ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि और विद्या का कारक माना जाता है, जो कि मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। बुध के मजबूत होने से व्यक्ति अपनी बुद्धि का सही तरीके से प्रयोग करके सही निर्णय लेने में सक्षम होते हैं, जिससे उन्हें सफलता प्राप्त होती है। बुध को ग्रहों का राजकुमार माना जाता है इसलिए बुध के शुभ प्रभावों में से है कि व्यक्ति का जीवन बहुत ही सुखमय और संसाधनों से भरपूर रहता है। वहीं, बुध कमजोर होने से व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो जाती है।
ज्योतिष ग्रंथों के मुताबिक सामान्य चाल से चलते हुए बुध वैसे तो एक राशि में 23 दिनों तक ही रहता है। कभी-कभी चाल में बदलाव के चलते एक महीना भी हो जाता है। इसी क्रम में बुध जल्द ही अगस्त माह में बुध कर्क राशि में मार्गी होने जा रहे हैं। इस ख़ास ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे अगस्त में कर्क राशि में बुध के मार्गी की ये ज्योतिषीय घटना सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगी, ज्योतिष में बुध के मार्गी का क्या महत्व होता है, साथ ही जानेंगे बुध के गोचर के नकारात्मक प्रभावों से बचने के कुछ बेहद सरल और ज्योतिषीय उपायों की जानकारी। लेकिन, इससे पहले जान लेते हैं बुध का कर्क राशि में मार्गी की समयावधि।
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बुध कर्क राशि में मार्गी : समय व तिथि
बुद्धि और वाणी के कारक ग्रह बुध कर्क राशि में मार्गी 29 अगस्त 2024 की सुबह 09 बजकर 15 मिनट पर होने जा रहा है। मार्गी बुध का प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों में देखने को मिलेगा, किसी में सकारात्मक रूप से तो किसी में नकारात्मक रूप से। तो आइए सबसे पहले जानते हैं ज्योतिष में मार्गी ग्रह का क्या अर्थ होता है।
मार्गी ग्रह का अर्थ
ग्रहों का मार्गी होना एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है। जब कोई ग्रह मार्गी होता है, तो इसका अर्थ है कि वह अपने सामान्य, सीधी दिशा में चल रहा होता है। यह स्थिति तब होती है जब ग्रह सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा में गति करते हुए पृथ्वी से देखने पर सीधा चलता हुआ प्रतीत होता है। ज्योतिष में, जब ग्रह मार्गी होते हैं, तो उनके सकारात्मक और सामान्य प्रभाव ज्यादा स्पष्ट होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि बुध ग्रह मार्गी है, तो उसके सकारात्मक प्रभाव, वाणी, बुद्धि, त्वचा, गणित और संवाद में देखने को मिलता है। इसी प्रकार, शुक्र ग्रह के मार्गी होने पर प्रेम, सौंदर्य, और वैवाहिक जीवन में संतुलन बना रहता है।
इसके विपरीत, ग्रह के वक्री होने पर, यानी जब वह उल्टी दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है, तो उसके प्रभावों में अवरोध आ सकता है। वक्री ग्रह आमतौर पर अपने क्षेत्र में चुनौतियां और कठिनाइयां लाते हैं। लेकिन जब वही ग्रह मार्गी हो जाता है, तो वह पुनः अपनी पूरी शक्ति और सकारात्मकता के साथ कार्य करता है। मार्गी ग्रहों को नई शुरुआत, कार्यों में प्रगति, और जीवन में सकारात्मक बदलावों के लिए उत्तम माना जाता है। यह समय उन कार्यों को पूरा करने के लिए भी अच्छा होता है जो वक्री काल के दौरान अधूरे रह गए थे।
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ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्वपूर्ण स्थान है। यह ग्रह व्यक्ति की बुद्धि, संवाद क्षमता, तर्कशक्ति और व्यापारिक कौशल को दर्शाता है। बुध को बुद्धि का कारक माना जाता है इसलिए यह ग्रह शिक्षा, लेखन और वाणिज्य में सफलता के लिए आवश्यक होता है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशियों के स्वामी हैं। मिथुन राशि में, बुध त्वरित सोच और संचार का प्रतीक है, जबकि कन्या राशि में यह तार्किकता और अनुशासन का प्रतिनिधित्व करता है। बुध का प्रभाव जातक के मानसिक संतुलन और निर्णय लेने की क्षमता पर पड़ता है। यह ग्रह व्यक्ति की बातचीत की शैली, व्यापारिक विचारधारा, और लेखन की कुशलता को बढ़ाता है।
