बुध का वृश्चिक राशि में गोचर : एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह देश-दुनिया व राशियों को कैसे प्रभावित करेगा और इस दौरान शेयर बाजार में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे। बता दें बुध वक्री अवस्था में 28 दिसंबर 2023 को वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इस दौरान देश-दुनिया व राशियों में इसके अनुकूल व प्रतिकूल प्रभाव के बारे में।
ज्योतिष शास्त्र में बुध को एक शुभ ग्रह माना जाता है, जो बुद्धि के कारक होते हैं। बुध हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा व तेज गति से चलने वाला ग्रह है और यह बुद्धि, बेहतर तर्क क्षमता और अच्छे संचार कौशल का प्रतिनिधित्व करते हैं। वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का विशेष महत्व है।
दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी
ज्योतिष में बुध का वक्री होने का अर्थ
किसी भी ग्रह का वक्री होना वह प्रक्रिया है, जब कोई भी ग्रह अपनी सामान्य दिशा की बजाए उल्टी दिशा यानी विपरीत दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है तो उसे वक्री ग्रह कहा जाता है। वास्तव में कोई ग्रह उल्टा चलता नहीं बल्कि परिभ्रमण पथ की स्थिति के अनुसार उल्टा चलता हुआ प्रतीत होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार वक्री ग्रह किसी भी जातक के जीवन में विशेष प्रभाव डालता है।
आसान शब्दों में समझे तो इस स्थिति में पृथ्वी से बुध की दूरी कम हो जाती है और वह पृथ्वी के करीब आ जाता है, जिससे ऐसा लगता है कि मानो वह पीछे की ओर बढ़ रहा हो। यह घटना साल में कई बार घटित होती है क्योंकि बुध को सूर्य का चक्कर लगाने में 88 दिन लगते हैं। वक्री शब्द को लेकर एक मिथक है कि यह अवस्था अच्छा नहीं कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह जीवन में कठिनाई और बहुत अधिक परेशानियां लाता है लेकिन वास्तव में यह सच नहीं क्योंकि वक्री बुध हमेशा प्रतिकूल परिणाम ही नहीं देते, बल्कि इस दौरान ग्रह बहुत शक्तिशाली हो जाते हैं और कुंडली में दशा के अनुसार परिणाम देते हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर : तिथि व समय
वैदिक ज्योतिष में बुद्धि और संचार के कारक ग्रह बुध वक्री अवस्था में 28 दिसंबर की सुबह 11 बजकर 07 मिनट पर राशि चक्र की आठवीं राशि वृश्चिक में गोचर करने जा रहे हैं। हालांकि यह गोचर लंबे समय के लिए नहीं हो रहा है क्योंकि इसके बाद बुध अपनी चाल में बदलाव करते हुए मार्गी होंगे।
वृश्चिक राशि में बुध: विशेषताएं
वृश्चिक राशि में बुध के प्रभाव से जातक स्पष्ट बोलने वाला होता है लेकिन कई बार वह स्वभाव में हिंसक हो जाता है और इस वजह से उनकी वाणी कठोर हो सकती है। हालांकि इसके प्रभाव से जातक तार्किक होकर विचार करता है। यदि वृश्चिक राशि में चंद्रमा मौजूद हो तो यह कई अधूरी ख्वाहिशें लेकर आता है। वहीं वृश्चिक राशि में बुध के प्रभाव से जातक के जीवन में धैर्य आता है और तार्किक शक्ति गजब की होती है, जिसके चलते जातक भावनाओं की बजाय सोच समझकर विचार करता है और फिर किसी निर्णय तक पहुंचता है।
वृश्चिक राशि में बुध के प्रभाव से जातक कई बार अपने व्यवहार में उतावलापन ले आते हैं, जिसके चलते इन्हें बाद में पछताना पड़ जाता है। वृश्चिक राशि जल तत्व की राशि है इसलिए ये लोग जीवन में हर चीज के प्रति बेहद भावुक होते हैं। हालांकि यह दूसरों के सामने प्रदर्शित नहीं करते हैं लेकिन यह अपनी हर चीज को महत्व देते हैं। ये लोग अपने मन में ही बातें रखते हैं और ये बिल्कुल नहीं चाहते कि इनके मन की बातें किसी और को पता चले। इनके अंदर कई रहस्य छिपे रहते हैं जिन्हें ये दूसरों के सामने रखना पसंद नहीं करते हैं।
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव
हीलिंग, मेडिसिन, बिज़नेस और काउंसलर
- बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान, डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, टैरो रीडर आदि के क्षेत्रों से जुड़े लोगों का करियर तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
