एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे चंद्र ग्रहण के बाद किये जाने वाले उन जरुरी उपायों के बारे में जिससे ग्रहण के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकें। अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं चंद्र ग्रहण 2022 की तिथि और समय के बारे में।
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चंद्र ग्रहण 2022
साल 2022 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को घटित हुए सूर्य ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद लगा और इस ग्रहण को दुनिया के अधिकांश हिस्सों में देखा गया। चंद्र ग्रहण की शुरुआत के समय को स्पर्शकाल के नाम से जाना जाता है जो शाम 05 बजकर 32 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक था।
चंद्र ग्रहण के संबंध में कई ज्योतिषियों ने भविष्यवाणियां की और उनकी भविष्यवाणियों के अनुसार, चंद्र ग्रहण के प्रभाव की वजह से प्रकृति में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इस ग्रहण का प्रभाव पृथ्वी पर रहने वाले समस्त जानवरों पर भी पड़ सकता है। साथ ही, चंद्र ग्रहण के दिन ही चंडाल दोष लगने की भी संभावना थी इसलिए चंद्र ग्रहण के समाप्त होने के बाद भी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
आइये अब नज़र डालते है उन उपायों पर जिन्हें चंद्र ग्रहण 2022 के बाद करना चाहिए।
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चंद्र ग्रहण के समाप्त होने के तुरंत बाद इन उपायों को जरूर करें
घर की साफ़-सफाई करें: किसी भी नए काम की शुरुआत से पहले घर की साफ़-सफाई करने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है ग्रहण के बाद भी इसके प्रभाव लंबे समय तक बना रहता है इसलिए घर साफ़ करने के बाद वातावरण को पवित्र करने के लिए अगरबत्ती जलानी चाहिए।
गंगाजल से करें घर का शुद्धिकरण: माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के बाद, आपके आसपास की हर वस्तु अशुभ हो जाती है। ऐसे में, गंगाजल काफी प्रभावी माना गया है इसलिए आपको पूरे घर में गंगाजल छिड़कने की सलाह दी जाती है।
स्नान और ध्यान करें: चंद्र ग्रहण की समाप्ति के बाद, प्रत्येक व्यक्ति को स्नान करना चाहिए। हालांकि, किसी नदी में स्नान करने को अत्यंत पवित्र माना जाता है जो लोगों के लिए फलदायी होता है। मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए नहाने के बाद ध्यान भी अवश्य करें।
भगवान शिव का करें ध्यान: चंद्रमा उन लोगों को हानि नहीं पहुंचाता है जो भगवान शिव का ध्यान करते हैं क्योंकि शिव जी ने ही चंद्र देव के जीवन की रक्षा की थी इसलिए भगवान शंकर के पूजन से चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।
हनुमान जी की पूजा करें: बजरंगबली को “संकटमोचन” कहा जाता है क्योंकि हनुमान जी सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान करते हैं। भगवान हनुमान की पूजा करने से चंद्र ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। साथ ही, आप हनुमान जी को लाल चोला भी चढ़ा सकते हैं।
गौ माता की पूजा करें और रोटी खिलाएं: सनातन धर्म में गौ माता के पूजन का विशेष महत्व है और इन्हें माँ का दर्जा दिया गया है। मान्यता है कि इनमे 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है इसलिए आपको चंद्र ग्रहण के बाद गाय को रोटी जरूर खिलानी चाहिए।
दान- सनातन धर्म में दान का विशेष महत्व होता है। चंद्र ग्रहण के बाद, ग्रहण के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए दान करना चाहिए। ऐसे में, आप सफ़ेद रंग से जुड़ी वस्तुओं जैसे कपूर, दही, घी आदि का दान कर सकते हैं। जो लोग शनि ग्रह के कुप्रभावों का सामना कर रहे हैं उन्हें भगवान शनि का आशीर्वाद पाने के लिए काले तिल और सरसों का तेल आदि दान करना चाहिए। दान करते समय पूर्वजों का ध्यान करें, साथ ही जरूरतमंदों को भोजन कराएं।
खानपान में बरतें सावधानी: ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। आप चाहे तो, चंद्र ग्रहण से पहले ही उसका सेवन कर लें और बचे हुए भोजन में तुलसी का पत्ता मिलाकर गरीबों को दान कर दें।
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