वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह की बात करें तो बुध को एक शुभाशुभ ग्रह माना गया है इसका अर्थ होता है की कुंडली में बुध ग्रह जैसे भी या जिस भी प्रकृति के ग्रह के साथ मौजूद होता है यह जातकों को उसी तरह के परिणाम देने लगता है। अगर कुंडली में बुध शुभ ग्रहों के साथ स्थित है तो यह आपको शुभ परिणाम प्रदान करेगा और इसके विपरीत अगर बुध की स्थिति नकारात्मक ग्रहों के साथ है तो यह आपको नकारात्मक प्रभाव भी दे सकता है।
यह महत्वपूर्ण ग्रह मार्च के महीने में 7 तारीख को मीन राशि में गोचर करने वाला है। ऐसे में आज आपने इस खास ब्लॉग के माध्यम से हम इसी विषय पर जानकारी हासिल करेंगे।
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साथ ही जानेंगे बुध का मीन राशि में गोचर किस दिन और किस समय होने वाला है, इसका सभी 12 राशियों पर क्या कुछ प्रभाव पड़ने की संभावना है और इस गोचर के दौरान क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं इसकी जानकारी भी हम आपको यहां प्रदान कर रहे हैं। तो चलिए बिना देरी किए हुए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग और जानते हैं बुध के गोचर से जुड़े कुछ दिलचस्प बातें।
बुध का मीन राशि में गोचर- क्या रहेगा समय?
बुद्धि,, धन, व्यापार, संवाद, वाणी, करियर आदि के कारक ग्रह बुध 07 मार्च 2024 की सुबह 09 बजकर 21 मिनट पर जल तत्व की राशि मीन में गोचर करेंगे। निश्चित तौर पर बुध का यह अहम गोचर सभी 12 राशियों को प्रभावित अवश्य करेगा। आपकी राशि पर इसका प्रभाव जानने के लिए हमारा यह खास ब्लॉग अंत तक अवश्य पढ़ें।
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह
सबसे पहले बात करें बुध ग्रह की तो कुंडली में मजबूत बुध व्यक्ति को शारीरिक रूप से सुंदर बनाता है, ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में बुध मजबूत स्थिति में होता है उनका दिमाग बेहद ही प्रखर होता है, ये कुशल वक्ता होते हैं, इनका स्वभाव बेहद ही सौम्य होता है, साथ ही ये कई भाषाओं के ज्ञानी भी होते हैं।
इसके अलावा बुध ग्रह चाहे तो यह व्यक्ति व्यापार पर बड़ी सफलता भी हासिल करा सकते हैं। वहीं इसके विपरीत अगर कुंडली में बुध ग्रह पीड़ित अवस्था में होता है तो व्यक्ति को तमाम तरह के शारीरिक और मानसिक परेशानियां उठानी पड़ती है। ऐसे व्यक्ति अपने विचारों को दूसरे व्यक्ति के साथ सही ढंग से साझा नहीं कर पाते हैं, साथ ही ये गणित विषय में बेहद ही कमजोर होते हैं, इन्हें व्यापार में नुकसान उठाना पड़ता है।
इसके अलावा जानकारी के लिए बता दें कि सभी 12 राशियों में मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध ग्रह को दिया गया है। जहां कन्या इसकी उच्च राशि है तो वहीं मीन इसकी नीच राशि मानी गई है। इसके अलावा सभी 27 नक्षत्र में से अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व भी बुध ग्रह को दिया गया है।
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ज्योतिष में मीन राशि
मीन राशि चक्र की आखिरी राशि होती है और देखा गया है और ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि मीन राशि में जन्मे जातक बेहद ही सहज स्वभाव के होते हैं। ये राशि जातकों के अंदर आध्यात्मिकता, निस्वार्थ और मोक्ष की वृद्धि के संकेत देती है। साथ ही ऐसे व्यक्ति जीवन में अनुशासन प्रिय होते हैं।
मीन राशि के जातक प्रदर्शन कला में अपना करियर बना सकते हैं। साथ ही क्योंकि यह स्वभाव से बेहद ही दयालु और धर्मार्थ होते हैं ऐसे में आप चाहें तो चिकित्सा के क्षेत्र में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। विशेषता की बात करें तो मीन राशि की विशेषता इनका सहानुभूति पूर्ण रवैया, समाजशील व्यवहार, दयालुता और भरोसेमंद व्यक्तित्व को कहा गया है। वहीं आलस और काम को टालना उनकी कमजोरी होती है। मीन राशि के जातकों के लिए उपयुक्त नौकरी और व्यवसाय के विकल्प की बात करें तो शिक्षक, डॉक्टर बनना आपके लिए अनुकूल साबित हो सकता है। यह एक जल तत्व की राशि है और कर्क राशि, सिंह राशि, धनु राशि, मेष राशि और वृश्चिक राशि मीन राशि की मित्र राशियां मानी गई है।
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मीन राशि में बुध
ग्रहों के राजकुमार बुध जहां एक पृथ्वी तत्व वाला ग्रह माना जाता है वहीं मीन एक दोहरी जलिय राशि मानी जाती है जिसके स्वामी स्वयं गुरु बृहस्पति हैं। ऐसे में जब मीन राशि में बुध का गोचर होता है तो इस अवधि में जातकों के अंदर कल्पना शीलता बढ़ती है, ऐसे व्यक्ति दूसरों के प्रति विनम्र और दयालु स्वभाव के होते हैं। मीन राशि में बुध की मौजूदगी धन संपत्ति के मामले में ज्यादा अनुकूल संकेत नहीं देती है।
इस अवधि में लोगों के अंदर आत्मविश्वास की कमी देखने को मिल सकती है। साथ ही जातकों के अंदर चिड़चिड़ापन और बेचैनी भी बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही इस गोचर के दौरान जातकों को बांह और गालों से संबंधित कुछ परेशानियां उठानी पड़ सकती है। साथ ही आपके वैवाहिक जीवन में भी अशांति की संकेत मिल रहे हैं।
