भारत देश अपनी एकता और अखंडता के लिए विश्व विख्यात हैं। यहां अनेकों त्यौहार मनाए जाते हैं। इस देश में भारतीय लोग सभी त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाते हैं । उनमें से ईसाइयों का एक पवित्र पर्व है क्रिसमस । इसे बड़ा दिन भी कहते हैं। जैसे कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बाल कृष्ण की झांकियां देखने को मिलती है , ऐसे ही क्रिसमस दिवस पर ईशा के जीवन की झांकियां दिखाई जाती है। इस दिन गिरजाघरों में बहुत धूमधाम होती है। लोग अपने घरों में भी झांकियां सजाते हैं। ईसाई क्या सभी धर्मों के लोग मिलजुल कर अपने बच्चों की खुशी के लिए क्रिसमस वृक्ष सजाते हैं। यही झांकी अगर हम आधुनिक वास्तु नियम अनुसार सजाएं तो यह बड़ा दिन हमारे जीवन मे बड़ी खुशियां लाएगा।
क्या है क्रिसमस ट्री की महत्ता
सर्वप्रथम पौधे का चयन करते हैं। प्राकृतिक पौधा (कृतिम पौधा की तुलना में ) जैसे डगलस ,बालसम या फर, शुभ फल देता है। इन पौधों को घर में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है। क्रिसमस पौधा मध्यम ऊंचाई का होना चाहिए। ज्यादा ऊँचा या ज्यादा छोटा पौधा हमें पर्याप्त ऊर्जा देने में असमर्थ होता है। घर के अग्नि कोण को इस पौधे से सुसज्जित करें। यह पौधा पूरे परिवार को ऊर्जावान बनाकर खुशियों से भर देगा। अगर पौधे की कोई पत्ती सुखी हो तो उसे अवश्य निकाल दें।
क्रिसमस ट्री की सजावट के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
अब बारी आती है पौधे को सुसज्जित करने की। सजावट करते समय रंगों व आकार का चयन बड़ी सावधानी से करें। किसी भी रंग या आकार का प्रयोग अधिक या कम होना, हमारी प्रसन्नता को प्रभावित कर सकता है। अत्याधिक लाल रंग व तिकोना आकार अग्नि तत्व को बढ़ाता है। अग्नि तत्व का बढ़ा होना हमारे वातावरण को आक्रमक व हिंसक बनाता है। इसके विपरीत लाल रंग व तिकोने आकार का संतुलित प्रयोग हमें प्रेम व सहयोग की भावना प्रदान करता है।
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क्रिसमस ट्री में नजर आने वाले रंगों का ज्योतिषीय महत्व
क्रिसमस वृक्ष में प्रयोग किया हुआ सफेद रंग व गोलाकार जल तत्व का प्रतिनिधित्व करता है । जल ही जीवन है किंतु किसी चीज की नुकसानदायक होती है ।अत्याधिक सफेद रंग व गोलाकार का प्रयोग वातावरण व व्यक्ति दोनों को भावुकता व संवेदनशील बनाता है। संतुलित ढंग से प्रयोग किया हुआ सफेद रंग व गोलाकार शांति व सौम्यता प्रदान करता है। झांकी में प्रयोग हुआ नीला रंग व चौकोर आकार पृथ्वी तत्व का प्रतिनिधित्व करता है।पृथ्वी हमें स्थिरता देती है किंतु अगर इसकी अति हो जाए तो व्यक्ति व वातावरण दोनों की कार्य क्षमता को जाम कर देती है। व्यक्ति को जिद्दी व आलसी बना देती है।
पीला रंग व गुंबदाकार आकाश तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। जिस वातावरण व व्यक्ति मे आकाश तत्व का संतुलन हो उसमें किसी के प्रति अन्याय व स्वार्थ की भावना नहीं उत्पन्न होती। किंतु इसकी अति हो जाए तो अति वैराग्य की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। हरा रंग खुशहाली ,खुशियां व विस्तार का प्रतीक है। इस रंग की कमी होना बौद्धिक विकास में बाधा डालती है। झांकी में प्रयोग होने वाले सितारे जीवन में संतुलन लाते हैं। यह चिन्ह ऊर्जा संतुलन का प्रतीक माना जाता है। क्रिसमस वृक्ष को अत्याधिक वस्तुओं से ना सुसज्जित करें। किसी भी चीज की अति जीवन को तनावयुक्त बना सकती है।
बड़े दिन यानी क्रिसमस पर झांकियों की सजावट के साथ साथ अपने मन को भी सजाएं। बच्चे जो हमारी बगिया के फूल हैं उन्हें भी खूब प्रेम व खुशियाँ दे। अपने बच्चों के मन को टटोलकर उन्हें भेंट अवश्य दें।खुश रहे और खुशियां बांटे।
आप सभी को एस्ट्रोसेज की तरफ से क्रिसमस की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं !
आधुनिक वास्तु एस्ट्रो विशेषज्ञ
दीप्ति जैन एक जानी-मानी वास्तुविद हैं, जिन्होंने पिछले 3 सालों से वास्तु विज्ञान के क्षेत्र में अपने कौशल और प्रतिभा को बखूबी दर्शाया है। उनके इस योगदान के लिए उन्हें कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है। दीप्ति जैन न केवल वास्तु बल्कि सामाजिक मुद्दों, हस्तरेखा विज्ञान, अध्यात्म, कलर थेरेपी, सामुद्रिक शास्त्र जैसे विषयों की भी विशेषज्ञ हैं।