11 या 12 कब मनाया जाएगा दशहरा? यहां जानें सही तिथि मुहूर्त और पूजन की विधि

11 या 12 कब मनाया जाएगा दशहरा? यहां जानें सही तिथि मुहूर्त और पूजन की विधि

दशहरा एक हिंदू त्यौहार है जो भगवान राम की रावण पर जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत, नवरात्रि के अंत को भी दर्शाता है। दशहरा या विजयदशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह आश्विन या कार्तिक महीने के दसवें दिन पड़ता है। 

आज के हमारे इस विशेष ब्लॉग में जानेंगे कि वर्ष 2024 में दशहरे का यह त्यौहार किस दिन मनाया जाएगा, इस दिन की सही विधि, मुहूर्त क्या होते हैं, साथ ही जानेंगे इस दिन किए जाने वाले कुछ उपायों की जानकारी जिन्हें अपना कर आप भी अपने जीवन में प्रभु श्री राम का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

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2024 में कब है दशहरा?

सबसे पहले बात करें वर्ष 2024 में दशहरा कब पड़ रहा है तो दशहरे का त्योहार 2024 में 12 अक्टूबर 2024 शनिवार के दिन पड़ रहा है। बात करें इस दिन के शुभ मुहूर्त की तो,

विजय मुहूर्त :14:02:54 से 14:49:09 तक

अवधि :0 घंटे 46 मिनट

अपराह्न मुहूर्त :13:16:39 से 15:35:25 तक

दिलचस्प जानकारी: इसके अलावा इस त्यौहार को आयुध पूजा यानी शस्त्र पूजा के रूप में भी मनाया जाता है।

दशहरा मुहूर्त 

दशहरा का यह त्यौहार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को अपराह्न काल में मनाया जाता है। इस काल की अवधि सूर्योदय के बाद दसवें मुहूर्त से लेकर बाहरवें मुहूर्त तक की होती है। 

अगर दसवीं दो दिन की होती है और केवल दूसरे ही दिन अपराह्न काल को व्याप्त करती है तो विजयदशमी दूसरे दिन मनाई जाएगी। 

अगर दशमी दो दिन के अपराह्न काल में हो तो दशहरा का त्योहार पहले दिन मनाया जाता है। 

अगर दशमी दोनों दिन पड़ रही है लेकिन अपराह्न काल में नहीं उस समय में भी यह पर्व पहले दिन ही मनाया जाएगा।

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दशहरा पूजा और महोत्सव 

  • अपराजिता पूजा अपराह्न काल में की जाती है। बात करें इसकी सही विधि की तो सबसे पहले घर के पूर्वोत्तर दिशा में कोई पवित्र और शुभ स्थान चुन लें। 
  • यह स्थान कोई मंदिर, गार्डन के आसपास भी हो सकता है। 
  • कोशिश करें इस स्थान को साफ करके चंदन का लेप करें और फिर अष्टदल चक्र बनाएं। 
  • अब संकल्प लें कि देवी अपराजिता की पूजा आप अपने और अपने परिवार के खुशहाल जीवन के लिए करने जा रहे हैं। 
  • इसके बाद अष्टदल चक्र के बीचों-बीच अपराजिताय नमः मंत्र के साथ मां देवी की पूजा का आवाहन करें। 
  • इसके बाद मां जया को दाएं और दायीं ओर क्रियाशक्त्यै नमः मंत्र के साथ आह्वान करे।
  • बायीं ओर माँ विजया का उमायै नमः मंत्र के साथ आह्वान करें।
  • इसके उपरांत अपराजिताय नमः, जयायै नमः, और विजयायै नमः मन्त्रों के साथ शोडषोपचार पूजा करें।
  • इसके बाद प्रार्थना करें कि है देवी मैंने यह पूजा अपनी क्षमता के अनुसार की है कृपया करके मेरी यह पूजा स्वीकार करें। 
  • पूजा संपन्न होने के बाद सभी देवी देवताओं को प्रणाम करें हारेण तु विचित्रेण भास्वत्कनकमेखला। अपराजिता भद्ररता करोतु विजयं मम। मंत्र के साथ पूजा का विसर्जन करें।

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दशहरे से जुड़े कुछ रोचक तथ्य 