- इस अवधि में डॉक्टर, चिकित्सा कर्मचारी आदि अपने क्षेत्र में तेजी से वृद्धि करेंगे।
- चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे नए रिसर्च से चिकित्सा क्षेत्र को लाभ होगा।
- इस दौरान किसी भी प्रकार की काउंसलिंग से जुड़े लोगों को भी इस गोचर से लाभ होगा।
- वृश्चिक राशि में बुध गणनात्मक है इसलिए व्यवसाय में लगे लोगों को अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। दुनिया भर में व्यापार तेजी से बढ़ेगा और अच्छा लाभ मिलेगा।
रिसर्च और डेवलपमेंट
- बुध का वृश्चिक राशि में गोचर अलग-अलग क्षेत्रों में रिसर्च और विकास को बढ़ावा देने वाला हो सकता है, विशेषकर इंजीनियरिंग क्षेत्र में।
- यह गोचर निश्चित रूप से ऑटोमोबाइल उद्योगों के रिसर्च और डेवलपमेंट क्षेत्र में भी सहायक सिद्ध हो सकता है।
- दुनिया भर में वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और शोधकर्ताओं आदि को इस गोचर से लाभ होने की प्रबल संभावना है।
पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट
रोग और बीमारियां
- जैसे ही बुध ग्रह शत्रु राशि में यानी की वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे उस दौरान विभिन्न प्रकार के संक्रमणों में अचानक वृद्धि हो सकती है।
- निमोनिया, टाइफाइड, पीलिया आदि जैसे वायरस तेजी से बढ़ सकते हैं।
- त्वचा रोग और त्वचा की जलन और खुजली से संबंधित एलर्जी लोगों को तेजी से ग्रस्त कर सकती है।
- बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान वाणी से संबंधित समस्या में भी वृद्धि देखने को मिल सकती है।
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: शेयर बाजार की भविष्यवाणी
व्यापार का ग्रह बुध ग्रह 28 दिसंबर 2023 को वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे, जिसका प्रभाव देश की हर घटना की तरह शेयर बाजार पर भी देखने को मिलेगा। तो आइए ऐसे में जानते हैं बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान शेयर बाजार में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। शेयर बाजार भविष्यवाणी 2023 के अनुसार,
- इस दौरान हॉस्पिटल मैनेजमेंट, ऑटोमोबाइल, टेली कम्युनिकेशन, मीडिया और प्रसारण उद्योगों में तेज़ी दिखाई देने की संभावना है।
- ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन में भी वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।
- इन्योरेन्स सेक्टर, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेक्टर तेजी से आगे बढ़ेगा।
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी है और बुध वक्री अवस्था में आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप जो लोग टीचर, कोच, कंसल्टेंट, थेरपिस्ट, एडवाइजर, लॉयर, एक्टर, वक्ता, पत्रकार, ब्लॉगर आदि के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें सफलता प्राप्त होगी। इस दौरान आपको अच्छा खासा लाभ हो सकता है और आपके बिज़नेस पार्टनर के साथ संबंध अच्छे रहेंगे और वे आपके साथ अच्छा रवैया अपनाएंगे। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध अशुभ प्रभाव में नहीं है तो इस दौरान आपको शानदार परिणाम प्राप्त होंगे।
करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और बुध वक्री अवस्था में आपके चौथे भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आप अपने घरेलू जीवन को बेहतर बनाने के लिए धन खर्च करेंगे। आप नया घर या वाहन खरीद सकते हैं या घर के लिए नए उपकरण खरीद सकते हैं या किसी पार्टी या अन्य सामाजिक कार्यक्रम करवा सकते हैं। बुध आपके लिए ऐसा ग्रह साबित होगा जो आपके वित्त को नियंत्रित करता है इसलिए आपके चौथे भाव में बुध का गोचर आपको चौथे भाव से संबंधित मामलों में अपने वित्त का निवेश करने के लिए प्रेरित करेगा। आपको इस दौरान अपनी माता जी के माध्यम से या उनके सहयोग लाभ होगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध