भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त करने के लिए बेहद फलदायी है यह स्तुति, अवश्य करें पूजा में शामिल

हिंदू धर्मों में यूं तो सभी एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया। हालांकि इनमें से देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व बताया जाता है। इसकी वजह यह है कि यह एकादशी उस दिन का प्रतीक होती है जिस दिन भगवान विष्णु निद्रा लोक में चले जाते हैं। ऐसे में इस दिन से हिंदू धर्म में कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। हालांकि धार्मिक कर्म, पूजा पाठ, दान पुण्य के लिए यह समय अवधि बेहद ही अनुकूल मानी गई है।

इसके अलावा क्योंकि देवशयनी एकादशी के दिन श्रृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु निद्रा में चले जाते हैं ऐसे में इस दौरान श्रृष्टि का कार्यभार भगवान शिव के कंधों पर आ जाता है। यही वजह है कि इस दौरान भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व बताया गया है। साथ ही इस दौरान भगवान विष्णु की भी पूजा पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। तो आइए अपने इस विशेष आर्टिकल में जानते हैं देवशयनी एकादशी के दिन किस स्तुति से आप भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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देवशयनी एकादशी के दिन अवश्य करें यह विष्णु-स्तुति

शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं

विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्।

लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं

वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्।।

यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे:।

सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा:।

ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो

यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम:।।

देवशयनी एकादशी 2021: तिथि और मुहूर्त

20 जुलाई, 2021

एकादशी तिथि प्रारम्भ – जुलाई 19, 2021 को 09:59 पी एम बजे

एकादशी तिथि समाप्त – जुलाई 20, 2021 को 07:17 पी एम बजे

एकादशी व्रत पारण- जुलाई 21, 05:36 ए एम से 08:21 ए एम

देव शयनी एकादशी पूजन विधि

  • एकादशी के दिन जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होने के बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं। 
  • इसके बाद भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें। 
  • पूजा में भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल और तुलसीदल अर्पित करें। 
  • बहुत से लोग इस दिन का व्रत भी रखते हैं। यदि मुमकिन है तो आप भी उपवास करें। 
  • पूजा के बाद भगवान विष्णु की आरती उतारें। 
  • भगवान को पीली मिठाई का भोग अवश्य लगाएं। 
  • भोग में तुलसी अवश्य शामिल करें। कहा जाता है बिना तुलसी के भगवान विष्णु को ग्रहण स्वीकार नहीं करते हैं। 
  • इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा का विधान भी बताया गया है।

देवशयनी एकादशी महत्व

कहा जाता है इस दिन का व्रत करने से व्यक्ति के तमाम तरह के पाप दूर होते हैं। कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही मनोकामनाएं पूरी होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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