कल यानी 11 मार्च 2021 गुरुवार के दिन महाशिवरात्रि है और उससे ठीक 1 दिन पहले यानी की आज भगवान शिव का ही एक और बेहद ही विशेष व्रत प्रदोष व्रत किया जा रहा है। यूं तो प्रदोष व्रत हर महीने किया जाता है लेकिन इस बार जो बात प्रदोष व्रत को ज्यादा विशेष बना रही है वह है इसका महाशिवरात्रि से ठीक एक दिन पहले पड़ना।
प्रदोष व्रत के बारे में ऐसी मान्यता है कि, यह व्रत भगवान शिव को बेहद ही प्रिय है। ऐसे में इस बेहद ही सरल व्रत, पूजन और उपवास से महादेव की प्रसन्नता बेहद आसानी से हासिल की जा सकती है। इसके अलावा जानकारी के लिए बता दें कि, जहां प्रदोष व्रत भगवान शिव को बेहद प्रिय है वहीं बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। ऐसे में बुधवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ना एक और शुभ संयोग लेकर आ रहा है।
यह भी पढ़ें: प्रदोष व्रत की पूजन विधि और महत्व
यानी कि, आज किया जाने वाला प्रदोष व्रत वाकई में हर महीने में बेहद ही खास, विशेष और महत्वपूर्ण होने वाला है। आज प्रदोष व्रत और पूजन करके भगवान शिव और भगवान गणेश की प्रसन्नता हासिल कर सकते हैं। इसके बाद ठीक अगले ही दिन भगवान शिव का एक और महत्वपूर्ण त्योहार कल यानी गुरुवार के दिन मनाया जाएगा जिसे भी सही पूजन विधि और नियम के साथ कर के आप भगवान शिव की प्रसन्नता हासिल कर सकते हैं।
बुध प्रदोष व्रत के बारे में ऐसी मान्यता है कि, जो कोई भी व्यक्ति सही नियम और विधि के साथ इस दिन की पूजा व्रत और उपवास करता है उसे भगवान शिव के साथ-साथ गणेश भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा ऐसे व्यक्तियों की संतान के जीवन में भी कोई दुख, कष्ट या परेशानी नहीं आती है। बुध प्रदोष व्रत संतान के लिए भी बेहद उपयुक्त माना गया है। ऐसे में आप चाहे तो बुध प्रदोष व्रत यानी आज किया जाने वाला प्रदोष व्रत का अनुष्ठान अपनी संतान से भी करा सकते हैं।
यह भी पढ़ें: महाशिवरात्रि की सही पूजन विधि, मुहूर्त और महत्व
बुध प्रदोष व्रत का नियम
कहा जाता है हिंदू धर्म के सभी देवी देवताओं में सबसे सरल पूजन विधि महादेव की पूजा की होती है। यह अपने भक्तों से केवल बेलपत्र और एक लोटा जल में ही प्रसन्न हो जाते हैं। ऐसे में आपको प्रदोष व्रत में भी कुछ ज्यादा करने की आवश्यकता नहीं होती है। पर सलाह इतनी दी जाती है कि जो भी करें उसे नियम पूर्वक और सच्ची श्रद्धा के साथ करें।
आज के व्रत में भगवान शिव की पूजा की थाली सजा एक थाली में अबीर,सुगंधित चंदन, किसी भी रंग का गुलाल, सुगंधित पुष्प, बिल्व पत्र, कलावा, अक्षत, दीपक, कपूर इत्यादि शामिल करें। पूजा में भोग भी अवश्य चढ़ाएं। सही विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करें। बुध प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें और दूसरों को भी सुनाएं और पूजा के अंत में आरती अवश्य कहें।
यदि आप आज व्रत हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, इस दिन अन्न नहीं खाना है। इस दिन का व्रत फलाहार रहा जाता है और इस दिन नमक खाने से परहेज करें।
यह भी पढ़ें: बुध प्रदोष व्रत बच्चों के लिए माना जाता है बेहद ख़ास, मिल सकता है विशेष आशीर्वाद
अपनी संतान के सुख और समृद्धि जीवन के लिए उनसे आज ऐसे कराएं पूजन
बुध प्रदोष व्रत संतान सुख और संतान के जीवन में सुख और समृद्धि के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में यदि आप आज कितने संतान के हाथों से हरी वस्तुओं का और पढ़ाई लिखाई की चीजों का और दवा इत्यादि का दान कर आते हैं तो इससे उन्हें शुभ लाभ अवश्य प्राप्त होता है। इसके अलावा उन्हें बड़े बुजुर्गों और हर एक व्यक्ति का सम्मान करना सिखाए। अपने बच्चों के हाथ से तुलसी के पत्ते और मिश्री भगवान विष्णु को चढ़ाएं।
“ॐ सद्बुद्धि प्रदाये नमः” इस मंत्र का 21 बार स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जाप करते हुए तुलसी के पत्ते को अपने बच्चों को प्रसाद के रूप में खिला दें। इस उपाय को करने से आपके बच्चे की बुद्धि प्रखर होगी और उनके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहेगी।
आशा है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!