सम ग्रह बुध को ज्योतिष में सौरमंडल के सभी ग्रहों में राजकुमार ग्रह की उपाधि प्राप्त है। इस कारण उनकी महत्वता बढ़ जाती है और उनका प्रत्येक गोचर या स्थान परिवर्तन समस्त मनुष्य व वातावरण पर विशेष प्रभाव दिखाता है। इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि बुध जब भी अपना राशि परिवर्तन करता है तब-तब वो हर व्यक्ति को अपने कारक तत्वों के अनुसार परिणाम भी देता है।
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ज्योतिष में बुध ग्रह
ज्योतिष में बुध को एक सम ग्रह माना गया है, जो अन्य ग्रहों के साथ उनकी संगति के अनुरूप ही फल देता है। यदि क्रूर ग्रह के साथ बुध अशुभ फल देता है, तो वहीं शुभ ग्रह के साथ मिलकर शुभ फल देता है। बुध ग्रह समस्त 12 राशियों में से मिथुन और कन्या राशि पर अपना स्वामित्व रखते हैं। जबकि कन्या इसकी उच्च राशि तो मीन इसकी नीच राशि कहलाती है। नक्षत्रों की बात करें तो 27 नक्षत्रों में से अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र के स्वामी बुध ही होते है। ग्रहों में से सूर्य और शुक्र, बुध के मित्र ग्रह तो चंद्रमा और मंगल, बुध के शुत्र ग्रह माने गए हैं।
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बुध के तुला में गोचर की समयावधि
अब वाणी, बुद्धि और तर्कशक्ति के कारक बुध ग्रह जो अक्टूबर की शुरुआत में ही कन्या राशि में वक्री से मार्गी हुए थे, वो अब अपनी स्वराशि कन्या से निकलकर अपने मित्र ग्रह शुक्र की राशि तुला में गोचर करेंगे। बुध का तुला में ये गोचर 26 अक्टूबर 2022, बुधवार को दोपहर 01:38 पर होगा। बुध का तुला में गोचर करना किसी चमत्कार से कम नहीं सिद्ध होगा, क्योंकि वहां उनका मिलन न केवल अपने दोनों मित्र ग्रहों सूर्य और शुक्र के साथ होगा, बल्कि छाया ग्रह केतु और शत्रु चन्द्रमा के साथ भी होगा। ऐसे में आइए जानते हैं बुध का तुला राशि में गोचर किसके लिए कितना शुभ और कितना अशुभ? परंतु उससे पहले चलिए पढ़ें बुध के इस स्थानपरिवर्तन पर क्या है एस्ट्रोसेज के विशेषज्ञों की राय।
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बुध के तुला में गोचर को लेकर ज्योतिषाचार्यों की राय
- तुला में बनेगा पंचग्रही योग
एस्ट्रोसेज के वरिष्ठ ज्योतिषियों की मानें तो, तुला राशि में बुध जब 26 अक्टूबर को गोचर करेंगे तो उनकी युति तुला में पहले से उपस्थित चार अन्य ग्रहों (सूर्य, शुक्र और केतु) के साथ होगी। इसके अलावा सूर्य, शुक्र और केतु के प्रवेश के साथ ही चन्द्रमा भी तुला में ही उपस्थित होकर पांच ग्रह युति बनाएंगे।
- बुध के साथ इन ग्रहों ने तुला में किया था गोचर
-केतु ने इसी वर्ष 12 अप्रैल, 2022 की सुबह 11 बजकर 18 मिनट पर, मंगल के आधिपत्य वाली राशि वृश्चिक से निकलकर शुक्र के आधिपत्य वाली राशि तुला में गोचर किया था। अब पूरे साल भर वो इसी राशि में उपस्थित रहेंगे।
-वहीं, सूर्य ने 17 अक्टूबर 2022, सोमवार को शाम 7 बजकर 09 मिनट पर बुध की कन्या राशि से निकलकर तुला में अपना गोचर किया था। इस राशि में सूर्य 16 नवंबर तक उपस्थित रहेंगे।
-इसके अलावा शुक्र ने भी सूर्य के गोचर से अगले ही दिन यानी 18 अक्टूबर 2022, मंगलवार रात 9 बजकर 24 मिनट पर बुध की राशि से निकलकर अपनी स्वराशि तुला में गोचर किया। शुक्र यहाँ इस स्थिति में 11 नवंबर तक रहेंगे।
