इस वर्ष 11 अप्रैल रविवार के दिन दर्श अमावस्या पड़ रही है। अमावस्या तिथि के दिन पूर्वजों का तर्पण करना, पूजा करना, स्नान करना और अपनी यथाशक्ति के अनुसार दान करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि, जो कोई भी व्यक्ति दर्श अमावस्या के दिन सच्चे मन से प्रार्थना करता है और व्रत करता है चंद्रदेव उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी करते हैं।
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दर्श अमावस्या के दिन चंद्रमा पूजा करने से जीवन में सफलता प्राप्त होती है। साथ ही आपके जीवन में उन्नति होती है और जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। जिन लोगों के बनते बनते काम बिगड़ जाते हैं या काम में रुकावट आने लगती है उन्हें भी दर्श अमावस्या के दिन चंद्रमा की पूजा की सलाह दी जाती है।
दर्श अमावस्या अप्रैल 2021
दर्श अमावस्या- 11 अप्रैल रविवार
चैत्र, कृष्ण अमावस्या
प्रारम्भ – 06:03 सुबह अप्रैल 11
समाप्त – 08:00 सुबह अप्रैल 12
दर्श अमावस्या का महत्व
दर्श अमावस्या के बारे में कहा जाता है कि, जो कोई भी व्यक्ति इस दिन की पूजा या व्रत करता है उसे चंद्रमा की प्रसन्नता प्राप्त होती है और जीवन में सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। चंद्रमा की पूजा करने से या चंद्रमा का जीवन में आशीर्वाद मिलने से व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसके अलावा कहा जाता है कि किसी भी अमावस्या तिथि पर पितरों की पूजा और पितरों की शांति के लिए की जाने वाली पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसे में इस दिन पितरों की पूजा करने का विधान बताया गया है। साथ ही पितृ दोष मुक्ति के लिए या पितृ तर्पण के लिए भी दर्श अमावस्या बेहद ही महत्वपूर्ण मानी जाती है।
दर्श अमावस्या के दिन विधि पूर्वक पूजन और दान का महत्व बताया गया है। इसके अलावा इस दिन देश की पवित्र नदियों में स्नान अवश्य करें या घर के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। इसके अलावा इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और तुलसी की पूजा का विशेष महत्व होता है।
दर्श अमावस्या के दिन भगवान हनुमान की कृपा दिलाएंगे ये मंत्र
जानकारी के लिए बता दें कि अमावस्या तिथि पर भगवान शिव के साथ हनुमान पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि, ऐसा करने से शनि ग्रह से संबंधित दोषों से छुटकारा मिलता है और साथ ही जीवन के कष्ट और परेशानियां दूर होते हैं।
हनुमान मूल मंत्र
ॐ श्री हनुमते नम:||
हनुमान बीज मंत्र
|| ॐ ऐं भ्रीम हनुमते,
श्री राम दूताय नम: ||
हनुमान गायत्री मंत्र
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥
इस दिन की जाती है पीपल के पेड़ की पूजा
यही आपकी कुंडली में शनि दोष मौजूद है और आपको उससे छुटकारा चाहिए तो दर्श अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर सच्चे मन और आस्था के साथ शनिदेव का ध्यान करें और फिर सरसों के तेल का एक दीपक पेड़ की जड़ के पास जला कर रख दें। कहा जाता है कि ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। हालाँकि यहाँ इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, पीपल के पेड़ में किया जाने वाला यह उपाय सूर्यास्त के बाद ही करें।
आशा करते हैं इस लेख में दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी।
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