ज्योतिष में बुध का गोचर एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संचार, व्यापार, शिक्षा और लेखन के कारक हैं। जब बुध किसी राशि में विराजमान रहते हैं, तो इसका प्रभाव हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है। गोचर के समय बुध की स्थिति और उसकी दिशा हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।
बुध का गोचर एक राशि से दूसरी राशि में लगभग 14 से 30 दिनों के बीच होता है। इस अवधि के दौरान, यह विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। उदाहरण के लिए, बुध का मेष राशि में गोचर लोगों को नई सोच और नए विचारों की प्रेरणा दे सकता है, जबकि वृषभ राशि में गोचर होने पर यह व्यापार में स्थिरता और समृद्धि लाने में सक्षम होता है।
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वहीं जब बुध वक्री अवस्था में होते हैं, तो इसका प्रभाव और भी अधिक होता है। वक्री बुध के परिणामस्वरूप, संचार में बाधा, गलतफहमियां, और तकनीकी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। बुध का गोचर उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है जो शिक्षा, लेखन, और व्यापार के क्षेत्र में काम करते हैं। बुध के शुभ गोचर के दौरान, विद्यार्थियों की पढ़ाई में रुचि बढ़ सकती है, व्यापार में नई संभावनाएं खुल सकती हैं, और लेखकों के लिए रचनात्मकता में इजाफा हो सकता है।
बता दें कि बुध जल्द ही सितंबर माह में सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इस ख़ास ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे सितंबर में सिंह राशि में बुध के गोचर की ये ज्योतिषीय घटना सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगी। साथ ही, जानेंगे बुध के गोचर के नकारात्मक प्रभावों से बचने के कुछ बेहद सरल और ज्योतिषीय उपायों की जानकारी। लेकिन, इससे पहले जान लेते हैं बुध का सिंह राशि में गोचर करने की समयावधि।
बुध का सिंह राशि में गोचर: समय व तिथि
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध महाराज 04 सितंबर 2024 की सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का सिंह राशि में गोचर होने से राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर असर देखने को मिलेगा।
ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह का बहुत अधिक महत्व है। इसे बुद्धि, तर्कशक्ति, संचार, व्यापार, और शिक्षा का कारक ग्रह माना जाता है। बुध ग्रह का नाम संस्कृत में ‘बुध’ है, जिसका अर्थ है “बुद्धिमान”। यह ग्रह व्यक्ति के मानसिक स्तर, ज्ञान, विवेक, और तर्कशक्ति को प्रभावित करता है। बुध व्यक्ति की बुद्धिमत्ता और शिक्षा के स्तर को दर्शाता है। जिनकी कुंडली में बुध मजबूत स्थिति में विराजमान होते हैं, वे लोग तेज दिमाग, तर्कशक्ति, और ज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने वाले होते हैं। इन्हें गणित, विज्ञान, और साहित्य में विशेष रुचि होती है।
बुध संचार का प्रमुख ग्रह है। यह व्यक्ति के बोलने की शैली, संवाद कौशल, और लेखन क्षमता को प्रभावित करता है। यदि बुध की स्थिति कुंडली में अनुकूल हो, तो व्यक्ति अच्छे वक्ता, लेखक, या संचारक के रूप में आगे बढ़ते हैं। इसके अलावा, बुध को व्यापार का कारक भी माना जाता है। यह व्यक्ति के व्यापारिक कौशल, निर्णय लेने की क्षमता, और आर्थिक योजनाओं को प्रभावित करता है। बुध के शुभ प्रभाव से व्यक्ति व्यापार में सफल होता है और वित्तीय मामलों में समझदारी से काम करता है। बुध तर्कशक्ति और विवेक का भी प्रतीक है। यह ग्रह व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति, निर्णय लेने की क्षमता और समस्याओं को हल करने की योग्यता को बढ़ाता है। बुध की अनुकूल स्थिति वाले लोग निर्णय लेने में तेज और विवेकशील होते हैं।
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बुध ग्रह का धार्मिक महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह का धार्मिक महत्व भी गहरा है। बुध को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। भगवान विष्णु को संतुलन और धैर्य का देवता माना जाता है, और बुध भी व्यक्ति के जीवन में संतुलन, विवेक और समझदारी लाता है। बुध के शुभ प्रभाव से व्यक्ति धार्मिकता की ओर आकर्षित होता है और उसे सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। धार्मिक रूप से, यह वेदों, शास्त्रों और अन्य धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बुध का अनुकूल प्रभाव व्यक्ति को धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने और उनमें रुचि रखने की प्रेरणा देता है।
