Coronavirus (कोरोना वायरस) का कहर कब तक – ज्योतिषीय विश्लेषण

Coronavirus (कोरोना वायरस) आज के समय की सबसे गंभीर समस्या बनकर उभरा है। विश्व के अनेक देश इस संक्रामक रोग की चपेट में हैं और अमेरिका, ईरान समेत कई देशों ने अपने यहाँ बाहरी लोगों के आने पर रोक भी लगा दी है।

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दुनियाभर में रिसर्च जारी है कि, आखिर कैसे कोरोना पर काबू किया जाए ? ताज़ा आकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना से अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें पहले एक 76 वर्षीय व्यक्ति और अब राजधानी दिल्ली में 69 वर्षीय महिला इस घातक वायरस की चपेट में आकर अपनी जान गवा चुके हैं। जबकि करीब 82 लोग कोरोना से संक्रमित हैं। जिसके चलते राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों ने इसे महामारी घोषित करते हुए राज्य के सभी स्कूल-कॉलेज बंद करने का निर्देश दे दिया है। इस वक्त देश-दुनिया का हर व्यक्ति सिर्फ एक सवाल का जवाब चाहता है। वो है-आखिर कोरोना का कहर कब तक रहेगा ?

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कोरोना का हमने ज्योतिषीय आधार पर विश्लेषण किया है। इस लेख में हम आपको यही बताने की कोशिश करेंगे कि कोरोना से किन किन राशि के जातकों को अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है, और ये वायरस कब तक आतंक मचाएगा।

कोरोना वायरस (coronavirus) और बारह राशियाँ

वैसे तो इस वायरस के चपेट में कोई भी व्यक्ति आसानी से आ सकता है, फिर भी कुछ राशि के लोगों को विशेष रूप से इससे बचने की आवश्यकता होगी। हमने नीचे एक तालिका दी है, जिसके माध्यम से आप इसको और भी बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और अपनी चंद्र राशि/ लग्न के अनुसार ध्यान दे सकते हैं: 

राशि  कोरोना वायरस का प्रभाव 
मेष  ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
वृषभ  बचाव रखें, घबराने की आवश्यकता नहीं है।
मिथुन  विशेष सावधानी बरतना आवश्यक है।
कर्क  ज़्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है।
सिंह  ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
कन्या  बचाव रखें, घबराने की आवश्यकता नहीं है।
तुला  विशेष सावधानी बरतना आवश्यक है।
वृश्चिक  ज़्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है।
धनु  ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
मकर  बचाव रखें, घबराने की आवश्यकता नहीं है।
कुम्भ  विशेष सावधानी बरतना आवश्यक है।
मीन  ज़्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है।

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कोरोना वायरस (Coronavirus) और ज्योतिष

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जाहिर किया गया है कि कोरोनावायरस का प्रभाव सी-फूड से हुआ है यानि समुद्री उत्पादों से। ज्योतिष मानव जीवन को प्रभावित करने वाले पंचमहाभूतों में सामजस्य रखने पर जोर देता है। आइये जानते हैं कोरोना वायरस का ज्योतिषीय आधार:

    • कोई भी रोग किसी एक ग्रह के कारण नहीं होता अपितु अनेक ग्रहों के संयोजन और राशियों के प्रभाव के कारण होता है।
    • चंद्रमा का प्रभाव विशुद्ध रूप से इस रोग को फैलाने में शामिल है क्योंकि समुद्र और समुद्र से संबंधित उत्पादों पर चंद्रमा का आधिपत्य होता है।
    • इसके अलावा विषाणु जनित रोगों के लिए राहु और केतु भी जिम्मेदार माने जाते हैं तथा बुध ग्रह पर शनि और मंगल का प्रभाव हो तो भी ऐसी ही परिस्थितियों का निर्माण होता है।
    • सूर्य आरोग्य का कारक है और यदि वह गोचर में कमजोर चल रहा हो तो भी रोग होने की संभावना बढ़ जाती।
    • वर्तमान में शनि की राशियों में जनवरी से सूर्य का गोचर हुआ है जोकि मध्य फरवरी तक मकर राशि में और उसके बाद मध्य मार्च तक कुंभ राशि में रहेगा। इस प्रकार शनि की राशि में होने से सूर्य कमजोर स्थिति में होता है।
    • कोरोना वायरस की विकट स्थिति निमोनिया जैसे लक्षण भी पैदा करती है, जिसके लिए बुध ग्रह भी जिम्मेदार माना जाता है।
    • बृहस्पति का काम है वृद्धि करना अर्थात बढ़ाना या प्रसार करना, तो इस रोग के फैलने में बृहस्पति भी मुख्य भूमिका निभा रहा है।
    • इस प्रकार बृहस्पति और केतु की युति ने इसमें महत्वपूर्ण रोल निभाया और यह आज एक महामारी (पेंडेमिक) बन चुकी है।
    • बृहस्पति राहु केतु के अक्ष में होने से पीड़ित और कमजोर स्थिति में है, जिसकी वजह से यह बीमारी तेजी से फैल रही है।
    • मिथुन राशि से गले के रोग देखे जाते हैं तथा कर्क राशि फेफड़े और जल संबंधित बीमारियों को दर्शाती है। कर्क और मिथुन राशि का पीड़ित होना भी आवश्यक है।
    • वर्तमान समय में राहु का गोचर मिथुन राशि में ही चल रहा है तथा मंगल भी बृहस्पति और केतु के साथ धनु राशि में बैठकर पूर्ण रूप से मिथुन और कर्क राशि को देख रहा है, ऐसी स्थिति में मिथुन और कर्क दोनों ही राशियाँ पीड़ित हैं।
    • डॉक्टरी नतीजों  से यह बात सामने आयी है कि जिन लोगों को डायबिटीज़ या डिप्रेशन की समस्या है, उन्हें कोरोना वायरस (coronavirus) ज्यादा और जल्दी प्रभावित कर रहा है।
    • यहाँ भी ध्यान देने योग्य बात यह है कि  डायबिटीज़ के लिए भी बृहस्पति और डिप्रेशन के लिए चन्द्रमा मुख्य रूप से जिम्मेदार ग्रह हैं। ये दोनों ही रोग व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बना देते हैं।
    • उपरोक्त स्थितियां वर्तमान समय में कोरोना वायरस (coronavirus) को फ़ैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