यदि बुध ग्रह कुंडली में शुभ स्थिति में होता है, तो व्यक्ति की संवाद क्षमता उत्कृष्ट होती है। वह एक अच्छे वक्ता और लेखक के रूप में उभर सकता है। साथ ही, यह ग्रह व्यापार में सफलता दिलाने वाला होता है, क्योंकि बुध व्यापार और लेन-देन से जुड़ा हुआ है। लेकिन यदि बुध अशुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति को मानसिक उलझनों, तर्कहीनता और संवाद में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, यह ग्रह तनाव, अवसाद और भाषण से संबंधित समस्याएं भी पैदा कर सकता है। बुध के कमजोर होने पर शिक्षा और व्यवसाय में भी रुकावट आती हैं। बुध ग्रह का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह सूर्य के सबसे निकट होने के कारण, हर ग्रह के साथ युति कर सकता है, जिससे यह विभिन्न प्रकार के प्रभाव उत्पन्न करता है।
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12 भावों में बुध ग्रह का प्रभाव
ज्योतिष में बुध ग्रह का विभिन्न भावों में प्रभाव अलग-अलग होता है। आइए जानते हैं ज्योतिष में 12 भावों में बुध ग्रह का महत्व।
पहले भाव में बुध ग्रह का महत्व
बुध का इस भाव में होना जातक को बुद्धिमान, विचारशील और संवाद में कुशल बनाता है। ऐसा व्यक्ति तर्कशक्ति में निपुण और चतुर होता है। उसकी सोच तार्किक और स्पष्ट होती है।
दूसरे भाव में बुध ग्रह का महत्व
इस भाव में बुध के प्रभाव से जातक की वाणी मधुर और स्पष्ट होती है। वह अपने शब्दों का सही उपयोग करता है, जिससे वित्तीय क्षेत्र में उसे लाभ मिलता है।
तीसरे भाव में बुध ग्रह का महत्व
बुध का इस भाव में होना व्यक्ति को साहसी, निडर और रचनात्मक बनाता है। यह प्रभाव विशेष रूप से लेखन, पत्रकारिता, और मीडिया से जुड़े लोगों के लिए लाभकारी होता है।
चौथे भाव में बुध ग्रह का महत्व
इस भाव में बुध का प्रभाव जातक को शिक्षा और ज्ञान में सफलता दिलाता है। वह अपने परिवार और मातृभूमि से जुड़ा रहता है और पारिवारिक जीवन सुखी रहता है।
पांचवें भाव में बुध ग्रह का महत्व
बुध के पंचम भाव में होने पर जातक बुद्धिमान, रचनात्मक और प्रेम संबंधों में ईमानदार होता है। यह स्थान उच्च शिक्षा और संतान से संबंधित शुभ संकेत देता है।
छठे भाव में बुध ग्रह का महत्व
यहाँ बुध का होना व्यक्ति को समस्याओं के समाधान में कुशल बनाता है। वह कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और सूझबूझ से काम लेता है। स्वास्थ्य के प्रति भी सजग रहता है।
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सातवें भाव में बुध ग्रह का महत्व
बुध का इस भाव में होना, विशेषकर विवाह और साझेदारी में, संवाद और समझ को बेहतर बनाता है। वह अपने संबंधों में संतुलन बनाए रखता है और व्यापार में भी सफलता पाता है।
आठवें भाव में बुध ग्रह का महत्व
इस भाव में बुध रहस्यमय ज्ञान, गुप्त अनुसंधान और आध्यात्मिकता की ओर झुकाव देता है। जातक गहरे विषयों में रुचि रखता है और कठिन समस्याओं को सुलझाने में सक्षम होता है।
नौवें भाव में बुध ग्रह का महत्व
नौवें भाव में बुध का प्रभाव जातक को धार्मिक, आध्यात्मिक और दर्शन में रुचि रखने वाला बनाता है। वह उच्च शिक्षा और विदेशी यात्राओं में सफल होता है।
दसवें भाव में बुध ग्रह का महत्व
इस भाव में बुध के होने से जातक का करियर उज्ज्वल होता है। वह अपने क्षेत्र में सफल होता है और अपने कार्य में तर्कशक्ति का अच्छे से उपयोग करता है।
ग्यारहवें भाव में बुध ग्रह का महत्व
बुध का इस भाव में होना जातक को अच्छे मित्र, सामाजिक प्रतिष्ठा, और आर्थिक लाभ दिलाता है। उसके जीवन में इच्छाओं की पूर्ति होती है।
बारहवें भाव में बुध ग्रह का महत्व
इस भाव में बुध का प्रभाव व्यक्ति को आत्मनिरीक्षण, आध्यात्मिकता और विदेश से जुड़े मामलों में रुचि रखने वाला बनाता है। वह गहरे चिंतन में लीन रहता है और मानसिक शांति प्राप्त करता है।
बुध को मजबूत करने के आसान ज्योतिषीय उपाय
बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए कई सरल ज्योतिषीय उपाय के बारे में बताया जा रहा है। आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में।
बुध मंत्र का जाप करें
“ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें। यह मंत्र बुध ग्रह की ऊर्जा को सक्रिय करने और उसके प्रभाव को बढ़ाने में मदद करता है। सुबह के समय, स्नान के बाद शुद्ध होकर इस मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।
