बुध सिंह राशि में अस्त: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध सिंह राशि में अस्त के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इस बुध अस्त का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रभाव से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को बुध अस्त से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा, इस ब्लॉग में बुध ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे। बता दें कि बुध 14 सितंबर 2024 को सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह में अस्त होने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
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बुध हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है और सूर्य के सबसे निकट है। यह चंद्रमा से थोड़ा बड़ा है। बुध की सतह से, सूर्य पृथ्वी से देखने पर तीन गुना से भी ज़्यादा बड़ा दिखाई देगा, और सूर्य का प्रकाश सात गुना ज़्यादा चमकीला होगा। ज्योतिष में, बुध ज्ञान, संचार और तेज़ सोच का प्रतिनिधित्व करता है। बुध अस्त की घटना प्रौद्योगिकी, व्यापार और यात्रा को प्रभावित कर सकता है।
बुध सिंह राशि में अस्त: तिथि व समय
वाणी, बुद्धि, त्वचा और मस्तिष्क की तंत्रिका तंत्र के कारक ग्रह बुध वर्तमान में सिंह राशि में गोचर कर रहे हैं और अब 14 सितंबर 2024 की दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर अस्त हो जाएंगे। इसके बाद 23 सितंबर को बुध कन्या राशि में गोचर करेंगे। आइए आगे बढ़ते हैं और देखते हैं कि इस घटना का विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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बुध का सिंह राशि में अस्त: घटना
ज्योतिष के अनुसार, बुध की अस्त स्थिति व्यक्ति की विचार, विश्लेषण और संचार क्षमता को प्रभावित करती है। कुछ लोगों का मानना है कि मंत्रों का जाप करके या रत्न उपचार का उपयोग करके अस्त ग्रह को मजबूत व नकारात्मक परिणामों को दूर किया जा सकता है। कुछ लोग भगवान विष्णु की पूजा पाठ, हरे रंग के वस्त्र पहनने, बुधवार को उपवास करने, बुध को समर्पित मंत्रों को दोहराने और जरूरतमंदों को दान करने का सुझाव देते हैं। माना जाता है कि इन उपायों से व्यक्ति के ज्ञान, तर्क और संचार क्षमताओं में सुधार लाया जा सकता है। बता दें कि दरअसल कोई ग्रह जब सूर्य के इतना निकट चला जाए की वो सूर्य के तेज और ओज से प्रभावहीन हो जाए तो ऐसे ग्रह को अस्त ग्रह कहा जाता है। माना जाता है कि वो शुभ फल नहीं देता हैं। ऐसे ग्रह कुपित ग्रह कहलाते हैं।
सिंह राशि में बुध का अस्त होना: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
बुध मेष राशि के जातकों के लिए तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और बुध सिंह राशि में अस्त आपके पांचवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप यह आपके लिए प्रतिकूल समय प्रतीत हो सकता है। इस दौरान कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेना आपके लिए फायदेमंद नहीं साबित हो सकता है। आप इस बात को लेकर चिंतित हो सकते हैं कि आगे क्या होने वाला है। इसके अलावा, आपको कार्यस्थल में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और आप अपने काम में आगे बढ़ने के बारे में बहुत सोच सकते हैं। हालांकि, जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें अच्छा रिटर्न प्राप्त होगा और वे नए उद्यम शुरू करने में प्रगति देख सकते हैं। पैसे के मामले में, आप पैसे कमा सकते हैं और पैसे गंवा सकते हैं। ऐसे में, आशंका है कि आपको बचत करने में सफलता प्राप्त नहीं होगी।
