बुध का कन्या राशि में गोचर: ज्योतिष में होने वाले प्रत्येक ग्रह के गोचर को महत्वपूर्ण माना जाता है और ऐसे में, जब गोचर बुध ग्रह का होता है, तब यह और भी विशेष हो जाता है। अब बुध महाराज का गोचर 23 सितंबर 2024 को कन्या राशि में होने जा रहा है और यह राशि परिवर्तन आपके जीवन में बड़े बदलाव लेकर आने में सक्षम होगा। बता दें कि इस ग्रह की स्थिति में होने वाला छोटे से छोटा परिवर्तन भी जातकों के जीवन को किसी न किसी रूप में प्रभावित करता है। एस्ट्रोसेज के इस ख़ास ब्लॉग में आपको बुध का कन्या राशि में गोचर से जुड़ी जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि समय और सभी राशियों पर इसका प्रभाव आदि। साथ ही, बात करेंगे इस दौरान किये जाने वाले सरल उपायों के बारे में।
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इस लेख से आप जान सकेंगे कि बुध का यह गोचर आपकी राशि के किस क्षेत्र के लिए शुभ रहेगा और किस क्षेत्र में आपको संभलकर चलना होगा। सिर्फ इतना ही नहीं, यह गोचर देश-दुनिया में किस तरह के परिवर्तन लेकर आएगा? इससे भी हम आपको अवगत करवाएंगे। यदि आप जानना चाहते हैं बुध गोचर के बारे में सब कुछ, तो इस ब्लॉग को पढ़ना जारी रखें।
बुध का कन्या राशि में गोचर: तिथि एवं समय
सौरमंडल में बुध को सबसे छोटा ग्रह माना जाता है और इनका प्रभाव मनुष्य जीवन पर उतना ही अधिक होता है। बुध ग्रह बहुत तेज़ गति से आगे बढ़ते हैं इसलिए इन्हें एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में लगभग 23 से 28 दिनों का समय लगता है। अब यह सूर्य की राशि सिंह से निकलकर अपने स्वामित्व वाली राशि कन्या में 23 सितंबर 2024 की सुबह 09 बजकर 59 मिनट पर गोचर कर जाएंगे। गौर करने वाली बात यह होगी कि बुध अस्त अवस्था में कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में बुध देव 10 अक्टूबर 2024 तक रहेंगे और इसके बाद तुला राशि में गोचर कर जाएंगे। ऐसे में, इसका असर विश्व समेत सभी राशियों पर भी दिखाई देगा, लेकिन इससे पहले जानते हैं बुध का ज्योतिष में महत्व।
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वैदिक ज्योतिष में बुध का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को युवराज का दर्जा प्राप्त है जो कि एक शुभ ग्रह है। लेकिन, कुंडली में इनकी स्थिति अशुभ ग्रहों के साथ होने पर यह मनुष्य को जीवन में नकारात्मक परिणाम देने लगते हैं। इसके अलावा, राशि चक्र में बुध ग्रह कन्या और मिथुन राशि के स्वामी हैं। कन्या इनकी अपनी राशि होने के साथ-साथ बुध की उच्च राशि भी है जबकि यह गुरु ग्रह की राशि मीन में नीच के होते हैं। अगर हम बात करें इनके मित्र और शत्रु ग्रहों की तो, सूर्य और शुक्र इनके मित्र ग्रह हैं तथा चंद्रमा और मंगल के प्रति बुध शत्रुता के भाव रखते हैं। इन्हें लाभकारी ग्रह भी माना जाता है और 27 नक्षत्रों में से बुध अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र के स्वामी हैं।
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि ज्योतिष में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी ग्रह या देवता को समर्पित होता है। इसी क्रम में, बुध ग्रह का दिन बुधवार होता है और इस दिन बुध देव की पूजा-अर्चना करना फलदायी साबित होता है। इनके शुभ प्रभाव से जातकों को तेज़ बुद्धि और बेहतरीन संचार कौशल का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा, बुध का प्रभाव हमारे शरीर और संवाद की क्षमता पर भी होता है।
बुध ग्रह को बुद्धि, ज्ञान, मित्र और व्यापार का कारक माना जाता है इसलिए कुंडली में बुध के अनुकूल होने पर जातक अच्छे वक्ता बनते हैं। इन्हें राजनीति और कूटनीति का अच्छा ज्ञान होता है। व्यापार की दृष्टि से, कुंडली में बुध के शुभ होने पर बिज़नेस के क्षेत्र में अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। यह व्यापार को सफलतापूर्वक बनाने में सहायक साबित होते हैं।
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कुंडली में मज़बूत बुध का प्रभाव
जिन लोगों की कुंडली में बुध मजबूत एवं शुभ स्थिति में होते हैं, उनका संचार कौशल शानदार होता है। यह बातचीत में माहिर होते हैं और हाजिर जवाब होते हैं अर्थात ऐसे लोग अपनी बातों से दूसरों का दिल जीतने में सक्षम होते हैं। साथ ही, तार्किक दृष्टिकोण से यह लोग काफ़ी अच्छे होते हैं और सामान्य शब्दों में कहें तो, वह हर पहलू को तार्किक होकर देखना पसंद करते हैं। दूसरी तरफ, व्यापार के क्षेत्र में भी बुध ग्रह का शुभ प्रभाव देखने को मिलता है और इसके परिणामस्वरूप, इन जातकों का प्रदर्शन व्यापार में शानदार रहता है। लेकिन, कुंडली में बुध की स्थिति अशुभ होने पर व्यक्ति को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
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कमज़ोर बुध का प्रभाव
