दिवाली का पर्व हिंदू धर्म के सबसे बड़े और प्रमुख त्योहारों में से एक है जो कि सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि, इस साल दिवाली की तिथि को लेकर लोगों में कंफ्यूज़न देखने को मिल रहा है, इसलिए एस्ट्रोसेज के अनुभवी ज्योतिषियों ने दीपावली के इस शुभ त्योहार की तिथि और मुहूर्त की पुष्टि की है। यह ब्लॉग आपको रोशनी के पर्व दिवाली 2023 के बारे में सबसे सही एवं सटीक जानकारी प्रदान करेगा।
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साथ ही, आपको उन भाग्यशाली राशियों के बारे में भी बताएंगे जिन्हें दिवाली पर देवी लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा, इसलिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना जारी रखें।
दिवाली 2023 कैलेंडर
दिनांक | पर्व व तिथि |
10 नवंबर (शुक्रवार) | धनतेरस (द्वादशी) |
12 नवंबर (रविवार) | नरक चतुर्दशी (चतुर्दशी) |
12 नवंबर (रविवार) | दिवाली (चतुर्दशी) |
14 नवंबर (मंगलवार) | गोवर्धन पूजा (प्रतिपदा) |
15 नवंबर (बुधवार) | भाई दूज (द्वितीया) |
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दिवाली 2023: तिथि और लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा के लिए प्रदोष काल (संध्या काल) को सबसे अच्छा माना जाता है। इसका आरंभ सूर्यास्त के साथ होता है और इसके बाद लगभग 02 घंटे 24 मिनट तक रहता है। घर-परिवार में सुख-समृद्धि और खुशियां बनाए रखने के लिए वृषभ लग्न सर्वोत्तम होता है।
वहीं, कुछ लोग तुला लग्न में माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं, लेकिन हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषी आचार्या पारुल वर्मा के अनुसार, सत्ता में मौजूद लोगों और तांत्रिक पूजा करने वाले लोगों के लिए उपयुक्त होता है।
लक्ष्मी पूजा की तिथि: 12 नवंबर 2023 (रविवार)
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 05 बजकर 40 मिनट से शाम 07 बजकर 36 मिनट तक।
अवधि: 01 घंटा 54 मिनट
नोट: यह मुहूर्त नई दिल्ली के लिए मान्य है। अपने शहर के अनुसार, मुहूर्त को जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
सालों बाद बन रहा दिवाली पर दुर्लभ संयोग
शनि महाराज 12 नवंबर 2023 को अपनी राशि में स्थित होकर शश महापुरुष राजयोग का निर्माण करेंगे। ज्योतिष में इस योग को बहुत शक्तिशाली माना गया है। इसके अलावा, इस दिन पवित्र माने जाने वाला आयुष्मान योग भी बनेगा। साथ ही, 16 और 17 नवंबर को बनने वाले रूचक योग और युक्त योग भी दिवाली की शुभता में वृद्धि करेंगे।
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दिवाली 2023 पर बनने वाले शुभ योगों का लाभ विशेष रूप से 3 राशियों को मिलेगा। आइये जानते हैं कि कौन सी हैं वह राशियां।
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इन राशियों पर देवी लक्ष्मी बरसाएंगी अपनी विशेष कृपा
मेष राशि
इन जातकों को अपनी आय और संपत्ति में तेज़ी से वृद्धि देखने को मिलेगी। पिछले समय में किये गए निवेश से अब आपको अच्छा रिटर्न प्राप्त होगा। साथ ही, किसी अनुभवी शेयर मार्किट विशेषज्ञ से सलाह लेकर शेयर बाजार के माध्यम से अच्छाख़ासा मुनाफा कमा सकते हैं। इस अवधि में आपको आय के वृद्धि के नए स्रोत भी प्राप्त होंगे।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा और आपका व्यापार तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ेगा। इस राशि के नौकरीपेशा जातकों को करियर के क्षेत्र में बेहतरीन अवसरों की प्राप्ति होगी। साथ ही, आप अपनी सभी प्रकार की भौतिक इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम होंगे। कार्यस्थल पर आपके द्वारा की जा रही कड़ी मेहनत को पहचान मिलेगी और वरिष्ठों द्वारा उसकी सराहना की जाएगी।