  • कहा जाता है कि दशहरे के दिन जब सूर्यास्त होता है और आसमान में कुछ तारे नजर आने लगते हैं तो इसे विजय मुहूर्त कहा जाता है। इस समय कोई भी पूजा या काम किया जाए तो इसके शुभ परिणाम व्यक्ति को प्राप्त होते हैं। 
  • मान्यता के अनुसार यह वही मुहूर्त है जब भगवान श्री राम ने रावण को हराने के लिए युद्ध प्रारंभ किया था। 
  • दशहरे का दिन साल के सबसे पवित्र दिनों में से एक माना जाता है। यह 3:30 मुहूर्त में से एक होता है। ऐसे में इस दिन अगर कोई भी नई चीज की शुरुआत की जाए तो यह बेहद ही उत्तम रहती है। 
  • क्षत्रिय, योद्धा और सैनिक लोग इस दिन अपने शास्त्रों की पूजा करते हैं जिसे आयुध पूजा या शस्त्र पूजा के नाम से जाना जाता है। 
  • इसके अलावा इस दिन शमी पूजन का भी विधान माना गया है। 
  • ब्राह्मण लोग इस दिन मां सरस्वती की पूजा करते हैं। 
  • वैश्य लोग अपने बहीखाते की पूजा करते हैं। 
  • नवरात्रि रामलीला का समापन दशहरे के दिन ही होता है। 
  • इसके अलावा इसी दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले जलाकर भगवान राम की जीत का जश्न मनाया जाता है। 
  • इस दिन अगर मां भगवती, जगदंबा का अपराजिता स्तोत्र किया जाए तो इससे व्यक्ति को शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। 
  • बंगाल में मां दुर्गा पूजा का त्योहार भव्य रूप से मनाया जाता है। 
  • दशहरे को ज्योतिष में अबूझ मुहूर्त माना गया है। 
  • हिंदू मान्यता के अनुसार दशहरे के दिन अगर भूमि, भवन, वाहन, जैसी चीज़ें खरीदी जाए तो यह बेहद ही शुभ होता है। 
  • इसके साथ ही दशहरे के दिन शमी के पेड़ की पूजा करना भी शुभ माना गया है।
  • दशहरे के इस त्यौहार को कृषि उत्सव के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि दशहरे पर खरीफ फसलों की कटाई की जाती है और रवि फसलों का बीजारोपण किया जाता है। 
  • दशहरे का त्योहार केवल भारत में ही नहीं बल्कि बांग्लादेश, नेपाल और मलेशिया में भी मनाया जाता है। 
  • दशहरे के दिन ही सम्राट अशोक और डॉ बी आर अंबेडकर ने बौद्ध धर्म अपनाया था।

दशहरे से जुड़ी पौराणिक कथाएं 

दशहरे के त्योहार से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं जैसे कि, एक कथा के अनुसार कहा जाता है कि इस त्यौहार का नाम दशहरा इसलिए पड़ा क्योंकि इस दिन भगवान पुरुषोत्तम में 10 सिरों वाले रावण का वध किया था। इस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है ताकि हम अपने अंदर के क्रोध, लालच, नशा, ईर्ष्या, स्वार्थ, अज्ञानता और अहंकार को नष्ट कर सकें। 

महाभारत से जुड़ी दूसरी कथा के अनुसार कहा जाता है कि दुर्योधन ने जुए में पांडवों को हरा दिया था। शर्त के अनुसार सभी पांडवों को 12 वर्षों तक निर्वासित रहना था जबकि एक साल के लिए हो उन्हें अज्ञातवास में भी रहना था। अज्ञातवास के दौरान उन्हें हर किसी से छिपकर रहना था और अगर उन्हें कोई ढूंढ लेता तो उन्हें दोबारा 12 वर्षों का निर्वासन का दंश झेलना पड़ता। इसके चलते अर्जुन ने उस 1 साल के लिए अपनी गांडीव धनुष को शमी नामक वृक्ष पर छुपा दिया और राजा विराट के लिए एक ब्रिहन्नला का छद्म रूप धारण कर काम करने लगे। एक बार जब राजा के पुत्र ने अर्जुन से अपनी गाय की रक्षा के लिए मदद मांगी तो अर्जुन ने शमी के वृक्ष से अपने धनुष को वापस निकाल और दुश्मनों को हरा दिया था। 

दशहरे से जुड़ी तीसरी कथा के अनुसार भगवान श्री राम ने लंका की चढ़ाई के लिए अपनी यात्रा का जब शुभारंभ किया था तो शमी वृक्ष ने उनके विजय होने की घोषणा की थी।

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दशहरे का महत्व 

हर साल दशहरे का त्योहार बेहद ही उत्सव और उमंग के साथ मनाया जाता है। देश भर में लोग इस अवसर पर अपने अनोखे अंदाज में हिस्सा लेते हैं। यह वह दिन होता है जब भगवान राम 10 सिरों वाले रावण का वध किया था। यह एक बेहद ही शुभ त्यौहार है और बुराई पर अच्छाई की जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है।

दशहरे के उपाय 

मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि अगर दशहरे के दिन कुछ विशेष उपाय कर लिए जाएं तो इसके जीवन में धन लाभ होता है, करियर में उन्नति मिलती है, साथ ही प्रभु श्री राम का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है, क्या कुछ हैं ये उपाय आइये जान लेते हैं।  

