ज्योतिष में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा दिया गया है। यह हमारे सौरमंडल में चंद्रमा के बाद सबसे तेज ग्रह माना जाता है। बुध ग्रह सूर्य के सबसे निकट है, और यह बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता और मित्र का कारक है। हिन्दू ज्योतिष के अनुसार यह कला और व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है। कुंडली में बुध ग्रह का स्थान दो रूपों में हो सकता है, या तो यह शुभ हो सकता है या फिर अशुभ अर्थात ग्रहों की संगति के अनुरूप ही यह फल देता है। यदि बुध शुभ प्रभाव में हो, तो यह जातक की बुद्धि, हास्य, संचार क्षमता, और समझ को बढ़ावा देता है। किसी जातक की कुंडली में मजबूत बुध उसे संचार और व्यवसाय में अच्छा और प्रभावी बना सकता है, जबकि कमजोर बुध आपको प्रतिकूल परिणाम दे सकता है। बुध ग्रह को सभी 12 राशियों में अपना चक्र पूरा करने में लगभग एक वर्ष लगता है। यह एक राशि में लगभग 14 से 30 दिनों तक रहता है।
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जैसा कि हम सभी जानते हैं, वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे विश्व में भय और संशय का माहौल पैदा किया हुआ है। आज दुनिया की एक तिहाई जनसंख्या इस महामारी के कारण अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रही है। कोरोना से दुनिया को मुक्त करने के लिए वैज्ञानिक लगातार कोशिश कर रहे हैं। इस महामारी को ज्योतिषीय दृष्टि से देखें, तो नीच अवस्था में स्थित बुध ग्रह ने इस महामारी के दौरान लोगों को अत्यधिक भावुक और कल्पनाशील बनाया है, लेकिन बुध पर शनि की दृष्टि होने से भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त करने में लोगों को परेशानियां आ रही हैं। इस ग्रह स्थिति के कारण अंदर ही अंदर हर इंसान परेशान है। कोरोना महामारी का भय और ग्रहों की विपरीत स्थिति लोगों में डर को और भी बढ़ा रही है, लेकिन अब कुछ ग्रहों की स्थिति बदलने वाली है, यानि बुध ग्रह मेष राशि में गोचर करने वाला है, जिससे निकट भविष्य में कई अच्छे बदलाव आने की संभावना है।
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बुध गोचर का समय
बुद्धि और संचार के ग्रह बुध का गोचर 25 मई, 2020 को सुबह 02:25 बजे मीन राशि से मेष राशि में होने जा रहा है। मेष राशि में बुध के होने वाला गोचर से निकट भविष्य में कई अच्छे और महत्वपूर्ण बदलाव आने की संभावना है। मेष राशि में प्रवेश करते ही बुध ग्रह अपनी नीच अवस्था से बाहर निकल जाएगा और साथ ही शनि की दृष्टि से भी बुध मुक्त हो जाएगा। मेष राशि में स्थित बुध पर मंगल की दृष्टि होगी, मंगल को ज्योतिष में सेनानायक कहा जाता है मंगल की दृष्टि बुध ग्रह पर होने से लोगों में स्फूर्ति और सक्रियता आएगी, जिससे संचार में आ रही दिक्कतें दूर होंगी और लोग कई माध्यमों से एक दूसरे से जुड़ सकते हैं। जिन लोगों के विवाह या प्रेम संबंधों में दिक्कतें आ रही थीं, वो भी इस दौरान दूर हो सकती हैं।
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बुध गोचर के दौरान ज़रूर करें ये काम
बुध के इस गोचर के दौरान अधिकांश ग्रह भी अपने गोचरीय काल में होंगे, जो यह दर्शाता है कि अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करने से आपको इस गोचर के दौरान बेहतर और सक्रिय महसूस करने में मदद मिलेगी। जैसे, इस दौरान आप कोई ऐसी किताब पढ़ सकते हैं, जिसे पढ़ने के लिए आप लंबे समय से वक्त नहीं निकाल पा रहे थे। ऐसा करना आपकी रचनात्मकता और मानसिक शांति में इज़ाफा करेगा। आप इस गोचरीय काल में अपने लुक्स में भी बदलाव करके अपने व्यक्तित्व में सुधार और अपनी खोई हुई ऊर्जा वापस ला सकते हैं।