हरे वस्त्र धारण करें
बुध ग्रह का रंग हरा होता है इसलिए हरे रंग के कपड़े पहनना, विशेषकर बुधवार के दिन, बुध को प्रसन्न करने का एक सरल उपाय है।
तुलसी का पौधा लगाएं
तुलसी का पौधा बुध ग्रह को प्रिय होता है। अपने घर में तुलसी का पौधा लगाएं और प्रतिदिन उसकी पूजा करें। इससे बुध ग्रह की कृपा प्राप्त होती है।
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हरी सब्जियों का दान करें
बुधवार के दिन हरी सब्जियां, हरी मूंग, और हरे कपड़ों का दान करना बुध ग्रह को मजबूत करता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को हरी वस्तुओं का दान करें।
पन्ना रत्न धारण करें
बुध ग्रह के प्रभाव को बढ़ाने के लिए पन्ना रत्न धारण करना लाभकारी होता है। इसे बुध के मंत्र का जाप कर, सही विधि से धारण करें। हालांकि, इसे पहनने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह अवश्य ले लेना चाहिए।
भगवान गणेश की पूजा
भगवान गणेश बुध ग्रह के स्वामी माने जाते हैं। नियमित रूप से भगवान गणेश की पूजा करें और बुधवार के दिन विशेष रूप से उन्हें दूर्वा (घास) अर्पित करें।
बुध के बीज मंत्र का जाप करें
बुध के बीज मंत्र “ॐ ऐं स्त्रीं श्रीं बुधाय नमः” का जाप भी बुध ग्रह को मजबूत करता है। इस मंत्र का जाप करते समय मन को शांत रखें और ध्यान केंद्रित करें।
सुगंधित वस्त्र और परफ्यूम का इस्तेमाल करें
बुध को प्रसन्न करने के लिए सुगंधित वस्त्र पहनें और हल्की सुगंध वाले परफ्यूम का प्रयोग करें। यह बुध ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक होता है।
बुधवार का व्रत करें
बुध को मजबूत करने के लिए बुधवार का व्रत रखना लाभकारी होता है। इस दिन हरे रंग के वस्त्र पहनें और सादा भोजन करें।
बुध कर्क राशि में मार्गी: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
आपको अपने परिवार के विकास के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित करने की आवश्यकता हो सकती है। वहीं…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
इस अवधि आपको नई नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। इसके अलावा, आपको ऑनसाइट…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
आपकी आय में वृद्धि होगी और आप तेज़ी से विकास करेंगे। साथ ही, आपको…(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है क्योंकि…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
आपको इस अवधि मिले-जुले परिणाम प्राप्त होंगे। आपको धन हानि, निर्णय लेने में असमंजस…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगा और आप स्वयं के लिए एक अच्छा उदाहरण बनेंगे…(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
आप मन लगाकर अपने काम पर ध्यान देंगे। इस अवधि आप अधिक यात्रा भी कर सकते हैं…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
आपको भाग्य का साथ मिलने में देरी हो सकती है। साथ ही, आपको आत्मविश्वास की कमी…(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
आपका लोगों से विश्वास उठ सकता है। दैनिक कार्यों पर पकड़ कमजोर हो सकती है…(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
आपकी दोस्ती नए लोगों से हो सकती है और उनके माध्यम से आपको खुशी मिल सकती है। यहीं नहीं नए दोस्तों…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
आपको कुछ बातों को लेकर चिंताएं सता सकती है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि इस दौरान…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
इस दौरान आपके सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। आपके बच्चे आपकी अच्छे से देखभाल करेंगे…(विस्तार से पढ़ें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बुध कर्क राशि में मार्गी 29 अगस्त 2024 की सुबह 09 बजकर 15 मिनट पर होने जा रहा है।
ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व है क्योंकि यह सूर्य के सबसे निकट होने के कारण, हर ग्रह के साथ युति कर सकता है, जिससे यह विभिन्न प्रकार के प्रभाव उत्पन्न करता है।
बुध मिथुन एवं कन्या राशियों का स्वामी है तथा कन्या राशि में उच्च भाव में स्थित रहता है
बुध ग्रह का गोचर 23 या एक महीने का हो सकता है।