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वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध, जो दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं, अब बुध आपके चौथे भाव में अस्त होंगे। परिणामस्वरूप, आपको अपने परिवार में समस्याओं और वित्तीय असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है। बुध अस्त के दौरान आपके अपने करियर में उन्नति के लिए बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि आपका खुद का व्यापार हैं तो, आपको जीत और हार के साथ-साथ कड़ी प्रतिद्वंद्विता का भी सामना करना पड़ सकता है। आपको अपने परिवार पर अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है, जो आपको आर्थिक रूप से परेशान कर सकता है।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं, तथा बुध दूसरे भाव में अस्त होंगे। इसलिए आपको अपने व्यक्तिगत और वित्तीय मामलों पर बहुत अधिक विचार करने की आवश्यकता हो सकती है। आप कार्यक्षेत्र में अपने काम से असंतुष्ट हो सकते हैं, जिससे आपके लिए आगे बढ़ना मुश्किल हो सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि नुकसान से बचने के लिए व्यवसाय में बड़े निर्णय लेने से बचना आपके लिए सबसे अच्छा होगा। आशंका है कि इस अवधि आपको अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त न हो और आपको अधिक नुकसान का सामना करना पड़े।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके बारहवें भाव में अस्त होंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको अवांछित यात्रा का सामना करना पड़ सकता है और हो सकता है कि आपको अच्छा रिटर्न प्राप्त न हो। इसके अलावा, आप अपने करियर में बेहतर अवसरों के लिए अपनी वर्तमान नौकरी बदलने के बारे में विचार कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल यह समय आपके लिए अधिक अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है। यदि आप कोई व्यवसाय चला रहे हैं, तो आपके लाभ और वित्त में उतार-चढ़ाव आ सकता है या आप बुरी संगत में फंस सकते हैं। इस दौरान आपको धन कमाने के अच्छे अवसर भी प्राप्त करने में मुश्किलें आ सकती हैं और आपके खर्चे भी बढ़ सकते हैं।
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तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में अस्त होंगे। परिणामस्वरूप, आपको अपने जीवन में एक अच्छा संतुलन बनाए रखना मुश्किल लग सकता है। आशंका है कि आपको कार्यस्थल पर भाग्य का साथ न मिले और करियर के क्षेत्र में आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं, जैसे वेतन में वृद्धि और पदोन्नति प्राप्त हो सकती है लेकिन उससे आपको संतुष्टि प्राप्त न हो। यदि आपका खुद का व्यवसाय है, तो आप एक मुश्किल स्थिति में आ सकते हैं और इस वजह से थोड़ा लाभ भी प्राप्त करने आपको मुश्किल लग सकता है। आर्थिक जीवन की बात करें, तो आपको लाभ और हानि दोनों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, कभी-कभी आपके लिए संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके आठवें भाव में अस्त होंगे। इसके परिणामस्वरूप, कार्यक्षेत्र में दबाव के कारण आप नौकरी बदलने के लिए मजबूर हो सकते हैं। ऐसे में, आपको सलाह दी जाती है कि परिस्थितियों के अनुकूल होने तक का इंतजार करें। जिन जातकों का खुद का व्यापार हैं, आशंका है कि उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक जीवन की बात करें, तो आशंका है कि आपके खर्चों में वृद्धि हो,जिससे संभालना आपको मुश्किल लग सकता है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि सावधानीपूर्वक योजना बनाकर खर्च करें और फिजूल के खर्चों से बचने का प्रयास करें।
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बुध सिंह राशि में अस्त: उपयुक्त उपाय
- भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें सफेद या पीले लड्डू का भोग लगाएं।
- बुधवार को गरीबों को हरी मूंग दाल दान करें।
- गाय को हरी पत्तेदार सब्जियां खिलाएं।
- युवती को चूड़ियां और अन्य श्रृंगार सामग्री दान करें।
- अपने बुध को बेहतर बनाने के लिए छोटे बच्चों को शिक्षित करें या गरीब बच्चों की शिक्षा को प्रायोजित करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
जब कोई ग्रह सूर्य के निकट आता है, तो उसे अस्त कहते हैं।
सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं।
एक अस्त ग्रह निश्चित रूप से उन भावों के परिणाम देने में कमज़ोर हो जाता है, जिन पर उसका आधिपत्य है और वह ज़्यादातर सकारात्मक परिणाम नहीं दे पाते हैं।