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भारत में कोरोना वायरस

सारी दुनिया को परेशान करने वाला कोरोना वायरस अब भारत में भी दस्तक दे चुका है और लगभग अब तक 82 लोग इससे संक्रमित हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में ज़ारी रिपोर्ट के अनुसार, इन सभी 82 लोगों में से 64 भारतीय और 17 विदेशी नागरिक शामिल हैं। केवल भारत में ही अब तक, संक्रमितों के संपर्क में करीब 4000 से ज्यादा लोग आ चुके हैं, जिनपर सरकार लगातार निगरानी कर रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या केरल में दर्ज की गई है। भारत सरकार द्वारा कोरोना वायरस  पर जारी किये गये ताज़ा आकड़ों की मानें तो, राजधानी दिल्ली में 6, राजधानी से सटे हरियाणा में 14, केरल में सबसे ज्यादा 22 , राजस्थान में 3, तेलंगाना में 1, उत्तर प्रदेश में 11, लद्दाख में 3, तमिलनाडु में 1, जम्मू-कश्मीर में 2, पंजाब में 1, कर्नाटक में 6, महाराष्ट्र में 14 और आंध्रप्रदेश में 1 लोग इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए हैं। इसके साथ ही अब तक इसके संक्रमण से एक कर्नाटक में और एक दिल्ली में मौत की पुष्टि भी हो गयी है।

दिल्ली, केरल और हरियाणा में जहाँ कोरोना वायरस को पेंडेमिक घोषित किया जा चुका हैं, वहीं ओडिशा समेत कई अन्य राज्यों में इसे आपदा मानकर आवश्यक रोकथाम के उपाय किये जा रहे हैं। हवाई यात्रा को सीमित किया गया है और सरकार द्वारा सभी नागरिकों से अपील की गयी है कि वे भीड़भाड़ से दूर रहें, यात्रा करने से बचें और सभी ज़रूरी उपाय करें।

भारत में अभी लोगों में यह संक्रमण बढ़ने की स्थिति दिखाई दे रही है। आइए स्वतंत्र भारत की कुंडली से इस पर थोड़ा विचार करते हैं:

india(स्वतंत्र भारत)

