वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को मुख्य रूप से बुद्धि, वाणी, चेतना, व्यापार, शांति, वाणिज्य आदि का कारक माना जाता है। इसके अलावा वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध को एक लाभ दाता ग्रह भी माना गया है। हालांकि कई बार क्रूर ग्रहों के संपर्क में आने से बुध ग्रह कभी-कभी अशुभ फल भी देने लगता है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। बुध की उच्च राशि कन्या है जबकि मीन नीच राशि मानी जाती है।
अगर किसी इंसान की कुंडली में बुध मजबूत स्थिति में होता है तो ऐसे इंसान की संवाद शैली काफी कुशल होती है। ऐसे लोग हाज़िर जवाबी होते हैं और अपनी बात करने की ढंग से यह सभी का मन मोह लेते हैं। इसके अलावा ऐसे जातकों को कारोबार में भी सफलता प्राप्त होती है। बुध ग्रह जिस किसी इंसान की कुंडली में शुभ स्थिति में होता है वह इंसान एक अच्छा वक्ता होता है वहीं, दूसरी तरफ अगर कुंडली में बुध पीड़ित अवस्था में मौजूद हो तो, ऐसे व्यक्तियों का गणित कमजोर होता है। ऐसे लोगों को चीजें समझने में दिक्कत होती है और कारोबार में भी हानि उठानी पड़ सकती है। ऐसे लोगों के जीवन में दरिद्रता आती है।
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बात करें अगर बुध के गोचर की तो या ग्रह प्रत्येक राशि में लगभग 14 दिन तक रहता है। अब यही बुध ग्रह अपना स्थान परिवर्तन करते हुए सोमवार 25 जनवरी 2021 को, दोपहर 4 बज-कर 19 मिनट पर अपने मित्र ग्रह शनि के स्वामित्व वाली मकर राशि से निकल कर, कुम्भ राशि में प्रवेश करेगा।
25 जनवरी को होने वाले बुध गोचर का सभी 12 राशियों पर निश्चित तौर से कोई ना कोई प्रभाव अवश्य पड़ेगा। तो आइए जानते हैं कि, आपकी राशि पर इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ने वाला है। यहां पर यह अपना राशि अनुसार गोचर फल।
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बुध गोचर: मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी होते हैं, और अपने कुंभ राशि में प्रवेश के दौरान यह आपके एकादश, अर्थात लाभ स्थान में गोचर करेंगे। इस स्थान से आपके ….विस्तार से पढ़ें
बुध गोचर: वृषभ राशि
वृषभ राशि के स्वामी शुक्र के परम मित्र बुध का गोचर आपकी राशि से दशम भाव में होगा, जिससे कर्म और व्यवसाय की जानकारी मिलती है। आपके लिए बुध देव आपकी कुंडली के दूसरे और….विस्तार से पढ़ें
बुध गोचर: मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध आपकी राशि का स्वामी होने के कारण काफी महत्वपूर्ण हो जाता है, और इसके साथ-साथ वो आपके चतुर्थ भाव का स्वामी भी है। ऐसे में मकर राशि से निकलकर ….विस्तार से पढ़ें
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बुध गोचर: कर्क राशि
आपकी राशि के लिए बुध ग्रह तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी होता है, और कुंभ राशि में प्रवेश के दौरान यह आपकी राशि से अष्टम स्थान में गोचर करेगा। ऐसे में आपको इस समय मिश्रित परिणामों को प्राप्ति होगी। साथ ही ….विस्तार से पढ़ें
बुध गोचर: सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध, आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। यह दोनों ही भाव धन भाव कहलाते हैं, इसलिए बुध का गोचर आपके लिए काफी खास मायने रखता है। वहीं कुंभ राशि….विस्तार से पढ़ें
बुध गोचर: कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को इस गोचर के दौरान, कुछ स्वास्थ्य कष्ट संभव है। क्योंकि बुध देव आपकी राशि के स्वामी होने के साथ ही, आपके दसवें भाव पर भी आधिपत्य रखते हैं। अब अपने….विस्तार से पढ़ें
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बुध गोचर: तुला राशि
तुला राशि के लिए बुध उनके, नवम और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं। ऐसे में नवम भाव के स्वामी होने से ये आपके भाग्येश भी है, जो इस गोचर की अवधि में आपके पंचम भाव में विराजमान होगा। इस दौरान ….विस्तार से पढ़ें
बुध गोचर: वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोगों के लिए बुध देव आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं, और कुंभ राशि में गोचर के दौरान वे आपके चतुर्थ भाव में विराजमान होंगे। यह भाव आपके….विस्तार से पढ़ें
बुध गोचर: धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके सप्तम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ, कर्म अर्थात दशम भाव के स्वामी भी हैं। जो इस गोचर के समय मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में….विस्तार से पढ़ें
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बुध गोचर: मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध का गोचर काफी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह आपके छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपके भाग्य भाव के स्वामी भी हैं। अपने गोचर की इस अवधि में….विस्तार से पढ़ें
बुध गोचर: कुम्भ राशि
बुध का यह गोचर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आपकी ही राशि में होने जा रहा है। वैसे बुध आपके लिए पंचम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ, अष्टम भाव के स्वामी भी हैं और….विस्तार से पढ़ें
बुध गोचर: मीन राशि
बुध आपकी राशि के लिए सुख भाव यानि कि चतुर्थ तथा सप्तम के स्वामी होकर, कुंभ राशि में गोचर के दौरान आपकी राशि से बारहवें भाव में प्रवेश करेंगे। बारहवां भाव, व्यय अथवा हानि का भाव ….विस्तार से पढ़ें
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