भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी का व्रत प्रत्येक महीने में दो बार किया जाता है। जून के महीने में एकादशी का व्रत 2 दिन किया जाएगा पहला 06 जून को, इस दिन अपरा एकादशी का व्रत किया जाएगा और दूसरा 21 जून को, इस दिन निर्जला एकादशी का व्रत किया जाएगा। एकादशी विशेष इस आर्टिकल में आज जानते हैं कि, एकादशी के दिन किन चीजों का दान करने से व्यक्ति के जीवन में धन धान्य की कभी भी कमी नहीं पड़ती है।
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दान का महत्व
हिंदू धर्म में हर पूजा और व्रत के बाद दान का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कोई भी व्रत या फिर पूजा तभी सार्थक होती है जब इसके बाद व्यक्ति अपनी यथाशक्ति अनुसार जरूरतमंदों या फिर ब्राह्मणों को दान दे।
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एकादशी के दिन दान करें यह चीज़ें
- यदि आपके जीवन में धन-धान्य की कमी रहती है या आर्थिक संपन्नता में कमी रहती है तो आपको एकादशी के दिन अन्न का और गौ दान करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा यदि आपके जीवन में कर्ज की समस्या बनी रहती है या आप ईएमआई के बोझ से परेशान हैं तो भी आपको अन्न दान और गौ दान करना फलदाई साबित हो सकता है।
- नौकरी में सफलता प्राप्त करने के लिए या व्यापार में वृद्धि करने के लिए आप एकादशी के दिन अपनी यथाशक्ति के अनुसार जरूरतमंदों को चने और गुड़ का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको शुभ फल शीघ्र ही अवश्य हासिल होंगे।
- इसके अलावा जिन लोगों के जीवन में नकारात्मकता का वास हो या घर में कलह क्लेश काफी बढ़ गया हो उन्हें एकादशी के दिन कपूर का दान करने की सलाह दी जाती है। आप चाहे तो एकादशी के दिन पूजा आदि करने के बाद कपूर किसी मंदिर में भी दान कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके जीवन और घर से नकारात्मकता दूर होगी और सकारात्मकता का वास होगा।
एकादशी के दिन भूल से भी ना करें यह चीज़ें
- यूं तो एकादशी का व्रत बेहद ही सरल और फलदाई माना जाता है लेकिन इस व्रत में कुछ सावधानियां विशेष तौर पर बरतनी होती हैं। जैसे एकादशी से पूर्व संध्या पर आप को चावल न खाने की सलाह दी जाती है।
- इसके अलावा एकादशी का व्रत करने वालों को दशमी तिथि से ही मास, मदिरा, लहसुन, प्याज, मसूर की दाल इत्यादि चीजों का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। आप चाहे तो इस दिन का व्रत में साबूदाना खा कर, फल खाकर, मेवे खाकर या फिर कुट्टू के आटे से बना भोजन खा कर रख सकते हैं।
- इसके अलावा एकादशी व्रत के दिन पत्ती तोड़ना मना होता है और जितना मुमकिन हो उन्हें जल अवश्य अर्पित करें।
- एकादशी व्रत में स्पष्ट उच्चारण पूर्वक ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें।
- इसके अलावा एकादशी तिथि की शाम के समय तुलसी के पेड़ में घी का दीपक अवश्य जलाएं। ऐसा करने से शुभ फल प्राप्त होता है।
जून महीने की दोनों एकादशी तिथियों की पारणा मुहूर्त
- 2021 में अपरा एकादशी कब है?
6 जून, 2021 (रविवार)
अपरा एकादशी पारणा मुहूर्त :05:22:43 से 08:09:33 तक 7, जून को
अवधि :2 घंटे 46 मिनट
- 2021 में मोहिनी एकादशी कब है?
21 जून, 2021 (सोमवार)
निर्जला एकादशी पारणा मुहूर्त :05:23:48 से 08:11:25 तक 22, जून को
अवधि :2 घंटे 47 मिनट
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