हैं और नेत्र विकारों या आँखों की समस्याओं का कारण जानने के बाद आइए आगे बढ़ते हैं और ग्रहों के गोचर चार्ट पर एक नजर डाल लेते हैं। जिस वक़्त कंजेक्टिवाइटिस या गुलाबी आंखों का इन्फ़ैकशन शुरू हुआ था तब किस ग्रह की कैसी चाल थी और किस ग्रह की चाल ने इस संक्रमण को बढ़ाया है इसके बारे में जानकारी जानते हैं:
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ऊपर दिखाया गया चार्ट 18 जुलाई 2023 को ग्रहों की चाल और ग्रहों के गोचर को दर्शाता है जो पूरे देश में आई फ्लू या कंजेक्टिवाइटिस के फैलने का कारण बन सकता है। जैसा कि हम देख सकते हैं कि सूर्य और चंद्रमा दोनों को आंखों का कारक ग्रह कहा जाता है और यह दोनों ग्रह कर्क राशि में 0 डिग्री पर एक साथ स्थित हैं जो पानी, नमी, जलवायु आदि का प्रतिनिधित्व करता है।
शुक्र ग्रह के बारे में कहा जाता है कि यह भी आंखों पर प्रभाव डालता है और इस मामले में यह दूसरे घर का स्वामी भी है। शुक्र मंगल के साथ स्थित है और यह दोनों ग्रह शनि की सीधी दृष्टि में हैं जो इतने व्यापक कंजेक्टिवाइटिस या आई फ्लू का एक और कारण है।
बारहवें घर का स्वामी बृहस्पति भी राहु केतु अक्ष के भीतर आकर अशुभ प्रभाव में है। जैसा कि ऊपर दिए गए चार्ट से हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि बरसात के मौसम में और ग्रहों के गोचर दोनों ने देश भर में कंजेक्टिवाइटिस या आई फ्लू के इतने व्यापक हमले के लिए एकदम सही परिदृश्य तैयार किया है। हम आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपके लिए ज्ञानवर्धक और जानकारी पूर्ण साबित हुआ होगा।
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अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं इस संक्रमण से किन राशियों को ज्यादा सावधान रहना चाहिए और साथ ही किन प्रभावी उपायों को करके आप खुद को इस संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं।
इन राशियों को आई फ्लू या कंजेक्टिवाइटिस से रहना होगा सावधान
विशेष तौर पर वृषभ राशि, कर्क राशि, सिंह राशि, वृश्चिक राशि, और मीन राशि के जातकों को अपनी सुरक्षा के लिए ज्यादा सावधानी बरतनी के सलाह दी जाती है क्योंकि इस दौरान यह राशियाँ संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील नजर आ रही हैं।
हालांकि यहाँ घबराने की आवश्यकता नहीं है आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कुछ ऐसे आसन और कारगर ज्योतिषीय उपायों के बारे में जिन्हें करके आप कंजेक्टिवाइटिस को होने से रोक सकते हैं।
आईफ्लू के कारगर ज्योतिषय उपाय
- सूर्य को अर्घ्य दें और आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।
- अपनी व्यक्तिगत कुंडली के अनुसार अपने दूसरे घर और बारहवें घर के स्वामी को उपयुक्त रूप से मजबूत करें।
- भगवान शिव की पूजा करें।
- मुमकिन हो तो चांदी के आभूषण पहनें और अगर संभव हो तो चांदी का दान भी करें।
- आंखों की समस्या या इससे जुड़ी बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए रोजाना ‘चक्षुकी विद्या मंत्र’ का जाप करें।
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