ज्योतिष में मेष एक बहुत ही ऊर्जावान राशि मानी जाती है, और बुध ग्रह का इस राशि में गोचर यह दर्शाता है कि आप इस दौरान कलात्मक विचारों से भरे होंगे, इसलिए कोशिश करें कि आप विभिन्न माध्यमों से अपनी क्षमता का आदान-प्रदान करें। लॉकडाउन का यह समय पुराने और छूटे हुए रिश्तों को फिर से जगाने के लिए भी बेहतर है, इसीलिए संचार माध्यमों का उपयोग कर के आप वापस उन लोगों से जुड़ने की कोशिश करें, जिनसे आपने लंबे समय से बात नहीं की है। ऐसा करना आपको भविष्य में नए अवसर प्रदान कर सकता है।
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गोचर के दौरान होने वाली महत्वपूर्ण घटनाएँ
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि नए साल विक्रम संवत् 2077 में बुध “वर्षेश” है, जो शनि ग्रह के दुष्प्रभाव से मुक्त होकर, ग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य देव की राशि में गोचर कर रहा है। ग्रहों की यह स्थिति इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि कोरोना वायरस को लेकर गलत धारणाएं, लोगों में बैठा डर, संक्रमण के बारे में फैली अफवाहें दूर होने लगेंगी। सरकार लोगों के साथ संचार में अधिक पारदर्शी होगी और इस मुश्किल परिस्थिति से निकलने के लिए नए तरीके आजमाएगी।
ग्रहों की इस स्थिति का सबसे सकारात्मक पक्ष यह होगा कि अपने प्रारंभिक चरण में, मेष राशि में गोचर के दौरान बुध ग्रह कुछ समय के लिए अश्विनी नक्षत्र में रहेगा जिससे परिस्थितियों में सुधार आने की संभावना है। अश्विनी नक्षत्र के स्वामी अश्विनी कुमार हैं, जिन्हें चिकित्सा के देवता के रूप में भी जाना जाता है। यह इंगित करता है कि वैज्ञानिकों को इस अवधि के दौरान कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कोई भी अच्छा हथियार मिल सकता है।
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गोचर के दौरान इन राशि वालों को रहना होगा सावधान
बुध का यह गोचर कुलमिलाकर बहुत अच्छा रहेगा, लेकिन कुछ राशियां जैसे कि मेष, वृषभ और कन्या, जिन्हें इस गोचर के दौरान सतर्क रहने की ज़रूरत है।
इस गोचर के दौरान मेष राशिवालों के लिए बुध उनके छठे भाव का स्वामी होगा, जिसके चलते आपकी वाणी में कड़वाहट देखी जाएगी और इसका असर आपके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन पर पड़ सकता है। अग्नि तत्व की राशि मेष के जातकों को स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्याएं आ सकती हैं, इसीलिए आपको सलाह दी जाती है कि बुध के इस गोचर के दौरान अपनी सेहत का खास ध्यान रखें।
बुध ग्रह का यह गोचर शुक्र के स्वातिमत्व वाली वृषभ राशि के बारहवें घर में होगा। कुंडली में बारहवां भाव व्यय के विषय में बतलाता है। इसका मतलब इस गोचर काल में आप कुछ ज़्यादा खर्च कर सकते हैं। साथ ही आपको अपने स्वास्थ्य पर भी खास ध्यान देना होगा, क्योंकि कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी होने के आसार हैं।
पृथ्वी तत्व की राशि कन्या के जातकों के लिए, बुध की यह स्थिति कुछ तेजी से बदलाव लाएगी, जिसके चलते आपके जीवन में तनाव और भागदौड़ की स्थिति पैदा हो सकती है। इस गोचरकाल में आपको अपने स्वास्थ्य पर भी पूरा ध्यान रखना होगा।
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