-साथ ही, चन्द्रमा भी अब अपना गोचर हाल ही में 25 अक्टूबर 2022, मंगलवार को तुला राशि में करने जा रहे हैं और इस राशि में वे अगले ढाई दिन तक रहेंगे।
-अब 26 अक्टूबर से बुध देव भी तुला में गोचर करेंगे। इस राशि में वे 13 नवंबर तक उपस्थित रहेंगे।
- तुला में बनेगी स्टेलियम गोचर (Stellium Gochar) की स्थिति
स्टेलियम शब्द से तात्पर्य उस खगोलीय स्थिति से है, जब किसी भी एक राशि में तीन या तीन से अधिक ग्रह एक साथ उपस्थिति होते हुए आपस में युति बनाते हैं। ज्योतिष अनुसार सरल शब्दों में कहें तो 3 या तीन से अधिक ग्रहों की एक ही राशि में युति को स्टेलियम कहा गया है। ग्रहों की ऐसी स्थिति का बनना बहुत विशेष माना गया है। अब ये अनोखी स्थिति वर्ष 2022 में 26 अक्टूबर को भी बन रही है, जब बुध अपना गोचर तुला में करते हुए वहां पहले से उपस्थित अन्य चार ग्रहों: सूर्य, शुक्र, केतु और चंद्रमा के साथ युति बनाएंगे।
- तुला जातकों पर बुध के गोचर का असर
तुला राशिचक्र की सप्तम राशि होती है और काल पुरुष कुंडली में सप्तम भाव विवाह व पार्टनर का भाव होता है। ऐसे में इस दौरान बुध का तुला जातकों के प्रथम भाव में गोचर करना उनके स्वभाव के साथ-साथ उनके विवाहिक जीवन को प्रभावित करेगा। साथ ही यदि आप पार्टनरशिप के व्यापार से जुड़े हैं तो व्यापार के कारक ग्रह बुध का ये गोचर आपके लिए सामान्य से काफी अनुकूल रहने वाला है।
- छात्रों पर बुध के गोचर का असर
बुध शिक्षा पर भी अपना आधिपत्य रखते हैं। ऐसे में तुला में गोचर करते ही बुध की युति वहां मौजूद चन्द्रमा के साथ भी होगी। जिसके परिणामस्वरूप छात्रों को अपनी एकाग्रता में कुछ कमी महसूस हो सकती है। इसलिए अपनी पढ़ाई पर अधिक ध्यान देना ही आपके लिए एकमात्र विकल्प सिद्ध होगा। इसके अलावा इस दौरान बुध की युति शुक्र के साथ होने पर ज्यादातर छात्र मनोरंजन के साधनों की ओर अधिक केंद्रित नज़र आएंगे।
- देश पर बुध के गोचर का असर
स्वतंत्र भारत की राशि कर्क मानी गई है और तुला में बुध अपना गोचर करते हुए, कर्क राशि से चतुर्थ भाव में प्रवेश करेंगे। इस कारण देश की केंद्र सरकार को लेकर कुछ विपक्षी दल तर्क-वितर्क करते दिखाई देंगे। आशंका है कि सत्ताधारी पार्टी के किसी बड़े नेता का कोई नकारात्मक बयान सामने आने पर, पूरी पार्टी की विचारधारा पर विपक्ष हमलावर रहेगी। इसके अलावा आंतरिक सुरक्षा के मामले में भी कुछ नई बातें मीडिया के माध्यम से सामने आ सकती हैं।
- जनता पर बुध के गोचर का असर
ज्योतिष में जहाँ बुध को व्यापार जगत का देवता, वहीं दैत्यगुरु शुक्राचार्य को सुख-समृद्धि का देवता माना गया है। इस लिहाज से बुध का तुला में गोचर करना सबसे अधिक देश के व्यापारिक क्षेत्र में प्रगति लेकर आएगा। साथ ही जनता के सुख-समृद्धि में भी काफी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। हालांकि सूर्य और शुक्र का भी एकसाथ होना जनता की कुछ परेशानियों को बढ़ा सकता है। खासतौर से चन्द्रमा के साथ बुध की युति कई राज्यों की जनता को मानसिक तनाव सबसे अधिक देगी।
अवश्य पढ़ें: बुध ग्रह की शांति के लिए किये जाने वाले विशेष ज्योतिषीय उपाय
इन राशियों पर रहेगी बुध की कृपा