  • इस दिन जया और विजया देवी की पूजा अवश्य करें। ऐसा करने से जया और विजया देवी प्रसन्न होती हैं और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही जो कोई भी व्यक्ति जया-विजया पूजा करता है उनके जीवन में तरक्की के शुभ संयोग बनने लगते हैं। 
  • अगर आपके जीवन में आर्थिक संकट बना हुआ है तो दशहरे के दिन कोशिश करें और नीलकंठ के दर्शन कर लें। इसे बेहद ही शुभ माना जाता है। 
  • इसके अलावा रावण दहन के बाद गुप्त दान भी करें। ऐसा करने से आपको लाभ मिलेगा। 
  • इसके अलावा माता लक्ष्मी का ध्यान करें और झाड़ू का दान करें। ऐसा करने से आर्थिक संकट दूर होता है और जीवन में शुभता बढ़ती है। 
  • अगर जीवन में कर्ज की समस्या बढ़ गई है तो दशहरे के दिन देवी माता के सामने जो जौ बोया जाता है उसकी जयंती को माथे पर रखें और उसको धन रखने वाले स्थान में रखते हैं जिसे कोई देख ना पाए। ऐसा करने से धन वृद्धि के शुभ संयोग जीवन में बनने लगते हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है। 
  • इसके अलावा अगर आप अपनी संतान को पढ़ाई में सफलता प्राप्त देखना चाहते हैं तो इस जयंती को उनकी पुस्तक में रख दें। ऐसा करने से बुद्धि का विकास होता है और एकाग्रता बढ़ती है। 
  • जीवन में उन्नति पानी है, नौकरी में सफलता पानी है या व्यवसाय में लाभ प्राप्त करना है तो दशहरे के दिन एक नारियल लेकर उसे पीले कपड़े में लपेट दें। इसके साथ एक जोड़ी जनेऊ, सवा पाव मिठाई किसी राम मंदिर में रख दें। ऐसा करने से जीवन में उन्नत होने लगेगी। 
  • दशहरे के दिन शमी के पेड़ की पूजा अवश्य करें। इस दिन शमी के पेड़ की पूजा करें। इसके समकक्ष दीपक जलाएं। ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में सफलता मिलती है। 
  • साथ ही अगर आपका कोई कोर्ट केस भी चल रहा है तो उसमें भी फैसला आपके पक्ष में आने की संभावना बढ़ जाती है। 
  • इसके अलावा सेहत उत्तम बनाने के लिए या अगर आपके घर में कोई बार-बार बीमार पड़ रहा है और आप परेशान हो चुके हैं तो दशहरे के दिन एक सबूत पानी वाला नारियल ले लें और उसको अपने या जो भी बीमार सदस्य है उसके सिर के ऊपर से 21 बार उवार लें। फिर जहां रावण का दहन हो रहा हो उसी अग्नि में इस नारियल को डाल दें। ऐसा करने से परिवार पर आने वाला संकट या बीमारियां दूर हो जाती है।

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दशहरे के दिन क्या करें- क्या ना करें 

  • दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना बेहद ही शुभ माना जाता है। 
  • दशहरे के दिन गुप्त दान करना भी बेहद मंगलकारी होता है। इससे जीवन के सभी कष्ट दुख दूर होते हैं और जीवन में आने वाली बाधाएँ भी दूर होने लगती है। 
  • दशहरे के दिन शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। 
  • माना जाता है की विजयदशमी के पर्व पर किसी से वाद-विवाद भी नहीं करना चाहिए।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

1: नवरात्रि के नौवें दिन किस देवी की पूजा की जाती है? 

नवरात्रि के नवमी तिथि पर देवी के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है। 

2: दशहरे की शुरुआत सबसे पहले किसने की थी? 

दशहरे की शुरुआत सबसे पहले प्राचीन हिंदूओं द्वारा की गई थी। जैसा की प्राचीन हिंदू संस्कृत महाकाव्य रामायण में दर्शाया गया है यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है।

3: वर्ष 2024 में दशहरा कब है? 

दशहरे का त्योहार आश्विन माह के दसवें दिन मनाया जाता है। इस वर्ष दशहरा 12 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। 

4: दशहरे के दिन किस देवी या देवता की पूजा की जाती है? 

कुछ स्थानों पर दशहरे के दिन भगवान राम की पूजा की जाती है वहीं कई अन्य जगहों पर इस दिन देवी दुर्गा की पूजा का विधान भी बताया गया है। 

5: क्या दशहरे के दौरान विवाह किया जा सकते हैं? 

बिल्कुल, दशहरे के दौरान अगर आप शुभ मुहूर्त प्राप्त करने में सक्षम हैं तो इस दौरान विवाह भी संपन्न किया जा सकते हैं क्योंकि ज्योतिष में दशहरे के दिन को अबूझ मुहूर्त माना गया है। 

6: दशहरा सभी के लिए भाग्यशाली दिन होता है?

दशहरा एक पवित्र दिन होता है और यह सभी के लिए भाग्यशाली माना जाता है क्योंकि यह बुराई पर अच्छाई की जीत की शुरुआत का प्रतीक है। ऐसे में बहुत से लोग इस दिन अपना नया काम शुरू करते हैं, नए घर का चयन करते हैं, गहने खरीदते हैं, वाहन खरीदते हैं जिसे भाग्यशाली माना गया है।