ग्रहों का अस्त होना एक ऐसी स्थिति होती है जिसका निर्माण किसी ग्रह के सूर्य के ज्यादा निकट आने पर बनता है। अर्थात जब कोई ग्रह सूर्य के निकट निकटता की कुछ डिग्री के भीतर आता है तो उसे अस्त कहा जाता है। अस्त होने की स्थिति में सूर्य ग्रह उस ग्रह की शक्ति और ताकत को काफी हद तक क्षीण कर देता है, जिससे की ग्रह तुलनात्मक रूप से थोड़ा कमज़ोर हो जाता है।
ऐसी स्थिति में जो ग्रह अपनी ताकत खो देता है उसे अस्त ग्रह कहा जाता है। अलग-अलग ग्रहों के लिए सूर्य से सुरक्षित दूरी की डिग्री अलग है जिसे उनके लिए अस्त माना जाता है। बात करें शुक्र ग्रह की तो, यह जब मार्गी गति में होता है और सूर्य के किसी भी तरफ से 10 डिग्री की धुरी में आ जाता है तो यह अस्त हो जाता है। हालांकि अगर शुक्र ग्रह वक्री है तो अस्त होने होने के लिए इसे सूर्य की 8 डिग्री की धुरी में आना अनिवार्य होता है।
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ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व
ज्योतिष की दुनिया में शुक्र ग्रह को रोमांस, प्रेम, लिंग, वैवाहिक सुख, भौतिक सुख, सौंदर्य आदि के लिए जाना जाता है। यह आकाश का सबसे चमकीला ग्रह माना गया है जो सुबह के आकाश में उत्तर दिशा में आसानी से दिखाई देता है। यही वजह है कि इसे मॉर्निंग स्टार या भोर का तारा के नाम से भी जाना जाता है। राशिचक्र की दो राशियों तुला और वृषभ का शुक्र ग्रह स्वामी भी है।
जहाँ कन्या में शुक्र नीच का होता है वहीं मीन राशि में इसे उच्च का दर्जा प्राप्त होता है। इसके एक राशि में रहने की अवधि के बारे में बात करें तो शुक्र ग्रह एक राशि में तकरीबन 28 दिनों की अवधि के लिए रहता है और फिर राशि परिवर्तन कर लेता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में यह शुभ स्थिति या मज़बूत अवस्था में होता है उन्हें सुंदरता, धन और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है वहीं जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति अशुभ होती है या दुर्बल अवस्था में होता है ऐसे लोग उखड़े स्वाभाव के, आलसी और विकृत आदतों वाले होते हैं।
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धनु राशि में शुक्र अस्त: समय और तिथि
सुख और विलासिताओं का शुक्र ग्रह कारक माना गया है। यह ग्रह 4 जनवरी 2022 को सुबह 7 बजकर 44 मिनट पर धनु राशि में अस्त होने जा रहा है। यह अस्त शनिवार, 14 जनवरी 2022 को सुबह 5 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा।
स्वाभाविक सी बात है कि, शुक्र का अस्त होना सभी बारह राशियों के लिए कोई न कोई शुभ-अशुभ प्रभाव की वजह तो अवश्य बनेगा। तो आइये आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं धनु राशि में शुक्र अस्त का राशिनुसार प्रभाव और उपाय।
धनु राशि में शुक्र अस्त: राशिनुसार प्रभाव-उपाय
यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
चंद्र राशि कैलकुलेटर
मेष राशि
मंगल के स्वामित्व वाली मेष राशि अग्नि तत्व की राशि है। वहीं मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी होते हैं और इस अवधि में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ पृथ्वी तत्व की राशि होती है, जिसके स्वामी ग्रह स्वयं शुक्र होते हैं। इसके अलावा शुक्र को …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के स्वामी बुध है और यह वायु तत्व की राशि होती है। इसके अलावा शुक्र, बुध के मित्र…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क चंद्रमा के आधिपत्य वाली जल तत्व की राशि है। कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं और ये राशि अग्नि तत्व की राशि होती है। सिंह राशि के जातकों के लिए…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि पृथ्वी तत्व की राशि है जिनके स्वामी बुध ग्रह हैं। वहीं कन्या राशि के जातकों के लिए…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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तुला राशि
तुला वायु तत्व की राशि है जिनके स्वामी शुक्र होते हैं। इसके अलावा शुक्र देव आपके अष्टम भाव…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक जल तत्व की राशि है, जिसके स्वामी मंगल ग्रह हैं। इसके अलावा शुक्र आपके बारहवें भाव व…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु अग्नि तत्व की राशि है, जिसका प्रतिनिधित्व बृहस्पति करते हैं और शुक्र का अस्त होना विशेष रूप से आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर पृथ्वी तत्व की राशि है और इनके स्वामी शनि हैं। मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके पांचवें व दसवें…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुंभ राशि
कुंभ वायु तत्व की राशि है जिनके स्वामी शनि है। कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र उनके चौथे व नौवें…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन जल तत्व की राशि है और गुरु बृहस्पति इसके स्वामी होते हैं। मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके तीसरे व आठवें…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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