इस दौरान लोगों के अंदर मूड स्विंग या मन में अचानक से परिवर्तन होना भी स्वाभाविक रहने वाला है। मीन राशि में बुध वाले जातक अपने स्वभाव के चलते समय-समय पर अपने निर्णय बदलते नजर आने वाले हैं। वहीं दूसरी तरफ आप जटिलताओं को समझने और उन्हें दूसरों को समझाने में भी असफल रह सकते हैं। इसके अलावा अगर कुंडली में बुध प्रतिकूल स्थिति में है तो ऐसे में जातकों को यात्रा और संचार से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इस अवधि के दौरान लंबी दूरी की यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है।
जैसा कि हमने कुंडली में बुध की स्थिति के बारे में बताया ऐसे में स्वाभाविक सी बात है कि, यह ग्रह बेहद ही विशेष महत्व रखता है। यही वजह है की कुंडली में बुध की कमजोर होने की स्थिति में ज्योतिष के जानकारी बुध ग्रह से संबंधित कुछ उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय चलिए जान लेते हैं।
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बुध ग्रह शांति मंत्र एवं उपाय
ज्योतिष में ग्रह को बुधि संचार और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है। ऐसे में अगर यह शुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को बुद्धि, व्यापार, संचार और शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति मिलती है। वहीं पीड़ित बुध के प्रभाव से जीवन में तमाम तरह की समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। यही वजह है कि तुरंत ही ऐसी स्थिति में बुध ग्रह शांति के उपाय किए जाने चाहिए।
- बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए आप अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा हरे रंग के कपड़े शामिल करके बुध ग्रह की शुभता बढ़ा सकते हैं।
- अपनी बहन, बेटियों और छोटी कन्याओं का सम्मान करें।
- भगवान विष्णु की पूजा करें।
- विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें।
- मुमकिन हो तो बुधवार के लिए व्रत प्रारंभ कर दें। इससे व्यापार में अच्छी सफलता मिलती है।
- इसके अलावा बुध ग्रह शांति के लिए बुध से संबंधित चीजों का दान करना भी एक अनुकूल उपाय माना जाता है।
- रत्न की बात करें तो बुध से संबंधित रत्न पन्ना होता है। आप चाहें तो किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श करके पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं। इसके अलावा अगर किसी के जीवन बुध की महादशा चल रही हो तो उन्हें अभिमंत्रित करके बुध यंत्र को धारण करने की सलाह दी जाती है। जड़ी की बात करें तो बुध ग्रह के को प्रभाव कम करने के लिए विधारा की जड़ अनुकूल मानी जाती है। रुद्राक्ष की बात करें तो चार मुखी रुद्राक्ष और 10 मुखी रुद्राक्ष बुध ग्रह से संबंधित होता है। ऐसे में आप चाहे तो किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श करके यह रत्न अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं।
- इसके अलावा बुध ग्रह से संबंधित मंत्रों ‘ॐ बुं बुधाय नमः’ अथवा ‘ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः’ का नियमित रूप से जप करें। इससे भी बुध ग्रह की शुभता जीवन में बढ़ने लगती है।
बुध का मीन राशि में गोचर राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध छोटी यात्राओं, भाई-बहनों और पड़ोसियों के तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। छठा भाव…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध महाराज परिवार, धन और वाणी से जुड़े दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। पांचवां भाव …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध चरित्र और व्यक्तित्व से जुड़े पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं, चौथा भाव …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध बारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं। तीसरा भाव व्यय, मोक्ष और कम दूरी की यात्रा,…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध धन, परिवार और वाणी से जुड़े दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। ग्यारहवां भाव …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले भाव यानी व्यक्तित्व के भाव और दसवें भाव यानी नाम, प्रसिद्धि और…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध व्यय और मोक्ष से जुड़े बारहवें और नौवें भाव के स्वामी हैं। नौवां भाव…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध ग्यारहवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। आठवां भाव भौतिक लाभ, …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। दसवां भाव आपके साझेदारी, विवाह, …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। नौवां भाव रोग, …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध प्यार, रोमांस और बच्चों से जुड़े पांचवें भाव और आठवें भाव के स्वामी हैं। आठवां भाव…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। सातवां भाव माता, आराम और अचल संपत्ति…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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