बुध धार्मिक उपदेश, शिक्षण और प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। धार्मिक गुरुओं और प्रचारकों के लिए बुध की स्थिति अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह उन्हें अपने विचारों और उपदेशों को स्पष्ट और प्रभावी ढंग से व्यक्त करने में मदद करता है। धार्मिक रूप से, बुध की कृपा प्राप्त करने के लिए बुधवार के दिन हरे वस्त्र धारण करना, विष्णु भगवान की पूजा करना, और बुध के मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है।
सभी 12 भावों में बुध ग्रह का महत्व
ज्योतिष में 12 भाव का बहुत महत्व होता है और प्रत्येक भाव में स्थित ग्रह का जीवन में अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। बुध ग्रह के 12 भावों में स्थित होने पर क्या प्रभाव पड़ता है, इसे विस्तार से जानने के लिए आगे बढ़ते हैं।
पहले भाव में बुध ग्रह का प्रभाव
पहले भाव में बुध की स्थिति व्यक्ति को बुद्धिमान, चतुर, और संवाद में कुशल बनाती है। ऐसे लोग बहुत जल्दी सीखने की क्षमता रखते हैं और अपनी बुद्धि का सही उपयोग करके जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। इन लोगों का व्यक्तित्व आकर्षक होता है।
दूसरे भाव में बुध ग्रह का प्रभाव
दूसरे भाव में बुध व्यक्ति के धन, परिवार और संचार कौशल पर प्रभाव डालता है। ऐसे लोग वाकपटु होते हैं और परिवार के मामलों में सफल रहते हैं। वित्तीय स्थिति मजबूत होती है और हर भाषा पर अच्छी पकड़ होती है।
तीसरे भाव में बुध ग्रह का प्रभाव
तीसरे भाव में बुध व्यक्ति के साहस, भाई-बहनों, और संचार के माध्यमों पर प्रभाव डालता है। यह व्यक्ति को साहसी, साहसिक और संचार में निपुण बनाता है। ऐसे लोग लिखने, बोलने और मीडिया से जुड़े कार्यों में सफलता प्राप्त करते हैं।
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चौथे भाव में बुध ग्रह का प्रभाव
चौथे भाव में बुध की स्थिति व्यक्ति के घर, माता, और मानसिक शांति पर असर डालती है। ऐसे लोग शिक्षा के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ते हैं और उनके पास अच्छी संपत्ति हो सकती है। मानसिक शांति और घरेलू सुख की प्राप्ति होती है।
पांचवें भाव में बुध ग्रह का प्रभाव
पांचवें भाव में बुध की स्थिति व्यक्ति के बुद्धि, प्रेम संबंध, और संतान के मामलों को प्रभावित करती है। ऐसे लोग रचनात्मक, प्रेमपूर्ण और बच्चों के साथ अच्छे संबंध रखने वाले होते हैं। शिक्षा और खेल-कूद में भी अच्छे परिणाम मिलते हैं।
छठे भाव में बुध ग्रह का प्रभाव
छठे भाव में बुध की स्थिति व्यक्ति के रोग, शत्रु, और सेवाओं पर असर डालती है। ऐसे लोग विश्लेषणात्मक होते हैं और समस्याओं को हल करने में सक्षम होते हैं। हालांकि, शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता होती है।
सातवें भाव में बुध ग्रह का प्रभाव
सातवें भाव में बुध की स्थिति व्यक्ति के वैवाहिक जीवन और साझेदारी पर प्रभाव डालती है। ऐसे लोग समझदार और संवाद में निपुण होते हैं, जिससे उनके संबंध मजबूत होते हैं। इन्हें बिज़नेस पार्टनरशिप में सफलता मिलती है।
आठवें भाव में बुध ग्रह का प्रभाव
आठवें भाव में बुध की स्थिति व्यक्ति के जीवन की गहराइयों, रहस्यों, और आयु पर प्रभाव डालती है। यह व्यक्ति को गूढ़ विज्ञान की ओर आकर्षित करता है और अनुसंधान में रुचि बढ़ाता है। जीवन में अचानक बदलाव का सामना करना पड़ सकता है।
नौवें भाव में बुध ग्रह का प्रभाव
नौवें भाव में बुध की स्थिति व्यक्ति के धर्म, भाग्य, और उच्च शिक्षा पर प्रभाव डालती है। ऐसे लोग धार्मिक, बुद्धिमान और शिक्षित होते हैं। भाग्य उनके पक्ष में होता है और विदेश यात्रा या उच्च शिक्षा के अवसर प्राप्त होते हैं।
दसवें भाव में बुध ग्रह का प्रभाव
दसवें भाव में बुध की स्थिति व्यक्ति के पेशे, कर्म, और सामाजिक प्रतिष्ठा पर असर डालती है। ऐसे लोग अपने कार्यक्षेत्र में बुद्धिमान और कुशल होते हैं। संवाद और व्यवसाय में सफलता की संभावना अधिक होती है।
ग्यारहवें भाव में बुध ग्रह का प्रभाव
ग्यारहवें भाव में बुध की स्थिति व्यक्ति के लाभ, इच्छाओं, और सामाजिक नेटवर्क पर प्रभाव डालती है। यह व्यक्ति को अच्छे मित्र और समर्थन दिलाता है। आर्थिक लाभ और इच्छाओं की पूर्ति के लिए बुध का यह स्थान बहुत अनुकूल होता है।
बारहवें भाव में बुध ग्रह का प्रभाव
बारहवें भाव में बुध की स्थिति व्यक्ति के व्यय, विदेश यात्रा, और आध्यात्मिकता पर प्रभाव डालती है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित करता है और विदेश से लाभ की संभावना बढ़ती है। हालांकि, ऐसे में, व्यक्ति को अनावश्यक खर्चों से सावधान रहना चाहिए।