- वृषभ राशि: बुध देव का ये गोचर आपकी राशि के षष्ठम भाव में होगा। जिसके परिणामस्वरूप आपको सामान्य से अधिक शुभ फल प्राप्त होंगे। ये अवधि आपको धन लाभ कराएगी और आप कई नए माध्यमों से अपनी आमदनी की वृद्धि कर सकेंगे। यदि किसी कर्ज या ऋण से आप पीड़ित थे तो, उससे भी आपको निजात मिलेगी। शिक्षा के लिहाज़ से भी इस समय छात्रों को अपना बेहतर प्रदर्शन देने में सफलता मिलेगी। क्योंकि बुध देव आपके ही राशि स्वामी शुक्र और अन्य दो ग्रहों के साथ युति करेंगे, जिससे आपकी वाणी और स्मरण शक्ति का विकास होगा।
- मिथुन राशि: बुध आपकी ही राशि के स्वामी होते हैं और अब वे आपकी राशि के संतान, बुद्धि, विद्या और ज्ञान के पंचम भाव में गोचर करेंगे। इसके कारण ये गोचर सबसे अधिक आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा। पारिवारिक जीवन में भी आप खुलकर आनंद लेते दिखाई देंगे। आपकी मां के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे, जिससे आप उनके साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे। कुछ जातक अपने घरवालों के साथ कहीं छोटी दूरी की यात्रा पर जाने का प्लान करेंगे। इस समय सदस्यों के बीच आपका मान-सम्मान तो बढ़ेगा ही, साथ ही घर पर आपके विचारों को भी महत्व दिया जाएगा।
- कन्या राशि: 26 अक्टूबर को बुध तुला में अपना गोचर करते हुए आपकी राशि के द्वितीय भाव में प्रवेश करेंगे। ऐसे में आप पर इस गोचर का प्रभाव सामान्य से काफी अनुकूल रहेगा। पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और आप अपनी मधुर वाणी से घर के सभी सदस्यों का दिल जीतने में सफल रहेंगे। बुध देव का अन्य शुभ ग्रहों के साथ युति करना, आपकी आमदनी में वृद्धि लाएगा। संभावना अधिक है कि इस दौरान आप कम निवेश के साथ बड़ा मुनाफ़ा हासिल करें। छात्रों पर भी बुध की विशेष कृपा होगी, जिससे सबसे अधिक प्रतियोगी परीक्षा या सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को कोई बड़ा शुभ समाचार मिल सकेगा।
- धनु राशि: बुध अपना गोचर आपकी राशि से लाभ के एकादश भाव में करेंगे। जिसके फलस्वरूप आपको इस दौरान उत्तम परिणाम प्राप्त होंगे। कार्यक्षेत्र पर आपको सफलता मिलने से आप अपार धन लाभ करेंगे। साथ ही आप अपने सहकर्मी व अधिकारियों से भी उचित सहयोग प्राप्त करते हुए, अपनी वेतन वृद्धि करते देखें जाएंगे। निजी जीवन में भी कुछ जातकों की मुलाक़ात अपने पुराने मित्रों से संभव है। वहीं आर्थिक पक्ष के लिहाज़ से ये अवधि आपका बैंक बैलेंस बढ़ाते हुए आपको भविष्य की हर परिस्थितियों से सुरक्षित करेगी।
आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा बुध का प्रभाव? जानने के लिए पढ़ें: बुध का तुला राशि में गोचर (26 अक्टूबर 2022)
इन राशियों को रहना होगा सावधान
- वृश्चिक राशि: बुध का ये गोचर आपकी राशि से द्वादश भाव में होने जा रहा है। ऐसे में आपको इस दौरान थोड़ा सावधान रहते हुए अपने खर्चों के प्रति सतर्कता बरतने की हिदायत दी जाती है। क्योंकि बुध देव का ये प्रभाव सीधेतौर पर आपके खर्चों में वृद्धि लाएगा। व्यापारी जातकों को भी इस समय कोई बड़ा नुकसान संभव है। इसलिए किसी भी तरह का धन निवेश करने से बचें। कुछ जातकों को आर्थिक तंगी भी परेशान करेगी। साथ ही हर प्रकार की यात्रा करने से परहेज करें, अन्यथा ये यात्रा आपको शारीरिक व मानसिक दोनों ही तनाव देने का कारण बनेगी।