अगर किसी जातक की कुंडली में बुध कमजोर होते हैं, तो उसे अपने जीवन के हर क्षेत्र में दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है, विशेष रूप से शिक्षा और संचार के मामलों में। कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर होने पर व्यक्ति का संचार कौशल प्रभावित होता है और वह अच्छे से बात करने में समर्थ नहीं होता है और न ही वह अपने विचारों या बातों को सही तरीके से दूसरे के सामने रख पाता है। साथ ही, इन लोगों को शारीरिक और मानसिक समस्याएं झेलनी पड़ती हैं क्योंकि बुध की अशुभ स्थिति आपको मानसिक रूप से कमजोर बना देती है।
इसके अलावा, बुध का नकारात्मक प्रभाव व्यापार में भी हानि की वजह बनता है। साथ ही, जातकों को आर्थिक तंगी से दो-चार होना पड़ता है। लेकिन, आपको यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि ज्योतिष विद्या में बुध के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति के लिए अनेक सरल एवं अचूक उपाय दिए गए हैं जो हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं।
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कुंडली में अशुभ बुध के प्रभावों को इन उपायों से करें दूर
बुध ग्रह सभी दिशाओं में उत्तर दिशा के स्वामी हैं और यह दिशा धन के कोषाध्यक्ष भगवान कुबेर को समर्पित है। बता दें कि बुध महाराज जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु का प्रतिनिधित्व करते हैं इसलिए इनसे शुभ परिणाम पाना बेहद आवश्यक हो जाता है। चलिए नज़र डालते हैं सरल उपायों पर।
- कुंडली में बुध दोष या बुध कमज़ोर होने पर जातक को अपने घर में चौड़ी पत्तियों वाले पौधे लगाने चाहिए। साथ ही, घर के प्रवेश द्वार पर पंचपल्लव का तोरण लगाएं जिसमें पीपल, गूलर, अशोक, आम और वट आदि वृक्षों की पत्तियां हों।
- ज्योतिष में हर ग्रह का संबंध किसी न किसी रत्न से होता है। इस प्रकार, आप बुध से शुभ परिणाम पाने के लिए पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं। लेकिन, ऐसा किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद ही करें।
- भगवान गणेश को बुधवार का दिन समर्पित है और ऐसे में, बुध के दुष्प्रभावों से राहत के लिए बुधवार का व्रत करें। गणेश जी की पूजा के साथ-साथ बुध ग्रह के बीज मंत्र “ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:” का जाप करें।
- बुध ग्रह से शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए बुधवार के दिन पूजा करने के बाद गरीब ब्राह्मण को हरे रंग की वस्तु दान करें।
- बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े धारण करें क्योंकि ऐसा करने से बुध के नकारात्मक प्रभावों से राहत मिलती है।
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बुध का कन्या राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके छठे भाव में गोचर… (विस्तार से पढ़ें)
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वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। अब बुध का कन्या राशि गोचर आपके…(विस्तार से पढ़ें)
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मिथुन राशि वालों की कुंडली में बुध ग्रह पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब बुध देव का गोचर आपके चौथे भाव में होने जा रहा है और… (विस्तार से पढ़ें)
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कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध का कन्या राशि में गोचर आपके … (विस्तार से पढ़ें)
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सिंह राशि के लग्न भाव के स्वामी सूर्य के लिए बुध मित्र ग्रह हैं और इन्हें आपके आर्थिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है क्योंकि… (विस्तार से पढ़ें)
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कन्या राशि के जातकों के लिए बुध का कन्या राशि में गोचर बेहद शुभ रहेगा क्योंकि अब बुध पुनः अपनी मूल त्रिकोण राशि में… (विस्तार से पढ़ें)
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तुला राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके… (विस्तार से पढ़ें)
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वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब बुध का कन्या राशि में गोचर आपके … (विस्तार से पढ़ें)
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धनु राशि के जातकों के लिए बुध महाराज सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब आपके दसवें भाव के स्वामी पुनः कार्यक्षेत्र… (विस्तार से पढ़ें)
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मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब कन्या राशि में बुध का गोचर आपके… (विस्तार से पढ़ें)
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मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। अब बुध का कन्या राशि में गोचर आपके शादी, प्रेम और… (विस्तार से पढ़ें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
कन्या राशि में बुध का गोचर 23 सितंबर 2024 को होगा।
ज्योतिष के अनुसार, बुध की उच्च राशि कन्या है।
बुध ग्रह कन्या राशि से निकलकर 10 अक्टूबर को तुला राशि में प्रवेश कर जाएंगे।