बुध का मीन राशि में गोचर 12 में से इन राशि के जातकों के लिए साबित होगा शानदार!

बुध का मीन राशि में गोचर 12 में से इन राशि के जातकों के लिए साबित होगा शानदार!

सभी ग्रह कभी भी एक राशि में नहीं रहते क्योंकि वे हमेशा अपनी चाल व राशि बदलते रहते हैं। सूर्य से लेकर केतु तक सभी ग्रहों का राशि परिवर्तन समय अलग-अलग होता है। इसी क्रम में बुध ग्रह 23 से 28 दिनों के बीच में अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। अब बुध मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध ग्रह का जल तत्व राशि मीन में गोचर करना एक विशेष ज्योतिषीय घटना है। बुध ग्रह के गोचर की इस घटना का असर सभी 12 राशियों पर देखने को मिलेगा। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि बुध के गोचर का सभी राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसके अशुभ प्रभावों से बचने के क्या उपाय हैं।

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बुध का मीन राशि में गोचर: तिथि और समय

ज्योतिष शास्त्र में बुध राजकुमार कहा गया है। बुध ग्रह बुद्धि, विचारशीलता और शिक्षा का प्रतीक है। यह बुद्धि, सोचने की क्षमता, बेहतर तर्क क्षमता और अच्छे संचार कौशल के कारक होते हैं। अब बुध 09 अप्रैल 2024 की रात 10 बजकर 02 बजकर 06 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करने जा रहा है। बता दें कि बुध कन्या राशि में उच्चा के तो मीन राशि में नीच के होते हैं। इस बार बुध अपनी नीच राशि में गोचर करेंगे, जिससे नकारात्मक व सकारात्मक दोनों प्रकार के परिणाम प्राप्त होंगे।

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मीन राशि में बुध: विशेषता

बुध एक पृथ्वी तत्व वाला ग्रह है वही मीन एक दोहरी व जल तत्व की राशि है, जिसका स्वामी बृहस्पति है। मीन राशि में बुध ग्रह वाले जातक स्वभाव में कल्पनाशील और भावुक होते हैं इसलिए जल्दी आहत हो जाते हैं। दयालु और विनम्र होने के साथ-साथ अति विश्वसनीय स्वभाव के कारण प्रेम संबंधों और बिज़नेस पार्टनरशिप जैसे जीवन के प्रमुख क्षेत्रों में बहुत जल्दी धोखा खा लेते हैं। ये लोग पेंटिंग, संगीत आदि रचनात्मक कार्यों में रुचि रखते हैं। ये लोग अपनी भावनाओं को ललित कलाओं और कविताओं के माध्यम से प्रकट करते हैं। 

बुध मीन की नीच राशि होने के कारण मीन राशि में बुध कुछ नकारात्मक प्रभाव भी डालेंगे। इसके परिणामस्वरूप जातक अधिक धन अर्जित करने में असफल हो सकते हैं। कम आत्मविश्वास के कारण ये चिड़चिड़े और बेचैनी का अनुभव कर सकते हैं। इसके अलावा, ये जातक बाहों या गले से संबंधित कुछ परेशानी का अनुभव करने के साथ ही, इनके वैवाहिक जीवन में भी अशांति रहने की आशंका है। शत्रुओं और विरोधियों से परेशान होने के कारण ये लोग छोटी-छोटी यात्रा करना पसंद करते हैं। सकारात्मक पक्ष की बात करें तो ये लोग जिज्ञासु और बुद्धिमान हो सकते हैं। ये निराश और लाचार लोगों की मदद करते हैं। इनका मस्तिष्क बहुमुखी प्रतिभाओं को ग्रहण करने वाला होता है। हालांकि कई बार ये खुद को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में असमर्थ रहते हैं, जो दूसरों के लिए समस्या का कारण बनता है।

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ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व