- कुंभ राशि: शनि की राशि कुंभ में बुध का ये गोचर राशि से नवम भाव में होगा। इसके चलते आपको इस गोचर से सामान्य से अधिक प्रतिकूल परिणाम मिलने के योग बनेंगे। खासतौर से यदि आप शादीशुदा हैं तो, आपको संतान कष्ट संभव है। क्योंकि इस दौरान बुध का प्रभाव दांपत्य जातकों को संतान से जुड़ी कुछ चुनौतियों दे सकता है। आपको भी कार्यक्षेत्र पर मेहनत के अनुसार फल न मिलने से आपका मन उदास हो जाएगा। कुछ जातकों को आय से अधिक खर्चे होने से भी समस्या होगी। पारिवारिक जीवन में छोटे भाई-बहन आपको इच्छानुसार मान-सम्मान नहीं देंगे।
- मीन राशि: आपके चतुर्थ और सप्तम भाव के स्वामी बुध अपना गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में करते हुए, आपको कुछ समस्या दे सकते हैं। इस दौरान सबसे अधिक आपकी मां का स्वास्थ्य जीवन प्रभावित होगा, जिससे घर का वातावरण खराब हो सकता है। छात्रों को भी ध्यान लगाने में तकलीफ संभव है। ऐसे में खुद को इधर-उधर की बातों में न लगाते हुए, आपको खुद को केवल और केवल अपनी शिक्षा के प्रति ही केंद्रित रखने की सलाह दी जाती है। ये समय आपको भी अचानक कोई शारीरिक समस्या दे सकता है। क्योंकि योग बन रहे हैं कि आप किसी दुर्घटना के शिकार हो जाएं। इसलिए अपना अधिक ध्यान रखें।
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बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए करें ये उपाय
- बुध के तुला में गोचर करने पर आपको विधारा मूल की जड़ को पानी में भिगोकर, अगली सुबह उस जल से ही स्नान करना चाहिए।
- इसके अलावा आप विधारा की जड़ को नियम अनुसार धारण करके भी बुध के नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं।
- बुध को अपनी कुंडली में मजबूत बनाने के लिए आप चार मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
- वैदिक ज्योतिष अनुसार बुध की शान्ति हेतु पन्ना रत्न धारण करना आपके लिए अनुकूल रहेगा।
- व्यापार संबंधी हर समस्या के समाधान हेतु अपने दफ्तर में नियमानुसार बुध यंत्र की स्थापना करें।
- आप ऑनलाइन बुध ग्रह शांति पूजा के माध्यम से भी बुध के हर दोष को खत्म कर सकते हैं।
- प्रत्येक बुधवार गणेश जी की आराधना के पश्चात गौ माता को हरा चारा खिलाएं।
- किसी भी स्कूल में छात्रों को शिक्षा की सामग्री भेंट करे।
- यदि आपकी कुंडली में बुध की महादशा चल रही हो तो आपको बुध की होरा या बुध के नक्षत्रों (अश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती) में कम से कम एक माला बुध ग्रह के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- 10 वर्ष से छोटी कन्याओं को बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र अथवा हरी चूड़ियाँ भेंट करना आपके लिए फलदायी रहेगा।
- गरीबों व ज़रूरतमंदों में पालक अथवा साबुत मूंग का दान करें।
किसी समस्या से हैं परेशान, समाधान पाने के लिए प्रश्न पूछें
बुध ग्रह से संबंधित मंत्र कुछ इस प्रकार है
- बुध ग्रह का वैदिक मंत्र:
“ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च।
अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।”
- बुध ग्रह का तांत्रिक मंत्र:
“ॐ बुं बुधाय नमः”
बुध ग्रह का बीज मंत्र:
“ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः”
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