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बुध ग्रह के अनुकूल प्रभाव के लिए आसान उपाय
बुध ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने और इसके शुभ प्रभावों को बढ़ाने के लिए ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को अपनाकर आप बुध के दुष्प्रभाव से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में:
बुध मंत्र का जाप
बुध के मंत्र का नियमित जाप करना बुध ग्रह के दोषों को कम करने में सहायक होता है। बुधवार के दिन सुबह स्नान करके हरे वस्त्र पहनकर इस मंत्र -ॐ बुं बुधाय नमः का कम से कम 108 बार जाप करें।
भगवान गणेश की पूजा
बुध ग्रह का संबंध भगवान गणेश से भी है। बुध के दोषों को शांत करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। इसके अलावा, बुधवार के दिन गणेश जी की आराधना करने से बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव कम होता है।
हरा वस्त्र और हरे रंग का प्रयोग
बुध ग्रह का रंग हरा माना जाता है इसलिए बुध के शुभ प्रभाव के लिए बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनें और हरे रंग की वस्तुओं का दान करें। इसके अलावा, मूंग की दाल का दान करना भी लाभकारी होता है।
गाय को हरा चारा खिलाना
गाय को हरा चारा खिलाना बुध ग्रह के दोषों को कम करने का एक प्रभावी उपाय है। विशेष रूप से बुधवार के दिन इस उपाय को करने से बुध के अशुभ प्रभावों में कमी आती है।
आंवला और हरी सब्जियों का सेवन
आंवला और हरी सब्जियों का सेवन करना बुध ग्रह को मजबूत बनाता है। बुध को बलवान बनाने के लिए अपने आहार में हरी सब्जियों, विशेषकर आंवला को शामिल करें।
रुद्राक्ष धारण करना
पांच मुखी रुद्राक्ष को बुध के लिए शुभ माना गया है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से बुध के अशुभ प्रभावों में कमी आती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
तुलसी की पूजा
तुलसी का पौधा बुध से संबंधित होता है। घर में तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी नियमित पूजा करें। तुलसी को जल अर्पित करें और उसके पास दीपक जलाएं। इससे बुध ग्रह के दोष कम होते हैं।
बुध का सिंह राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
आप अपने बच्चों की प्रगति को लेकर चिंतित हो सकते हैं और उनके विकास में समस्याएं आ सकती है… (विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
इसके फलस्वरूप, इस दौरान आप आरामदायक और सुरक्षित जीवन यापन करने में सक्षम होंगे…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
आप आरामदायक समय का आनंद ले सकते हैं और तेज़ी से विकास व समृद्ध प्राप्त करेंगे…(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
आपका ध्यान व मन काम से हट सकता है और इस वजह से आपको अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
इस दौरान योजना बनाकर चलना आपके लिए बेहतर रहेगा और आपको अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
आपके करियर में रुकावटें आ सकती हैं और आप नौकरी में बदलाव के लिए मजबूर हो सकते हैं…(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
आप अपनी इच्छाओं को पूरा करने, संतुष्टि प्राप्त करने और मान-सम्मान प्राप्त करने में सक्षम होंगे…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
आप अपने काम पर अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे और उसे और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएंगे…(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
इस दौरान आपको भाग्य का साथ मिलता नज़र नहीं आ रहा है। आपके अंदर साहस और आत्मविश्वास की कमी हो सकती है…(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
आशंका है कि आपको भाग्य का साथ न मिले, जिसके चलते आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
आप अधिक यात्राएं करेंगे और यह आपके लिए फलदायी साबित होगी। साथ ही, आप नए दोस्त बनाएंगे…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
आपको पैतृक संपत्ति के माध्यम से लाभ होगा। इसके अलावा, अप्रत्याशित लाभ भी होने के संकेत हैं…(विस्तार से पढ़ें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बुध महाराज 04 सितंबर 2024 की सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
बुध ग्रह का नाम संस्कृत में ‘बुध’ है, जिसका अर्थ है “बुद्धिमान”। यह ग्रह व्यक्ति के मानसिक स्तर, ज्ञान, विवेक, और तर्कशक्ति को प्रभावित करता है।
ज्योतिष के मुताबिक, बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च के होते हैं।
बुध का गोचर लगभग 14 से 30 दिनों के बीच का होता है।