वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के युवराज के नाम से विख्यात बुध ग्रह को वाणी, बुद्धि, विद्या, तर्क, तर्क और व्यापार का कारक माना जाता है। ऐसे में, बुध देव की चाल में होने वाला कोई भी बदलाव संसार को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखता है जो अब धनु राशि में गोचर करने वाले हैं। एस्ट्रोसेज एआई के इस ख़ास ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बुध गोचर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही जानेंगे, बुध ग्रह से अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय और कुंडली में बुध को किन ज्योतिषीय उपायों की सहायता से मजबूत कर सकते हैं। लेकिन, इन सब बातों को जानने के लिए आपको बुध गोचर का यह ब्लॉग अंत तक पढ़ना होगा।
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हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि बुध का धनु राशि में गोचर होने जा रहा है और ऐसे में, इनकी चाल में होने वाला बदलाव कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ रहेगा और कुछ राशियों को इस अवधि में बहुत संभलकर चलना होगा। सिर्फ इतना ही नहीं, बुध धनु राशि में प्रवेश के दौरान किन ग्रहों के साथ युति का निर्माण और कौन सा योग बनाएंगे, इस बारे में भी हम विस्तार से बात करेंगे। सबसे पहले नज़र डालते हैं बुध गोचर के समय और तिथि पर।
बुध का धनु राशि में गोचर: समय और तिथि
ज्योतिष शास्त्र में बुध महाराज को तेज़ गति से चलने वाला ग्रह माना गया है जो लगभग हर 23 दिन में अपना राशि परिवर्तन करते हैं। इसके बाद, वह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करके चले जाते हैं। अब बुध देव 04 जनवरी 2025 की सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर धनु राशि में गोचर कर जाएंगे। बता दें कि यह नए साल अर्थात वर्ष 2025 का पहला गोचर होगा। साथ ही, धनु राशि में रहते हुए बुध देव अस्त भी होंगे। इस प्रकार, बुध के इस राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी राशियों पर सकारात्मक या नकारात्मक रूप से पड़ेगा। चलिए अब आपको अवगत करवाते हैं कि बुध का धनु राशि में गोचर होने से कौन से शुभ योग का निर्माण होगा।
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धनु राशि में सूर्य-बुध करेंगे बुधादित्य योग का निर्माण
ग्रहों के राजा सूर्य को बुध ग्रह के मित्र माना जाता है और जब-जब यह दोनों ग्रह कुंडली के में एक साथ विराजमान होते हैं, तो न सिर्फ शुभ राजयोग का निर्माण करते हैं अपितु जातकों को शुभ फल भी प्रदान करते हैं। हालांकि, जब 04 जनवरी को बुध धनु राशि में प्रवेश करेंगे, तब इस राशि में पहले से मौजूद सूर्य ग्रह के साथ युति करेंगे। ऐसे में, सूर्य और बुध के धनु राशि में एक साथ आने पर बेहद शुभ कहे जाने वाले बुधादित्य राजयोग का निर्माण होगा।
कुंडली में बुधादित्य योग का प्रभाव
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुधादित्य योग का निर्माण होता है, तो उसे अपने जीवन में धन, सुख-सुविधाओं, मान-सम्मान और वैभव प्राप्त होता है। मान्यता है कि जिन जातकों की कुंडली में बुधादित्य योग होता है और वह गरीब परिवार में जन्म लेता होता है, तो वह आगे चलकर इस योग के प्रभाव से धनवान बन जाता है। साथ ही, जातक के सभी कार्य समय पर पूरे होते हैं।
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ज्योतिषीय दृष्टि से बुध
बुध ग्रह को एक ऐसे ग्रह के रूप में जाना जाता है जो कि सूर्य की परिक्रमा बहुत तेज़ी से करते हैं। इनके आकार की बात करें तो, यह चंद्रमा से थोड़े बड़े और पृथ्वी से तक़रीबन 2.6 गुना छोटे हैं। ज्योतिष में बुध महाराज को युवा ग्रह माना जाता है जो कि तर्क क्षमता, अच्छे संचार कौशल और ज्ञान से जुड़े हैं। यह चंद्रमा की तरह अत्यंत संवेदनशील होते हैं। हालांकि, बुध देव मनुष्य के जीवन में बुद्धि, वाणी, सीखने की क्षमता और याददाश्त आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं।
बुध की अशुभ स्थिति का प्रभाव
करियर के क्षेत्र में बुध देव का संबंध बैंकिंग, कॉमर्स, लेखन, शिक्षा, ह्यूमर, संचार, मीडिया और किताबें आदि से है। यह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। वहीं, इनकी स्थिति अशुभ होने से मोबाइल, लैपटॉप, कैमरा, स्पीकर आदि खराब होने लगते हैं। इसके अलावा, कागजी काम और दस्तावेजों में भी गलती होने लगती है।
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ज्योतिष में धनु राशि की विशेषताएं
बात करें धनु राशि की तो, काल पुरुष कुंडली में धनु राशि नौवों स्थान पर आती है। यह अग्नि तत्व की दोहरे स्वभाव की राशि है। धनु राशि आत्मविश्वास, धर्म, वेद, पिता, सत्य, वक्ता, गुरु, लंबी दूरी की यात्रा, अंतरात्मा और सरकारी अधिकारी आदि को दर्शाती है। ऐसे में, बुध का धनु राशि में गोचर लोगों के जीवन को प्रभावित करने का काम कर सकता है। इनका यह गोचर सभी राशियों को कैसे प्रभावित करेगा, यह जानने से पहले आइए जान लेते हैं कुंडली में कमज़ोर बुध को मज़बूत करने के उपाय।
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कमज़ोर बुध का प्रभाव
- जिन जातकों की कुंडली में बुध कमज़ोर होता है, उनकी वाणी और बात करने की क्षमता प्रभावित होती है जैसे कि वह हकलाने लगता है।
- व्यक्ति का खुद पर से विश्वास उठ जाता है अर्थात आत्मविश्वास की कमी रहती है।
- साथ ही, जातक की बुद्धि कमजोर होने लगती है और वह सही से सोच-विचार नहीं कर पाता है।
- बुध के कमजोर होने पर त्वचा से जुड़े रोग जन्म लेते हैं।
इन उपायों से कमज़ोर बुध को करें मज़बूत
- बुध ग्रह को मज़बूत करने के लिए बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं।
- नियमित रूप से गाय की सेवा करें।
- तुलसी का पौधा घर में लगाएं और इस बात का ध्यान रखें कि यह पौधा सदैव उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। नियमित रूप से तुलसी के पौधे की पूजा करें।
- भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा घास और देसी घी के लड्डू चढ़ाएं।
- परिवार की महिलाओं को हरी चूड़ियां और कपड़े भेंट करें।
- किन्नरों का आशीर्वाद लेना शुभ रहता है।
- पक्षियों को विशेष रूप से कबूतरों और तोते को भिगोए हुए हरे चने खिलाना फलदायी रहेगा।
- बुध की महादशा के दौरान बुध ग्रह की होरा और नक्षत्र में अभिमंत्रित बुध यंत्र को स्थापित करके पूजा करना सर्वश्रेष्ठ होता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
वर्ष 2025 में 04 जनवरी 2025 को बुध का धनु राशि में गोचर कर जाएंगे।
ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, व्यापार और तर्क के कारक माने जाते हैं।
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