मकर राशि
मकर राशि वालों को यह अवधि अचानक से धन लाभ करवा सकती है। साथ ही, इन जातकों का निजी जीवन सुखद रहेगा, विशेष रूप से नवविवाहित लोगों के लिए क्योंकि इस दौरान आप पार्टनर के साथ अपना रिश्ता मज़बूत करने में सक्षम होंगे। इस समय आपके सभी रुके हुए काम पूरे होंगे और अतीत में किया गया कोई निवेश आपको लाभ प्रदान कर सकता है।
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दिवाली से जुड़ी पौराणिक कथाएं और मान्यताएं
14 वर्ष बाद अयोध्या लौटे थे श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी
दिवाली से जुड़ी सबसे प्रचलित कथा यह है कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों का वनवास पूरा करने के बाद अयोध्या वापिस लौटे थे। अयोध्या की प्रजा ने राम जी, मां सीता और लक्ष्मण जी का स्वागत करने के लिए पूरे राज्य को दीपों से सजाया था और उस दिन से ही दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है।
भगवान श्रीकृष्ण ने किया था नरकासुर का वध
नरकासुर भूदेवी और वराह (भगवान विष्णु के अवतारों में से एक) का पुत्र था। जगत के पालनहार भगवान विष्णु से नरकासुर की माता ने अपने बेटे को शक्तिशाली बनाने और लंबी आयु प्रदान करने का वरदान मांगा था। लेकिन, सभी देवी-देवता नरकासुर से परेशान थे और उससे मुक्ति पाना चाहते थे, तो वह विष्णु जी के पास सहायता के लिए गए, तब श्रीहरि ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह ऐसा ही करेंगे। इस प्रकार, विष्णु जी ने द्वापर युग में कृष्ण अवतार लेने पर असुरराज नरकासुर का वध किया और 16000 महिलाओं को उसकी कैद से मुक्त कराया था। हालांकि, नरकासुर को वरदान प्राप्त था कि जिस दिन उसकी मृत्यु होगी उस दिन को त्योहार के रूप में मनाया जाएगा। इस क्रम में, नरकासुर की मृत्यु का दिन दिवाली के रूप में मनाये जाने लगा।
समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी का अवतरण
हम सभी दिवाली पर धन-धान्य की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, लेकिन शायद ही आपको इसके पीछे का वास्तविक कारण पता होगा, तो इसका जवाब आपको समुद्र मंथन की कहानी में मिलता है। जब देवता और असुर क्षीर सागर में मंथन कर रहे थे उस समय दिवाली के दिन माता लक्ष्मी कमल के फूल पर विराजमान होकर सागर से प्रकट हुईं थी। भगवान विष्णु को लक्ष्मी जी ने अपने वर के रूप में चुना और संसार को धन, समृद्धि, और ऐश्वर्य का आशीर्वाद दिया।
बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाते हैं दिवाली
सिख समुदाय द्वारा दिवाली को बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसका अर्थ है कैद से रिहाई का दिन। इस दिन सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद साहिब जी की रिहाई की गई थी और सन 1619 में दिवाली के समय यह अपने अनुयायियों के पास वापस लौट आए थे। उस दिन से ही भारत में बंदी छोड़ दिवस को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है।
दिवाली पर निर्वाण की हुई थी प्राप्ति
