ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध को समस्त ग्रहों में राजकुमार की उपाधि प्राप्त होती है, जो संचार के ग्रह भी माने गए हैं। इन्हें सभी 12 राशियों में से मिथुन और कन्या राशियों का स्वामित्व प्राप्त होता है। ग्रहों में से शुक्र और राहु ग्रह को बुध का परम मित्र माना गया है, परंतु चंद्रमा इनके शत्रु ग्रह होते हैं। इसके अलावा कम दूरी की यात्रा, सभी प्रकार की सीखने व ज्ञान प्राप्त करने, संवाद की वस्तुएं, शिक्षा आदि के कारक बुध ही होते हैं।
बुध के सूर्य के सबसे निकट होने के कारण ही बुध की एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने की अवधि सबसे कम होती है। आमतौर पर बुध एक राशि में लगभग 21 दिनों तक रहता है। यह अकेला ऐसा ग्रह है जो जिस भी स्वभाव के ग्रह के साथ संबंध बनाता है, उसी के अनुसार व्यक्ति पर अपना प्रभाव डालता है। सरल शब्दों में कहें तो अनुकूल ग्रहों के साथ बुध अनुकूल फल देता है, जबकि पाप ग्रह के साथ मिलकर बुध से प्रतिकूल फल ही प्राप्त होते हैं।
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बुध के कर्क में गोचर काल का समय
शिक्षा, व्यापार, तर्कशक्ति, बुद्धि, वाणी, संचार कौशल और त्वचा आदि के कारक माने जाने वाले बुध अब 17 जुलाई 2022, रविवार के दिन प्रातः काल 12 बजकर 01 मिनट पर अपनी स्वराशि मिथुन से निकलकर अपने शत्रु ग्रह चन्द्रमा की राशि कर्क में अपना गोचर करने जा रहे हैं। कर्क एक जल तत्व की राशि है, जबकि बुध पृथ्वी तत्व का ग्रह है। ऐसे में बुध का कर्क में प्रवेश करना न केवल सभी 12 राशियों पर अपना प्रभाव दिखाएगा, बल्कि देश-दुनिया में भी कई बड़े बदलाव लेकर आएगा।
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बुध के कर्क में गोचर करने से बनेगा “बुधादित्य योग”
बुध के कर्क में गोचर के दौरान बुध का मिलन वहां पहले से मौजूद सूर्य के साथ होगा। बुध-सूर्य की इस युति से कर्क राशि में “बुधादित्य योग” का निर्माण होगा। बुधादित्य योग समस्त योगों में से शुभ व लाभकारी योग की श्रेणी में आता है। एस्ट्रोसेज के ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो इस योग के फलस्वरूप कर्क राशि के जातकों को अपने मान-सम्मान में बढ़ोतरी मिलने की संभावना रहेगी।
देशभर में भी इस गोचरकाल के दौरान इस योग से कई प्रसिद्ध नेता अपने किसी ट्वीट या संदेश के माध्यम से लोगों की चर्चा बटोरते दिखाई देंगे। हालांकि कर्क जातकों को इस अवधि में बदलते मौसम के साथ कुछ शारीरिक समस्या परेशान कर सकती है इसलिए उन्हें अपना ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।
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बुध पर होगी गुरु बृहस्पति, मंगल और शनि की दृष्टि
17 जुलाई को बुध के कर्क में गोचर करते ही, जहाँ उनकी युति सूर्य के साथ होगी वहीं, कर्क में बुध पर गुरु की पंचम दृष्टि, जबकि मंगल की चतुर्थ दृष्टि और शनि भी अपनी सप्तम पूर्ण दृष्टि बुध पर डालेंगे। ग्रहों की ये स्थिति देशभर में जहां कुछ राज्यों में प्राकृतिक घटनाओं से जान-मान की हानि होने के संकेत देगी, तो वहीं शेयर बाज़ार में भी इन ग्रहों की दृष्टि से बड़ा उछाल दिखाई देगा। ऐसे में निवेशकों के लिए तुरंत मुनाफ़ा काटना ही सबसे उचित विकल्प रहने वाला है।
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विभिन्न राशियों पर बुध के कर्क में गोचर का प्रभाव
- कर्क राशि में बुध के गोचर के दौरान खासतौर से मेष, मिथुन, कन्या और वृश्चिक राशि के छात्रों के लिए ये समय अवधि उत्तम फल मिलने की संभावना बनाएगी।
- हालांकि सिंह, धनु, मकर और कुंभ राशि के छात्रों को थोड़ा सावधान रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि बुध देव इन राशि के विधार्थियों को अपनी शिक्षा में सामान्य से अधिक बाधाएं देते हुए, उन्हें परेशान कर सकते हैं। खासतौर से गणित, बिज़नेस मार्केटिंग, मैनेजमैंट आदि की पढ़ाई कर रहे छात्रों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता होगी।
- जबकि इसके अतिरिक्त अन्य राशियों के छात्रों के लिए ये गोचर मिश्रित परिणाम लेकर आ रहा है।
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बुध के कर्क राशि में गोचर के दौरान ज़रूर करें ये उपाय
- नियमित रूप से भगवान विष्णु की पूजा करें।
- बुधवार के दिन नियमनुसार व्रत का पालन करें और बुध ग्रह के बीज मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” का जप करें।
- हर बुधवार के दिन विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करें।
- संभव हो तो ज्यादा से ज्यादा हरे रंग के वस्त्र धारण करें।
- ईमानदारी से व्यापार करें और धोखाखड़ी व शॉर्टकट से दूरी बनाकर चलें।
- हर बुधवार के दिन गौ सेवा करें और गाय को हरी घास या पालक खिलाएं।
- आपको बुध ग्रह से संबंधित वस्तुओं जैसे पालक, शिक्षा सामग्री, हरी मूंग, कांस्य के बर्तन, नीले रंग के पुष्प, हरे व नीले रंग के कपड़े आदि का जरूरतमंदों व गरीबों में दान करना चाहिए।
- बुध ग्रह के शुभ परिणाम हासिल करने के लिए विद्यार्थियों को पन्ना रत्न धारण करना भी उचित रहता है।
- इसके साथ ही चार मुखी या दस मुखी रुद्राक्ष धारण करके भी आप अपनी कुंडली से बुध ग्रह से संबंधित हर दोष व नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति पा सकते हैं।
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