  • स्वतंत्र भारत की कुंडली वृषभ लग्न और कर्क राशि की है तथा वर्तमान में चंद्रमा की महादशा में  शनि की अंतर्दशा और शनि की प्रत्यंतर दशा चल रही है।
  • भारत की कुंडली में चंद्रमा तीसरे भाव का स्वामी होकर तीसरे भाव में शुक्र, बुध, सूर्य और शनि के साथ विराजमान है तथा शनि के नक्षत्र पुष्य में स्थित है।
  • शनि भारत की कुंडली के लिए नवें और दसवें भाव का स्वामी है तथा यह भी कर्क राशि में चंद्रमा के साथ अश्लेषा नक्षत्र (नक्षत्र स्वामी बुध) में स्थित है।
  • दिसंबर 2019 से कोरोना वायरस (coronavirus) फैलना शुरू हुआ है और भारत में इसकी दस्तक फरवरी 2020 के महीने में देखने को मिली है।
  • यदि गोचर पर नजर डाली जाए तो देव गुरु बृहस्पति अभी धनु राशि में विराजमान हैं जो भारत के लग्न से आठवें भाव की राशि तथा चंद्र राशि से छठे भाव की राशि है तथा शनि लग्न कुंडली से नवें तथा चंद्र कुंडली से सातवें भाव में विराजमान हैं।
  • हमने अपने पूर्व आर्टिकल में भी यह संभावना जाहिर की थी कि वर्ष 2020 में भारत तथा विश्व के कुछ प्रमुख देशों को किसी बड़ी आपदा या महामारी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
  • सबसे बड़ी बात यह है कि वर्तमान समय में मंगल और केतु भी गुरु के साथ धनु राशि में बैठे हैं जो कि इस स्थिति को गंभीर बना रहे हैं।
  • छठा भाव बड़ी बीमारियों को तथा अष्टम भाव विशेष आपदाओं को भी बताता है तथा संकट के समय का द्योतक है। बृहस्पति का गोचर धनु राशि में भारत के लिए किसी भी दृष्टिकोण से अनुकूल नहीं था और बृहस्पति तथा शनि गोचर के अंत में परिणाम देने वाले मुख्य ग्रहों में से एक हैं। बृहस्पति (अष्टम भाव गत होकर) केतु के साथ  युति करते हुए धनु राशि में स्थित है और पीड़ित अवस्था में है। ऐसे में बड़ी बीमारी फैलने की आशंका होती है।

कोरोना वायरस (Coronavirus) और ज्योतिषीय उपाय

कोई भी विषाणु आप पर तभी  आक्रमण कर सकता है, जब आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो। कोरोना वायरस (coronavirus) भी एक विषाणु है, जो आपको संक्रमित करता है, इसलिए आपको इसकी रोकथाम के कुछ उपाय करने चाहियें।  ज्योतिष और आयुर्वेद का पुराना सम्बन्ध है और उसी के अनुसार कुछ विशेष उपाय बताये गए हैं:

    • उपाय के रूप में सर्वप्रथम आपको अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार नींबू, हरी मिर्च, संतरा, लहसुन, दही खाने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
    • इसके अलावा संक्रामक रोगों से बचने के लिए विटामिन सी का सेवन करना चाहिए जो कि नींबू और आंवले में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
    • विटामिन डी प्राप्त करना भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे रोगों से लड़ने में सहायता मिलती है। विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूर्य की रोशनी है।
    • इसके अलावा आपको इलायची, लौंग, काली मिर्च और जावित्री को मिलाकर अपने पास किसी पुड़िया में रखना चाहिए।
    • इसके अलावा आप अपने माथे पर शुद्ध सिंदूर का तिलक लगाएँ क्योंकि इसमें सीसा (लेड) पाया जाता है और आयुर्वेद के अनुसार सीसा की भस्म कई रोगों को दूर करने में सक्षम होती है और यह शरीर की कांति को बढ़ाने वाला होता है तथा कफ को दूर करता है।
    • इसके अलावा प्रतिदिन अपने घर में गाय के गोबर से बने उपले पर कपूर और गूगल तथा लोबान जलाकर पूरे घर में घुमाएं, जिससे विभिन्न प्रकार के कीटाणुओं का नाश हो सके और वातावरण भी शुद्ध हो जाये।
    • आपको प्रतिदिन 3 – 4 बूँद गोमूत्र का सेवन करना चाहिए।
    • इनके अलावा ऊपर जिन जिन ग्रहों का वर्णन किया गया है, उन ग्रहों को मजबूत करने के उपाय भी आपको करनी चाहिए ताकि इनसे होने वाली समस्याओं में कमी आए।
    • प्रतिदिन योग और व्यायाम करें, जिससे आपका शरीर मजबूत हो और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े तथा आप कोरोना वायरस की चपेट में आने से बच सकें।
    • कोरोना वायरस से बचाव का सबसे अच्छा और सटीक उपाय माँ दुर्गा के सप्तशती से लिया हुआ यह मंत्र “रोगान शेषान पहंसि तुष्टा रुष्टा, तु कामान् सकलानभीष्टान। व्वांमाश्रितानां न विपन्नराणां, त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।” आपको रोग मुक्त रखने में मदद करेगा। प्रतिदिन  इस मंत्र का यथाशक्ति जाप करने से रोग से मुक्ति मिलती है।

कोरोना वायरस (Coronavirus) क्या है

कोरोना वायरस (coronavirus) एक वायरस (विषाणु) है, जो संक्रामक रोग का रूप लेता जा रहा है। इस वायरस के संक्रमण से चीन के अलावा लगभग 72 देश पीड़ित हो रहे हैं। यह तेजी से फैलता हुआ एक ऐसा वायरस है, जिसके बारे में कभी पहले पता नहीं लगा। शोधकर्ताओं के अनुसार कोरोना वायरस (coronavirus) वास्तव में विषाणुओं का एक समूह है, जो प्रत्यक्ष तौर पर शरीर को  प्रभावित करता है। इंसानों के साथ-साथ यह जानवरों में भी फैल रहा है। यह दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ है और डब्लूएचओ (WHO) के मुताबिक अभी तक इस वायरस को रोकने के लिए कोई भी टीका ईजाद नहीं किया जा सका है।

