एस्ट्रोसेज का यह खास ब्लॉग अपने रीडर्स के लिए बुध ग्रह के एक महत्वपूर्ण गोचर से संबंधित जानकारियां प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। अपने इस ब्लॉग में हम जानेंगे 6 नवंबर को होने वाले बुध के एक महत्वपूर्ण गोचर की जब बुध वृश्चिक राशि में गोचर कर जाएंगे।
इसके अलावा इस ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे ज्योतिष में बुध ग्रह का क्या महत्व होता है, इसका कुंडली में क्या प्रभाव होता है, पीड़ित और बली बुध से व्यक्ति को क्या कुछ परेशानियां और शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। साथ ही जानेंगे बुध ग्रह को मजबूत करने के कुछ बेहद ही सरल सटीक ज्योतिषीय उपायों की भी जानकारी। तो चलिए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं बुध का वृश्चिक राशि में यह गोचर कब होने वाला है।
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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर समय
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि का कारक ग्रह माना गया है। बुद्धि का यह ग्रह 6 नवंबर, 2023 को शाम 4 बजकर 11 मिनट पर वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहा है। यहां पर महत्वपूर्ण जानने योग्य बात यह है कि वृश्चिक मंगल द्वारा शासित राशि है जो बुध का शत्रु ग्रह है।
ऐसे में जानना दिलचस्प होगा कि बुध का वृश्चिक राशि में गोचर सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर क्या प्रभाव डालेगा, इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं और किन राशि के जातकों को यह गोचर मालामाल कर जाएगा। सबसे पहले जानते हैं बुध ग्रह का वैदिक ज्योतिष में क्या महत्व होता है।
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वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह
जैसा कि हमने पहले भी बताया कि वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध को बुद्धि का कारक ग्रह माना गया है। इसके अलावा यह एक शुभाशुभ ग्रह है। अर्थात यह कुंडली में जिस भी ग्रह के साथ मौजूद होता है यह उसी के अनुरूप फल देता है। अगर यह शुभ ग्रहों के साथ है तो यह शुभ फल देगा और यदि यह अशुभ ग्रहों के साथ मौजूद होता है तो इससे व्यक्ति को अशुभ फल भी उठाने पड़ सकते हैं। राशियों में कन्या और मिथुन राशि पर बुध ग्रह का स्वामित्व होता है और कन्या इसकी उच्च राशि भी है वहीं मीन को बुध की नीच राशि माना जाता है।
बुध ग्रह का जीवन पर प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार कहा जाता है कि, जिस जातक की जन्म कुंडली में बुध लग्न भाव में स्थित होता है ऐसे जातकों का शारीरिक रूप बेहद ही सुंदर होता है, दिखने में यह अपनी उम्र से कम नजर आते हैं, आंखें चमकदार होती हैं, इनके बात करने की शैली बेहद ही शानदार होती है, ऐसे व्यक्ति स्वभाव से चालक, बौद्धिक रूप से धनी, और बातचीत करने में बेहद ही माहिर होते हैं। यह नरम स्वभाव के और कई भाषाओं के ज्ञानी होते हैं। इसके अलावा ऐसे जातकों को व्यवसाय में सफलता मिलती है और उनकी आयु लंबी होती है।
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बात करें कुंडली में मजबूत बुध के प्रभाव की तो ऐसे जातकों की संवाद शैली शानदार होती है, यह हाजिर जवाबी होते हैं, अपनी बातों से ही सबका मन मोह लेने का हुनर इनके अंदर होता है, ऐसे व्यक्ति कुशाग्र बुद्धि के होते हैं, गणित विषय में तेज होते हैं और वाणिज्य और कारोबार में अपार सफलता प्राप्त करते हैं।
वहीं इसके विपरीत जिन जातकों की कुंडली में बुध पीड़ित अवस्था में मौजूद हो ऐसे जातक शारीरिक और मानसिक रूप से तमाम परेशानियां अपने जीवन में उठते हैं। इन्हें अपने विचारों को दूसरों के सामने व्यक्त करने में भी परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसे जातकों का गणित काफी कमजोर होता है। दिमागी रूप से भी कमजोरी ऐसे जातकों में देखने को मिलती है। इसके अलावा पीड़ित बुध के प्रभाव से व्यक्ति को कारोबार में नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए व्यक्ति को बुध से संबंधित उपाय करने की सलाह देते हैं। उपाय जानने से पहले आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं खगोलीय दृष्टि और धार्मिक दृष्टि से बुध ग्रह का क्या महत्व होता है।
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खगोलीय दृष्टि और धार्मिक दृष्टि से बुध ग्रह का महत्व
खगोल विज्ञान के अनुसार अगर बात करें तो बुध को सबसे छोटे ग्रह का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा यह सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह भी है। हालांकि बुध सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह है। यह सूर्य की परिक्रमा केवल 87 दोनों और 23 घंटे में पूरी कर लेता है। इसके अलावा खगोल विज्ञान के अनुसार कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद या सूर्योदय से ठीक पहले नंगी आंखों से भी बुध ग्रह को देखा जा सकता है।
