जुलाई महीने की शुरुआत में ही बुध ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। स्वाभाविक सी बात है बुध के इस गोचर का सभी राशियों के जातकों के जीवन पर शुभ अशुभ प्रभाव देखने को मिलेंगे। हालांकि यहाँ विशेष तौर पर ध्यान देने वाली बात यह है कि बुध का यह गोचर कुछ विशेष राशियों के लिए बेहद शुभ रहने वाला है। ऐसे में इन जातकों के 2 जुलाई से अच्छे दिन शुरू होने वाले हैं।
कौन सी है वो भाग्यशाली राशियां, आपकी राशि पर इस बुध गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा, और साथ ही बुध के गोचर के दौरान क्या कुछ उपाय करके आप खुद के जीवन पर इसका शुभ प्रभाव प्राप्त कर सकते हैं। इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए पढ़ें ऐस्ट्रोसेज का यह विशेष अंक।
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बुध का मिथुन में गोचर: समय और तिथि
बुध ग्रह को सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह माना जाता है और यह सूर्य के इर्द गिर्द बेहद ही जल्दी चक्कर लगाकर अपनी एक परिक्रमा पूरी कर लेता है। वहीं सूर्य के सबसे ज्यादा नजदीक होने की वजह से बुध ग्रह अक्सर अस्त भी हो जाता है और वक्री भी हो जाता है। ज्योतिष में बुध ग्रह को वाणी, तार्किक शक्ति, बौद्धिक क्षमता, आदि का कारक माने जाने वाला यह बुध ग्रह 2 जुलाई, 2022 को सुबह 9:40 पर मिथुन राशि में गोचर कर जाएगा।
आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं सभी 12 राशियों पर इस महत्वपूर्ण गोचर का प्रभाव और साथ ही जानते हैं कमजोर और बलि बुध के प्रभाव और बुध को मजबूत करने के कुछ सरल सटीक ज्योतिषीय उपायों के बारे में संपूर्ण जानकारी।
शुभ अशुभ बुध के प्रभाव और उपाय
सबसे पहले बात करें बुध ग्रह की तो बुध ग्रह को वायु तत्व की राशि मिथुन और पृथ्वी तत्व की राशि कन्या का स्वामी माना गया है। जहां कन्या में यह उच्च का होता है वहीं मीन राशि में इसे नीच का माना जाता है। वही यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि स्वराशि में ही बुध का यह गोचर हर मायनों में खास रहने वाला है।
ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि जब बुध ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली में प्रभावी हो तो ऐसे जातकों का संवाद कौशल बेहद शानदार होता है। यह बेहद हाजिर जवाब के होते हैं। अपनी बातों से किसी का भी मन चुटकियों में मोह लेते हैं। इसके अलावा ऐसे जातक वाणिज्य और कारोबार में बेहद सफल होते हैं और कुशाग्र बुद्धि वाले होते हैं।
वहीं बात करें कमजोर बुध की तो ऐसे जातकों को जीवन में शारीरिक और मानसिक रूप से तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हें अपने विचारों को दूसरों के समक्ष रखने में दिक्कतें होती हैं। इसके अलावा यदि ऐसे जातक व्यापार करते हैं तो उन्होंने व्यापार में भी तमाम हानि उठानी पड़ती है।
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बुध ग्रह से संबंधित कुछ ज्योतिषीय उपाय
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर अवस्था में होता है तो ऐसी हालत में ज्योतिष के जानकार बुध ग्रह से संबंधित कुछ ज्योतिषीय उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ है वो ज्योतिषीय उपाय आइए जान लेते हैं:
- गणेश भगवान और मां दुर्गा की उपासना करें।
- अपने घर में बेटी, बहन, बुआ और साली से अच्छे संबंध रखें और अपने जीवन की हर एक महिला के साथ सम्मान से पेश आएं।
- बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं।
- साबुत हरे मूंग का दान करें।
- झूठ बोलने से बचें।
- गाय को ताजी रोटी खिलाएं।
- काले कुत्ते को इमरती खिलाएं।
बुध का मिथुन में गोचर: गोचरफल और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे भाव यानी कि छोटे भाई-बहन, संचार, लघु यात्रा और साहस के भाव तथा छठे भाव यानी कि रोग, विवाद, प्रतिस्पर्धा और कानूनी मामलों के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल और उपाय)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे भाव यानी कि परिवार, वाणी, भाव और धन के भाव का स्वामी है। यह वृषभ राशि के पांचवें भाव यानी कि शिक्षा, संतान, मनोरंजन और प्रेम संबंध के भाव का भी स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल और उपाय)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध लग्न भाव यानी कि व्यक्तित्व, मस्तिष्क, विचार प्रक्रिया के भाव का स्वामी है। साथ ही, बुध चौथे भाव यानी कि भवन, सुविधा, सुख, भूमि, संपत्ति और वाहन के भाव का भी स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल और उपाय)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे भाव यानी कि साहस, बल, छोटे भाई-बहन और लघु यात्रा के भाव तथा बारहवें भाव यानी कि व्यय, हानि और विदेश यात्रा के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल और उपाय)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे भाव यानी कि धन, परिवार, चेहरा और दाँत के भाव स्वामी है। साथ ही यह ग्यारहवें भाव यानी कि आय, लाभ, विस्तार और मित्रता के भाव का भी स्वामी है। धन के 2 महत्वपूर्ण भावों का स्वामी होने के कारण बुध….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल और उपाय)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध लग्न भाव यानी कि व्यक्तित्व, विचार और शारीरिक बनावट के भाव का स्वामी है। साथ ही बुध इनके दसवें भाव यानी कि पेशे और करियर के भाव का भी स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल और उपाय)
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तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें भाव यानी कि भाग्य और धर्म के भाव का स्वामी है। साथ ही यह बारहवें भाव यानी कि व्यय, हानि और विदेश यात्रा के भाव का भी स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल और उपाय)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें भाव यानी कि असुरक्षा, विरासत, अप्राकृतिक घटनाओं और रहस्यों के भाव का स्वामी है। साथ ही यह ग्यारहवें भाव यानी कि आय, लाभ, संबंध और भाई-बहन के भाव भी स्वामी है। इस गोचर काल के दोरान ….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल और उपाय)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें भाव यानी कि संगठन, साझेदारी और विवाह के भाव तथा दसवें भाव यानी कि पेशे, करियर और प्रसिद्धि के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल और उपाय)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे भाव यानी कि विवाद, प्रतिस्पर्धा, रोग और सेवा के भाव तथा नौवें भाव यानी कि भाग्य, पिता और धर्म के भाव का स्वामी है। बुध का मिथुन राशि में गोचर….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल और उपाय)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें भाव यानी कि प्रेम, शिक्षा, संतान और मनोरंजन के भाव तथा आठवें भाव यानी कि अनिश्चितता, गूढ़ रहस्य, रहस्य विज्ञान के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध ….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल और उपाय)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे भाव यानी कि वाहन, संपत्ति, भूमि, परिवार और माता के भाव तथा सातवें भाव यानी कि वैवाहिक सुख, संगठन, और साझेदारी के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल और उपाय)
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