वक्री अवस्था में आपके पहले भाव में गोचर करेंगे। पहले भाव में बुध का गोचर आपके मित्रों से आपके संबंध को बेहतर बनाए रखेंगे। इस दौरान आपको स्वास्थ्य, पेशेवर जीवन, आर्थिक जीवन में शानदार परिणाम प्राप्त होंगे। आपकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और कार्यक्षेत्र में आपकी मान्यता बढ़ेगी। आप अपने मित्रों के माध्यम से सफलता, प्रसिद्धि और लाभ प्राप्त करेंगे। आपके दोस्त आपके हर कदम-कदम पर आपका साथ देते हुए नज़र आएंगे और जीवन की कई समस्याओं से आपको बाहर निकालने में मददगार साबित होंगे। जो जातक रिसर्च के क्षेत्र से जुड़े हैं उनके लिए यह गोचर बेहद शानदार साबित होगा, उन्हें नए अवसर और लाभ प्राप्त होगा।
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों पर रहेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे भाव और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके आठवें भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। जैसे ही बुध आपके आठवें भाव में गोचर करेंगे। आपके बातचीत करने के तरीके में कई परिवर्तन देखने को मिलेगा। लोगों को आपको समझने में कठिनाई महसूस हो सकती है और संभावना है कि आपकी बातों का गलत अर्थ निकाला जाए। ऐसे में, आपको सलाह दी जाती है कि बातचीत करते समय अधिक सावधानी बरतें। इस दौरान आप त्वचा की समस्याओं या गले से संबंधित किसी बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं और साथ ही अचानक होने वाली घटनाओं के कारण आपको मानसिक बेचैनी का अनुभव भी होने की आशंका है। आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को नजरअंदाज न करें क्योंकि ऐसा करने से आप कई तरह की लंबी बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं। बुध आठवें भाव से आपके दूसरे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप आप बचत करने में सक्षम होंगे लेकिन अचानक खर्च बने रहने की संभावना है।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। बुध वक्री अवस्था में आपके बारहवें भाव में गोचर करेंगे। यह भाव विदेशी भूमि, पृथक्करण, अस्पताल, खर्च और एमएनसी कंपनियों को दर्शाता है। बारहवें भाव में बुध का गोचर के परिणामस्वरूप आपको विदेश से नौकरी के नए अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही, धन कमाने के साधन में बढ़ोतरी होगी लेकिन आपके खर्च इतने बढ़ सकते हैं कि कमाए हुए पैसा आपके लिए पर्याप्त न हो। सातवें भाव के स्वामी का बारहवें भाव में गोचर आपके जीवनसाथी को भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दे सकता है, जैसे उन्हें घबराहट सी महसूस हो सकती है इसलिए इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति इस दौरान सावधान रहने की आवश्यकता हो सकती है।
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: प्रभावशाली उपाय
- इस गोचर के दौरान आप जो भी नया कपड़ा खरीदें उसे पहनने से पहले धोना सुनिश्चित करें।
- बुध की पूजा करने का सबसे आसान तरीका है कि बुध के मंत्रों का जाप करें।
- बुध ग्रह को शांत करने के लिए पक्षियों को भोजन दें। विशेष रूप से तोते को अवश्य खिलाना चाहिए।
- कुंडली में पीड़ित बुध की स्थिति बेहतर करने के लिए खाने से पहले दिन में कम से कम एक बार गाय को भोजन जरूर खिलाएं। ऐसा करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
- इसके अलावा, हरी सब्जियां, जैसे पालक और अन्य पत्तेदार सब्जियां, विशेष रूप से गरीब व जरूरतमंद बच्चों को दान करें।
- पक्षियों को भीगे हुए हरे चने खिलाने से भी कुंडली में कमजोर बुध ग्रह मजबूत होता है।
- कभी भी अपनी बहन या भाभी का साथ गलत व्यवहार न करें, खासकर यदि बुध आपकी राशि में हो।
- बुध के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए सबसे आसान तरीका है कि अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें और लोगों से प्यार से पेश आएं व किसी का मजाक न उड़ाए।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!