अब बात करें धार्मिक दृष्टि से बुध ग्रह के महत्व की तो सनातन धर्म में बुध ग्रह को देवता के रूप में पूजा जाता है। इन्हें प्रज्ञा का देवता कहा गया है। इसके अलावा बुद्धि को तेज बनाने और कारोबार में सफलता पाने के लिए बुधवार के दिन बुध ग्रह की पूजा विशेष फलदाई मानी जाती है। बुध देव वृद्धि और समृद्धि के देवता माने गए हैं और भगवान विष्णु इनका प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में कहा जाता है कि जिन व्यक्तियों के जीवन में बुध ग्रह की कृपा हो जाए उनका जीवन कल्याणमय हो जाता है।
बुध ग्रह के इतने सब महत्व के चलते बुध से संबंधित उपाय करके शीघ्र ही कुंडली में बुध को मजबूत कर लेने की सलाह दी जाती है।
बुध ग्रह से संबंधित अचूक उपाय
- ज्योतिष के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर अगर पंच पल्लव का तोरण (अर्थात पीपल, गूलर, अशोक, आम, और पाकड़) का तोरण लगाया जाए तो इससे बुध ग्रह से संबंधित दोषों से जल्द ही मुक्ति मिलती है।
- बुध ग्रह के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए और बुध से संबंधित दोष दूर करने के लिए पन्ना रत्न धारण करना शुभ रहता है। हालांकि कोई भी रत्न हमेशा विद्वान ज्योतिषों से परामर्श के बाद ही धारण करने की सलाह दी जाती है।
- बुधवार के दिन व्रत करें।
- भगवान गणेश की पूजा करें और बुध के बीज मंत्र का जाप करें।
- बुधवार के दिन पूजा पाठ करने के बाद बुध ग्रह से संबंधित वस्तुओं का गरीब ब्राह्मण को दान करें।
- हरे रंग की वस्तुओं का दान करें।
- हरे रंग के वस्त्र अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा शामिल करें।
- बुधवार के दिन हरी मूंग की दाल का दान करें। इसके अलावा आप हरी मूंग की दाल का सेवन भी करें। ऐसा करने से आपके घर और जीवन में भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
- श्री गणेश भगवान की पूजा करें।
- गणेश स्तोत्र का पाठ करें।
- गाय को हरा चारा खिलाएं और किसी गौशाला में जाकर गौ सेवा करें।
- इसके अलावा अपनी बहन या भांजी को कोई तोहफा दें, उनके चरण स्पर्श करें और उनसे प्रेमपूर्वक व्यवहार करें।
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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके आठवें यानी कि दीर्घायु, अचानक होने वाली घटनाएं, गोपनीयता, रहस्य विज्ञान और बदलाव के भाव में होगा। मेष राशि के जातकों के लिए यह गोचर….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके जीवनसाथी और बिज़नेस पार्टनरशिप के सातवें भाव में होने जा रहा है। प्रेम संबंधों के लिहाज़ से….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए बुध लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतिस्पर्धा और चाचा के छठे भाव में होने जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए बुध बारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके पांचवें भाव यानी कि शिक्षा, प्रेम संबंधों, बच्चों के भाव में….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव यानी वित्तीय के भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके चौथे भाव यानी माता, घरेलू जीवन, घर, वाहन….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए बुध दसवें और लग्न भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके तीसरे भाव में होने जा रहा है। यह भाव आपके भाई-बहनों, शौक, छोटी दूरी की यात्रा….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए बुध बारहवें और नौवें भाव यानी परिवार, बचत और वाणी के भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होने जा रहा है। दूसरे भाव में बुध के गोचर के परिणामस्वरूप….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध ग्यारहवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके लग्न भाव में होने जा रहा है। बुध वृश्चिक राशि में ही गोचर कर रहे हैं। सामान्य तौर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में यानी कि विदेशी भूमि, पृथक्करण, अस्पतालों, व्यय और….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होने जा रहा है और यह भाव वित्तीय लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन और चाचा को दर्शाता है। मकर….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि वाले जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके पेशे और कार्यस्थल के दसवें भाव में होने जा रहा है। दसवें भाव में….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए बुध चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके नौवें भाव में होने जा रहा है और यह भाव धर्म, पिता, लंबी दूरी की यात्रा, तीर्थ ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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