सनातन धर्म में पूजा पाठ में दीये यानी कि दीपक प्रज्वलित करने का विशेष महत्व है। विशेष तौर पर दिवाली का त्यौहार दीयों की जगमगाहट से ही रोशन होता है। हर एक पूजा-पाठ में दीपक जलाने का महत्व बताया गया है। पूजा पाठ ही नहीं बल्कि हिंदू धर्म में कोई भी शुभ, मांगलिक कार्य हो तो बिना दीयों के उन्हें अधूरा माना गया है। ऐसे में यकीनन आपने भी अपने जीवन में कई बार दीपक अवश्य ही जलाये होंगे। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि दीपक जलाने की सही विधि क्या है?
जी हां सुनकर आपको अचरज अवश्य हो रहा होगा लेकिन दीपक जलाने की विशेष विधि और नियम बताए गए हैं। कहा जाता है यदि इन नियमों का पालन ना किया जाए और गलत तरीके से दीपक प्रज्वलित किए जाएं तो इसका व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है। ऐसे में बेहद आवश्यक है कि आपको दीयों से संबंधित इन नियमों के बारे में जानकारी होनी चाहिए और इन्हीं नियम पर आधारित दीपक जलाना चाहिए।
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किस समय दीपक जलाना होता है शुभ?
कहा जाता है कि प्रातः काल की पूजा के दौरान सूर्य उदय से 48 मिनट तक और संध्याकाल में सूर्यास्त से 48 मिनट तक दीपक जलाकर आरती करना बेहद ही शुभ माना गया है। इसके अलावा इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि पूजा में इस्तेमाल होने वाला दीपक किस धातु या चीज का बना है। पूजा में यदि मिट्टी, आटे या फिर पीतल से बना हुआ दीपक इस्तेमाल किया जाए तो इससे देवी देवता जल्दी प्रसन्न होते हैं और मनोकामना पूरी करते हैं।
अलग-अलग दीपक जलाने का तरीका और उनका महत्व
दीपक जलाने के लिए मुख्य तौर पर गाय के घी का इस्तेमाल या फिर तिल के तेल का उपयोग करना सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। हालांकि,
- यदि आप शनि की साढ़ेसाती और महादशा से पीड़ित हैं तो आपको सरसों के तेल का दीपक जलाने की सलाह दी जाती है।
- इसके अलावा यदि आप राहु केतु ग्रहों से पीड़ित हैं और उनके निवारण के लिए पूजा अर्चना कर रहे तो आपको अलसी के तेल का दिया जलाना चाहिए।
- इसके अलावा यदि आप शत्रुओं से रक्षा के लिए भैरव देवता की प्रार्थना कर रहे हैं तो आपको उनके समक्ष 4 मुखी सरसों के तेल का दीपक जलाने की सलाह दी जाती है।
- इसके अलावा यदि आप अपने वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि की कामना हेतु पूजा कर रहे हैं तो आपको इसके लिए महुए के तेल का दीपक जलाने की सलाह दी जाती है।
पूरा होने से पहले बुझ जाए दीपक तो क्या करें?
आपने अक्सर सुना होगा कि पूजा में कभी भी दीपक का बुझना बेहद ही अशुभ माना गया है। ऐसे में यदि कभी पूजा में दीपक बुझ जाये तो ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए? इसके लिए विद्वान ज्योतिषी और जानकार बताते हैं कि पहले तो पूरी कोशिश करनी चाहिए कि दीपक पूरा होकर ही बुझे। कभी भी बीच में ना बुझे। हालांकि यदि बीच में दीपक बुझ जाता है तो भगवान से क्षमा याचना करके दीपक को दोबारा जला लें। इस वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कभी भी एक जलते दीपक से दूसरे दीपक को ना जलाएं। हमेशा नई माचिस से दीपक जलाएं।
दीपक जलाने का महत्व
जैसा कि हमने पहले भी बताया कि हिंदू धर्म में दीपक हर एक पूजा में विशेष तौर पर जलाया जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर दीपक जलाने का महत्व क्या होता है। मान्यता है कि दीपक जलाने से व्यक्ति के जीवन से कष्ट परेशानियां तो दूर होती ही हैं, साथ ही शत्रुओं से रक्षा होती है और विपत्ति का निवारण होता है। इसके अलावा यदि शाम के समय आप दीपक जलाते हैं तो ऐसा करने से घर में मौजूद वास्तु दोष दूर होता है, घर में नकारात्मक ऊर्जा हो तो वो भी दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। इसके अलावा शाम को दीपक जलाने से घर में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और ऐसे घरों में मां लक्ष्मी अपना स्थायी निवास भी बना लेती हैं।
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