कोरोना वायरस (novel coronavirus) का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है और यह एक महामारी (पैनडेमिक) बन चुका है। अभी तक अनेक देशों में (जिसमें भारत भी शामिल है), कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रस एडॉनम के अनुसार यह एक बड़ी महामारी का रूप ले सकता है और आंकड़ों के अनुसार अभी तक विश्व भर में एक लाख से अधिक लोग इस संक्रमण से ग्रसित पाए गए हैं और लगभग पांच हज़ार के करीब लोग इस संक्रमण से लड़ते हुए मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं।

कोरोना वायरस के लक्षण (coronavirus symptoms) 

कोरोना वायरस के कुछ शुरुआती लक्षण बहुत ही सामान्य है, जिन्हें आसानी से पहचाना नहीं जा सकता। इनमें बुखार होना, जुकाम होना, गले में खराश होना, सांस लेने में तकलीफ़ होना भी शामिल हैं। इसलिए यदि आपको हल्का सा भी बुखार हो तो सबसे पहले मेडिकल टेस्ट कराना चाहिए ताकि इसके संक्रमण के बारे में समय रहते जाना जा सके।

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कोरोना वायरस का प्रकोप (coronavirus outbreak)

यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल जाता है, इसलिए बहुत जल्दी लोग इसका शिकार हो रहे हैं। चूंकि अभी तक इसके लिए कोई दवा या वैक्सीन ईजाद नहीं हो पाई है, ऐसे में आपको अपना बचाव करना ही सबसे आवश्यक है। इस वायरस का संक्रमण काल लगभग चौदह दिन का होता है। ऐसे में बहुत तेजी से यह वायरस अपना प्रभाव दिखाता जा रहा है और चीन के बाद विश्व के कई देशों में भी इसने अपनी पुरजोर दस्तक दे दी है। चीन के बाद सबसे बुरी स्थिति इटली की है, जहाँ लगभग 800 लोग काल के गाल में समा चुके हैं। ईरान की हालत भी बहुत ख़राब है।

कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के उपाय 

चिकित्सकों तथा स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के कुछ उपायों के बारे में बताया गया है। ये उपाय निम्लिखित हैं:

  • दिन में कम से कम पांच बार हाथ धोने चाहियें।
  • हाथ धोने के लिए किसी अच्छे साबुन अथवा अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना।
  • हाथ धोते समय नाखून के पौरूए भी साफ रखना आवश्यक है।
  • मुंह ढक कर खाँसना और छींकना चाहिए तथा टिशू पेपर, जिससे मुंह ढका हो, उसे अच्छे से फेंकना चाहिए ताकि कोई और व्यक्ति उसकी चपेट में ना आ जाए।
  • माँस और अंडे का सेवन करने से बचना चाहिए तथा संक्रमित व्यक्तियों से बच कर रहना चाहिए।
  • हाथों के जरिये यह बहुत जल्दी फैलता है, इसलिए हाथ मिलाने से बचना चाहिए।
  • जंगली जानवरों से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए।
  • गला सूखने न दें और आवश्यकतानुसार पानी पीते रहें।

कोरोना वायरस (coronavirus) कब खत्म होगा

    • 30 जून को बृहस्पति वक्री अवस्था में एक बार फिर धनु राशि में प्रवेश करेगा और 20 नवंबर तक वहां स्थित रहेगा। ऐसी संभावना है कि मई से सितंबर के बीच में कोरोना वायरस जैसे संक्रामक रोग पर काफी रोकथाम होनी शुरू हो जाएगी लेकिन तब तक यह और भी गंभीर रूप ले चुका होगा।
    • सितंबर के बाद जब बृहस्पति वक्री अवस्था से बाहर निकलेगा और नवंबर में मकर राशि में प्रवेश करेगा, उस समय तक इस रोग पर पूरी  तरह से रोकथाम लग जाने की संभावना दिखाई देती है।
    • एक बात और, भारत में अन्य देशों के मुक़ाबले यह रोग कम ही फैलने की संभावना है क्योंकि अब यहाँ गर्मी का मौसम शुरू हो जायेगा जबकि विश्व के अन्य देशों में जहाँ ठंड का प्रकोप अधिक है, वहां यह बीमारी तेजी से फैलने की संभावना रहेगी। ऐसे में देशवासियों को विदेश यात्रा करने और ठंडे इलाकों में जाने से विशेष रूप से बचना चाहिए।

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