दिवाली के दिन जैन धर्म के चौबीसवें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर को निर्वाण अर्थात मोक्ष प्राप्त हुआ था। ऐसा माना जाता है कि महावीर जी ने जैन धर्म को वह स्वरूप प्रदान किया जो आज हमारे सामने हैं। सामान्य शब्दों में, मोक्ष का अर्थ आत्मा की मुक्ति से है। जैन धर्म के अनुसार, धरती पर जन्म लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आत्मा का अंतिम लक्ष्य मोक्ष प्राप्त करना होना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि मोक्ष प्राप्त होने से आत्मा को अनंत खुशी और अनंत ज्ञान की प्राप्ति होती है। महावीर जी द्वारा प्रदान की गई सभी शिक्षाओं का प्रमुख उद्देश्य था कि जन्म, मृत्यु और जीवन के चक्र से कैसे मुक्ति पाएं और किस प्रकार मोक्ष की प्राप्ति की जाए। भगवान महावीर का मत था कि पुरुष और स्त्री दोनों की आध्यात्मिक प्रगति का सफर समान होगा।
धन-समृद्धि में वृद्धि के लिए दिवाली पर करें ये सरल उपाय
दिवाली की रात माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने-के साथ साथ विशेष उपाय करने से आप देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। हम आपको नीचे कुछ अचूक और सरल उपाय प्रदान कर रहे हैं जिन्हें करने से आपको कभी भी धन का अभाव नहीं होगा और घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहेगी। आइये जानते हैं दिवाली पर किये जाने वाले प्रभावी उपायों के बारे में।
- दिवाली के दिन प्रातःकाल माता लक्ष्मी के मंदिर जाएं और उन्हें वस्त्र अर्पित करें। साथ ही, सुगंधित गुलाब की अगरबत्ती जलाएं। ऐसा करने से धन प्राप्ति के नए मार्ग खुलेंगे।
- दीपावली के अवसर पर सुबह गन्ना लेकर आएं और रात में की जाने वाली लक्ष्मी पूजा के दौरान इस गन्ने की भी पूजा करें। इस उपाय को करने से आपके धन-धान्य में वृद्धि होगी।
- दिवाली की रात नौ गोमती चक्र की पूजा करने के बाद इन्हें अपनी तिजोरी में रखें। ऐसा करने से साल भर घर-परिवार में सुख-समृद्धि और खुशियां बनी रहेंगी।
- यदि आपके घर में पैसा टिकता नहीं है तो नरक चतुर्दशी के दिन लाल चंदन, गुलाब के फूल और रोली को लाल कपड़े में बांधकर पूरी श्रद्धाभाव से पूजा करें। इसके बाद, इस पोटली को अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से आपको पैसों की कमी नहीं होगी और घर में धन हमेशा बना रहेगा।
- दिवाली की अमावस्या से शुरू करके प्रत्येक अमावस्या की शाम किसी गरीब या दिव्यांग व्यक्ति को भोजन कराएं। यह उपाय आपके धन-धान्य और वैभव में वृद्धि करेगा।
- जिन जातकों को काफ़ी कोशिशों के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही है, वह दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा के दौरान चने की दाल माता लक्ष्मी पर छिड़कें और पूजा होने के बाद वह दाल इकट्ठी करके पीपल के पेड़ पर अर्पित करें।
- दुकानदार और व्यापार करने वाले जातक दिवाली की रात साबुत फिटकरी का टुकड़ा लें और उसे दुकान के चारों तरफ घुमाएं। इसके पश्चात, अब इस टुकड़े को किसी चौराहे की उत्तर दिशा में फेंक दें। ऐसा करने से ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी और धन लाभ में भी बढ़ोतरी होगी।
- दीपावली की रात को पांच साबुत सुपारी, काली हल्दी और पांच कौड़ियां लें और इन्हें गंगाजल से धोकर लाल रंग के कपड़े में बांध दें। अब दिवाली की पूजा करते समय इस पोटली को चांदी की कटोरी या थाली में रखकर पूजा करें और अगली सुबह इसे अपनी तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से आप पर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
पाठकों को दिवाली की रात इन उपायों को अवश्य करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपको निश्चित रूप से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलेगा।
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