चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन माँ दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है। माना जाता है कि जब सृष्टि की रचना नहीं हुई थी और हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा था तब देवी ने अपनी हंसी से ब्रह्मांड की रचना की थी। यही वजह है कि उन्हें श्श्रीष्टि की आदिशक्ति का दर्जा भी दिया गया है।
बात करें माँ के स्वरूप की तो माँ कुष्मांडा की आठ भुजाएं हैं यही वजह है कि इनका एक नाम देवी अष्टभुजा भी है। कहते हैं माँ सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करने वाले अपने भक्तों के सभी कष्ट दुख रोग पल भर में दूर कर देती हैं। इसके साथ ही जो कोई भी जातक सही विधि से माँ कुष्मांडा की पूजा करता है उन्हें सभी सिद्धियों की प्राप्ति होने लगती है।
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आइए अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं नवरात्रि के तीसरे दिन माँ कूष्मांडा की कृपा अपने जीवन में प्राप्त करने के लिए सही विधि से पूजन क्या है, इस दिन का पूजा मंत्र क्या है, और साथ ही जानते हैं इस दिन किए जाने वाले कुछ सरल और सटीक उपाय उनकी संपूर्ण जानकारी।
चैत्र नवरात्रि 2023- चौथे दिन की सही पूजा विधि
- इस दिन सबसे पहले कलश और उसमें स्थापित देवी देवताओं की पूजा करें।
- इसके बाद देवी कुष्मांडा की पूजा प्रारंभ करें।
- पूजा शुरू करने से पहले अपने हाथ में फूल लेकर देवी को प्रणाम करें और उनके मंत्र का जप करें।
- देवी को फल, फूल, मेवे आदि का भोग लगाएं।
- इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। जैसा कि हम ने पहले भी बताया कि यदि दुर्गा सप्तशती के पाठ जिन्हें भी कारणवश आप नहीं पढ़ सकते हैं तो कम से कम कवच, अर्गला, और कीलक का पाठ अवश्य करें।
- इसके बाद आरती करें।
- देवी से अपनी मनोकामना कहें।
- पूजा में मौजूद सभी लोगों को प्रसाद अवश्य दें। पूजा में अनजाने में भी हुई भूल की माँ से क्षमा प्रार्थना करें।
नवरात्रि चौथे दिन का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु
माँ कूष्मांडा रूपेण प्रतिष्ठितता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै:
नमस्तस्यै नमो नम:
माँ कूष्मांडा पूजन के मंत्र
कुत्सित: कूष्मा
कूष्मा-त्रिविधतापयुत:
संसार:, स अण्डे मांसपेश्यामुदररूपायां
यस्या: सा कूष्मांडा।।
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नवरात्रि चौथे दिन का भोग
पौराणिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि, माँ कूष्मांडा की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में ऐश्वर्य और समृद्धि बढ़ती है। साथ ही सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा जिन जातकों के जीवन में विवाह से संबंधित परेशानियां हो उन्हें भी माँ कूष्मांडा की पूजा करने की सलाह दी जाती है। देवी कूष्मांडा की प्रसन्नता हासिल करने के लिए माँ को नवरात्रि के चौथे दिन मालपूए या हरे फलों का भोग अवश्य लगाएं। साथ ही आप इस दिन मखाने की खीर का भी भोग लगा सकते हैं। यह भोग माँ को बेहद प्रिय होता है।
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नवरात्रि चौथे दिन के लिए उपयुक्त रंग
नवरात्रि के चौथे दिन पूजा में ज्यादा से ज्यादा पीले रंग को शामिल करें। कहा जाता है इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने से व्यक्ति के ज्ञान और आर्थिक जीवन में सुधार होने लगता है।
माँ कुष्मांडा और ग्रहों का संबंध
ग्रहों की बात करें तो बुध ग्रह पर देवी कुष्मांडा का आधिपत्य माना गया है। ऐसे में जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह से संबंधित दोष होता है उन्हे विशेष तौर पर कुष्मांडा देवी की पूजा करने का विधान बताया जाता है।
माँ कुष्मांडा की पूजा करने से सूर्य ग्रह से उत्पन्न होने वाले दोष दूर होते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति के व्यापार, और दांपत्य जीवन में सुख समृद्धि में भी इजाफा होने लगता है। माँ कुष्मांडा की पूजा करने वाले जातकों को तमाम रोगों से मुक्ति मिलती है और आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि के चौथे दिन राशि अनुसार ये उपाय दिलाएंगे माँ कुष्मांडा का आशीर्वाद
- मेष राशि: चैत्र नवरात्र के चौथे दिन माँ को मालपुए का भोग लगाएं।
- वृषभ राशि: नवरात्रि के 4 दिन माँ को रबड़ी का भोग अवश्य लगाएं।
- मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातक माँ दुर्गा को पपीते का भोग लगाएं।
- कर्क राशि: कर्क राशि के जातक माँ दुर्गा को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
- सिंह राशि: सिंह राशि के जातक इस दिन देवी को अनार का भोग अवश्य लगाएं।
- कन्या राशि: कन्या राशि के जातक इस दिन माँ दुर्गा का खुद अपने हाथों से बनी खीर का भोग अवश्य लगाएँ।
- तुला राशि: तुला राशि के जातक नवरात्रि के चौथे दिन देवी को सिंघाड़े का भोग लगाएं।
- वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातक चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन माँ को गुड़ का भोग लगाएं।
- धनु राशि: धनु राशि के जातक देवी को पान का भोग लगाएं।
- मकर राशि: मकर राशि के जातक नवरात्रि के चौथे दिन माँ को नारियल का भोग लगाएं।
- कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातक माँ को हलवे का भोग अर्पित करें।
- मीन राशि: मीन राशि के जातक नवरात्रि के चौथे दिन माँ को पांचो मेवे का भोग लगाएं।
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