सौरमंडल में सबसे छोटा ग्रह बुध है। बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार के साथ-साथ ईश्वर का दूत भी कहा जाता है और यह मिथुन और कन्या राशियों के स्वामी होते हैं। बुध ग्रह को बुद्धि का देवता गया है, जो कि दोहरे स्वभाव वाला ग्रह है। यह 15 अंशों पर उच्च और नीच का होता है। यह उत्तर दिशा के स्वामी हैं। सूर्य व शुक्र इनके मित्र ग्रह हैं लेकिन मंगल और चंद्रमा से ये शत्रुता का भाव रखता हैं। बृहस्पति और शनि इनके सम ग्रह है। बुध महादशा 17 वर्ष की होती है। यह हरित वर्ण के हैं। यदि किसी जातक के कुंडली में बुध की स्थिति शुभ हो तो वह वाणी से जुड़े हर क्षेत्र में तरक्की करता है और इसके अलावा व्यापार में तेजी आगे बढ़ता है। साथ ही, ऐसे जातक आर्थिक जीवन में स्थिरता प्राप्त करते हैं। इसके विपरीत यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध की स्थिति कमज़ोर हो तो ऐसे व्यक्ति को वाणी व धन से जुड़े मामलों में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। बुध ग्रह व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में ढलने की कला देता है। इसके अलावा, बुध भी तीन नक्षत्रों (नक्षत्रों) के स्वामी हैं। यह अश्लेषा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र और रेवती नक्षत्र का स्वामी है।

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कुंडली में बुध ग्रह के कमज़ोर होने के संकेत

  • बुध यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कमज़ोर स्थिति में हैं तो ये जातक के संचार, रचनात्मकता को प्रभावित करता है।
  • कमज़ोर बुध के परिणामस्वरूप जातक का झुकाव आध्यात्मिकता की ओर कम होने लगता है।
  • अशुभ बुध के कारण जातक को बोलने में दिक्कत होती है। वह अपनी बात स्पष्ट रूप से कह नहीं पाता है, जिसके चलते संचार कौशल प्रभावित हो जाता है।
  • ऐसे जातकों को सट्टा बाजार से बड़ा नुकसान होता है, जिसके चलते आर्थिक संकट से भी जूझना पड़ सकता है।
  • ये लोग शारीरिक और मानसिक रूप परेशान रहते हैं।
  • अशांत बुध के चलते जातक को समाज में मान-सम्मान की कमी महसूस होती है। साथ ही, कार्यक्षेत्र में उसके पद प्रतिष्ठा और यश में गिरावट आने लगती है। 
  • इसके अलावा जातक की भाषण देने और बोलने की क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में, जो जातक राजनीति से जुड़े होते हैं, उन्हें इस दौरान जनता के विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
  • कमजोर बुध बुद्धि को भ्रमित करता है।

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कुंडली में बुध की मजबूत स्थिति

  • कुंडली में बुध ग्रह मजबूत हो तो लोग मृदुभाषी और मजाकिया स्वभाव के होते हैं।
  • मजबूत बुध के प्रभाव से व्यक्ति व्यापार के क्षेत्र में खूब धन लाभ कमाता है।
  • शेयर मार्केट व कई प्रकार के निवेश से भी इन्हें खूब लाभ होता है।
  • इन जातकों की वाणी बहुत अधिक मधुर होती है, जिसके चलते ये दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम होते हैं।
  • बुध की शुभ स्थिति के कारण इन जातकों की तर्क करने की क्षमता मजबूत होती है।
  • बुध के शुभ प्रभाव से व्यक्ति अच्छा वक्ता, प्रवक्ता, अधिकारी, बीमा एजेंट और बहुभाषी बनता है।
  • ये जातक दिखने में बेहद खूबसूरत होते हैं और अपने व्यक्तित्व से हर किसी को अपनी तरफ मुग्ध कर लेते हैं।

कुंडली में अशुभ बुध की स्थिति को मजबूत करने के उपाय

कुंडली में बुध की स्थिति को मजबूत करने के लिए कुछ ख़ास उपाय बताए जा रहे हैं, जिसे अपनाकर आप तमाम तरह की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।

