सनातन धर्म एवं वैदिक ज्योतिष में अमावस्या का बहुत महत्व है। हर महीने की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या पड़ती है। एक साल में कुल 12 अमावस्या पड़ती हैं और हर महीने में एक अमावस्या तिथि आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र अमावस्या हिंदू वर्ष का अंतिम दिन होता है। इसे भूतड़ी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। अमूमन यह मार्च के आखिर या अप्रैल की शुरुआत में आती है।
आज एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको चैत्र अमावस्या 2025 के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके साथ ही इस बारे में भी चर्चा करेंगे कि इस दिन राशि अनुसार क्या दान करना चाहिए एवं चैत्र अमावस्या का क्या महत्व है और इस दिन किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं चैत्र अमावस्या की तिथि एवं पूजन विधि के बारे में।
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कब है चैत्र अमावस्या 2025
28 मार्च, 2025 को शाम को 07 बजकर 57 मिनट पर अमावस्या तिथि आरंभ होगी और इसका समापन 29 मार्च को शाम 04 बजकर 29 मिनट पर होगा। इस प्रकार चैत्र अमावस्या 29 मार्च को पड़ रही है।
शनि अमावस्या भी है इस दिन
चूंकि, यह अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है इसलिए इस दिन शनिश्चरी अमावस्या भी मनाई जाएगी। शनि अमावस्या पर शनि देव को प्रसन्न करने एवं उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए उनसे संबंधित वस्तुओं जैसे कि लोहा, तेल और काले वस्त्र दान करने का बहुत महत्व है। इस दिन काले तिल और काली उड़द की दाल का भी दान कर सकते हैं। इस दिन पितरों को प्रसन्न एवं शांत करने के लिए पूजा-पाठ एवं पिंडदान करना चाहिए। इसके अलावा शनि देव की मूर्ति के आगे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
चैत्र अमावस्या पर बन रहा है शुभ योग
इस दिन ब्रह्म योग बन रहा है जिसकी शुरुआत 28 मार्च को 02 बजकर 06 मिनट पर होगी और 29 मार्च को रात 10 बजकर 02 मिनट पर यह योग खत्म होगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ब्रह्म योग एक शक्तिशाली योग है जो कि अपार धन, बुद्धि, स्वास्थ्य, दीर्घायु और साहस प्रदान करता है।
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चैत्र अमावस्या का क्या महत्व है
पितरों का तर्पण करने के लिए अमावस्या तिथि को उपयुक्त माना जाता है। इस तरह चैत्र अमावस्या पर भी पितरों की शांति के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। चैत्र अमावस्या पर कौवे, गाय, कुत्ते या गरीब लोगों को खाना खिलाया जाता है या उन्हें अपने सामर्थ्य के अनुसार दान दिया जाता है।
गरुण पुराण में वर्णित है कि अमावस्या तिथि पर पूर्वज अपने वंशजों के घर आते हैं। इसलिए इस दिन पितरों के नाम पर दान करने से उच्च फल प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रखने का भी बहुत महत्व है। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है। इसमें अमावस्या तिथि से व्रत शुरू करके प्रतिपदा तिथि पर चंद्रमा के दर्शन करने पर व्रत संपूर्ण होता है।
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चैत्र अमावस्या 2025 की पूजन विधि
- अगर आप चैत्र अमावस्या पर व्रत रखना चाहते हैं, तो इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। अगर संभव हो, तो इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान भी कर सकते हैं या फिर आप अपने नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- इसके बाद आप अपने घर के पूजन स्थल में दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें। फिर एक लोटे जल में गंगाजल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- इस दिन पितरों के नाम पर दान करना चाहिए। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं एवं मनुष्य के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
- चैत्र अमावस्या पर अपने इष्ट देव का ध्यान करना भी शुभ होता है।
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चैत्र अमावस्या 2025 पर करें ये ज्योतिषीय उपाय
पितृ दोष से मुक्ति के लिए
- अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है, तो इससे मुक्ति पाने के लिए आप चैत्र अमावस्या के दिन काले तिलों का दान कर सकते हैं। माना जाता है कि इस उपाय को करने से पितृ दोष दूर होता है और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
- पितरों की शांति के लिए ब्राह्मण को भोजन करवाना ज़रूरी होता है। इससे पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है।
- इसके अलावा पीपल के वृक्ष की पूजा करें, जल चढ़ाएं और शाम के समय दीपक जलाएं।
दरिद्रता दूर करने के लिए
- अमावस्या तिथि पर तांबे के लोटे में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर ‘ॐ घृणि सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप करते सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस उपाय को करने से गरीबी दूर हो जाती है।
- इस दिन पितरों के नाम पर असहाय और गरीब लोगों को भोजन कराएं। इससे पैसों की तंगी दूर होती है और धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
चंद्रमा कमज़ोर हो तो क्या करें
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमज़ोर है, तो वह जातक अमावस्या के दिन गाय को दही और चावल खिलाए। इससे मन शांत रहता है।
चैत्र अमावस्या पर न करें ये गलतियां
- सनातन धर्म में चैत्र अमावस्या का बहुत महत्व है इसलिए इस दिन तामसिक भोजन एवं मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन प्याज़ और लहसुन से भी परहेज़ करना चाहिए।
- इसके अलावा अमावस्या तिथि पर घर आए भिक्षुक या ब्राह्मण को खाली हाथ नहीं भोजना चाहिए।
- अमावस्या पर देर तक सोने से बचना चाहिए बल्कि सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लेना चाहिए एवं रातभर ईश्वर का ध्यान करना चाहिए।
- इस तिथि पर बाल एवं नाखून भी नहीं काटने चाहिए। ऐसा करना बहुत अशुभ होता है।
- अमावस्या पर आप गरीबों को दान करें एवं बड़ों का सम्मान करें और किसी से भी अपशब्द न कहें।
चैत्र अमावस्या 2025 पर राशि अनुसार क्या दान करें
आप चैत्र अमावस्या पर राशि अनुसार निम्न चीज़ों का दान कर सकते हैं:
- मेष राशि: आप मसूर की दाल, गुड़, लाल रंग के वस्त्र और तांबे के बर्तनों का दान करें। ऐसा करने से आपका कर्ज़ खत्म होगा, शत्रुओं का नाश और मानसिक शांति मिलेगी।
- वृषभ राशि: चैत्र अमावस्या पर वृषभ राशि के जातक सफेद रंग के वस्त्र, दही चावल, मिश्री और शंख का दान करें। इससे आपके परिवार में सुख और धन में वृद्धि होगी।
- मिथुन राशि: इस राशि वाले हरे रंग के कपड़े, मूंग की दाल, पान के पत्ते और हरे रंग का फूल दान में दें। इससे आपको अपने करियर में प्रगति मिलेगी।
- कर्क राशि: आप चैत्र अमावस्या पर दूध, चावल, चांदी, सफेद रंग की मिठाई और मोती का दान करें। इस उपाय से आपके घर में शांति आएगी और आपकी मां की सेहत में सुधार आएगा।
- सिंह राशि: आप गेहूं, गुड़, तांबे के बर्तन, लाल रंग के फल जैसे कि सेब और अनार का दान करें। इससे आपको करियर में उन्नति मिलेगी और आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
- कन्या राशि: चैत्र अमावस्या पर कन्या राशि वाले तुलसी, किताबों, स्टेशनरी, अनाज और हरी मूंग का दान करें। इससे आपको आर्थिक समृद्धि मिलेगी।
- तुला राशि: आप इत्र, चंदन, सफेद रंग के वस्त्र, दही और सुगंधित फूल आदि का दान करें। इससे वैवाहिक जीवन में सुख आता है और प्रेम संबंध मज़बूत होते हैं।
- वृश्चिक राशि: आप लाल मसूर की दाल, तांबे का सिक्का, बेलपत्र और लाल रंग के कपड़ों का दान करें।
- धनु राशि: पीले रंग के वस्त्र, हल्दी, केले, घी, चने की दाल का दान करने से आपको लाभ होगा।
- मकर राशि: इस राशि वाले सरसों के तेल, लोहे की वस्तुओं, उड़द की दाल और काले तिल का दान करें।
- कुंभ राशि: आप चैत्र अमावस्या पर नीले रंग के कपड़ों, छाता, जूते और तिल आदि का दान करें।
- मीन राशि: ये जातक मानसिक शांति के लिए अमावस्या तिथि पर पीले रंग की मिठाई, हल्दी, केसर, चंदन का दान करें और गाय को चारा खिलाएं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. चैत्र अमावस्या 29 मार्च को पड़ रही है।
उत्तर. इस दिन स्नान और दान करना चाहिए।
उत्तर. इस दिन क्रोध, ईर्ष्या और मास मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।