इस मंत्र का जाप करें

कुंडली में बुध की स्थिति को मजबूत करने के लिए बुधवार के दिन लाल वस्त्र धारण करें और “ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” मंत्र की कम से कम 108 बार जाप करें। इससे बुध मजबूत होता है और व्यक्ति को ज्ञान और धन की प्राप्ति होती है। 

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तुलसी का पौधा लगाएं

यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति कमज़ोर है, तो बुधवार के दिन तुलसी का पौधा लगाएं और रविवार को छोड़कर बाकि दिनों में उसमें जल डालें और नियमित रूप से पूजा करें। इस उपाय को करने से बुध ग्रह मजबूत होता है, साथ ही भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

गाय की सेवा करें

प्रतिदिन गाय की सेवा करें। साथ ही हरा चारा खिलाएं। इस उपाय को करने से कुंडली में बुध भी मजबूत होता है। इस उपाय को करने से कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है और साथ ही, भगवान कृष्ण की विशेष कृपा बनी रहती है।

दुर्गा चालीसा का पाठ करें

अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हैं, तो बुधवार के दिन जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा अर्चना करें। साथ ही, दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का बुधवार को पाठ करें। इस उपाय को करने से भी कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है। इसके अलावा, यदि संभव हो तो आप बुधवार के दिन पास में किसी मंदिर में जाकर मां दुर्गा को श्रृंगार की वस्तुएं भेंट भी कर सकते हैं।

संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें

बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। ऐसे में, कुंडली में बुध की मजबूत स्थिति प्राप्त करने के लिए बुधवार के दिन देवों के देव महादेव के प्रिय पुत्र भगवान गणेश की पूजा करें। साथ ही उन्हें दूर्वा और मोदक भेंट करें। भगवान गणेश को मोदक अति प्रिय है। अतः मोदक भेंट करने से भगवान गणेश शीघ्र प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा, संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें।

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बुध का मीन राशि में गोचर: सभी राशियों पर प्रभाव

मेष राशि

आपको आत्म-विकास की कमी महसूस हो सकती है, जिसके चलते आप जीवन में पीछे रह सकते हैं। इसके अलावा(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

आप इस अवधि अच्छी मात्रा में धन अर्जित करें लेकिन उसके बावजूद भी आपको संतुष्टि प्राप्त न हो। भले ही आप कमा रहे हों लेकिन(विस्तार से पढ़ें) 

मिथुन राशि

आपको अपने स्वास्थ्य, नौकरी और अपने परिवार पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि इन(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

आपको भाग्य का साथ न मिले जिसके चलते कई अच्छे मौके आपके हाथों से निकल सकते हैं। इस अवधि आपको किसी(विस्तार से पढ़ें) 

सिंह राशि

आप अच्छी मात्रा में धन अर्जित करने में असफल हो सकते हैं और आशंका है कि आपकी इच्छाओं(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

आपको अपने मित्रों और करीबी सदस्यों के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है(विस्तार से पढ़ें)

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तुला राशि

आपको भाग्य की कमी महसूस हो सकती है, जिसके चलते आपको जीवन में संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

आप अपने बच्चों के विकास के बारे में अधिक सोच-विचार करेंगे और उनके भविष्य को लेकर आप परेशान हो सकते हैं(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि

आपको बिज़नेस पार्टनर, जीवनसाथी और अपने दोस्तों के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव देखना पड़ सकता है(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

आपको अपने भाई-बहनों के साथ समस्या का सामना करना पड़ सकता है। आशंका है कि(विस्तार से पढ़ें) 

कुंभ राशि

करियर के मामले में भी आपको उतार-चढ़ाव झेलना पड़ सकता है और इस वजह से आपको सफलता मिलने में देरी का सामना करना पड़ सकता है। आपके वरिष्ठ(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

करियर के मोर्चे पर आपको कार्यक्षेत्र में नौकरी का दबाव झेलना पड़ सकता है और इस वजह से आपके काम में गलतियां निकल सकती है(विस्तार से पढ़ें)

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